रायपुर
यह भी बताया गया कि कुत्तों का झुंड बच्ची को उठा ले गया था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 नवंबर। निगम की ढिलाई से राजधानी में एक बार फिर मुख्य सडक़ों और गलियों में आवारा कुत्तों के झुंड राह ही रोम और बच्चों पर हमले करने लगे हैं। और निगम का डॉग कैचर और नसबंदी अभियान ठप है। इन दोनों अभियानों के लिए निगम ने अपने बजट में करोड़ों का बजट पास किया है और नियमित व दैवेभो कर्मचारियों का एक बड़ा सेटअप भी है। लेकिन अभियान कागजों में नजर आता है।
इसी ढिलाई के चलते डॉग बाइट के मामले एक बार फिर बढऩे लगे हैं। दे दिन पहले रामनगर गुढय़िारी इलाके के गुलमोहर पार्क सोसाइटी के भीतर घुसे आवारा कुत्तों ने ढाई साल की बच्ची को नोंच दिया । आधा दर्जन कुत्तों ने बच्ची के शरीर में 11 जगह काटा । वह बच्ची शाम के समय अन्य बच्चों के साथ सोसायटी में खेल रही थी। उसके परिजन घर के बाहर ही बैठे थे। साथ खेल रहे बच्चों ने शोर मचाया तब वे दौड़े तब तक कुत्ते बच्ची को घायल कर चुके थे।( डॉग बाइट इतना गंभीर हां कि हम उसे प्रकाशित नहीं कर रहे । घटना के 24 घंटे के बाद भी निगम की ओर से कोई सुध नहीं ली गई है। बताया जा रहा है कि सोसायटी के लोगों ने इन कुत्तों को गेट बंद कर रखा हुआ है। लेकिन निगम की डॉग कैचर टीम नहीं पहुंची है। वहीं आसपास चक्कर काट रहे। इसी तरह से तीन चार दिन पहले मठपारा में दूसरी कक्षा के छात्र तनय कुमार को भी गली के कुत्ते ने काटा । वह परिजनों के साथ इंजेक्शन के लिए जिला अस्पताल घूम रहा है। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में उसके अलावा तीन चार और लोग इंजेक्शन के लिए आए हुए थे। उधर राजधानी के वीआईपी एस्टेट कॉलोनी पहुंच मार्ग में भी रहवासी इन आवारा कुत्तों के झुंड से परेशान हैं । ये कुत्ते बाइक सवार ही नही कारों को घेरकर काटने दौड़ते हैं।
हाईकोर्ट की फटकार का इंतजार है?
इलेक्शन अर्जेंट के नाम पर नगर निगम अपने रूटीन कार्य व अभियान को भी ताक पर रख दिया है । या फिर आवारा मवेशियों की तरह आवारा कुत्तों की धरपकड़ के लिए हाईकोर्ट से मुख्य सचिव के फटकार का इंतजार कर रहा है।