बेमेतरा

धान खरीदी केंद्रों में नहीं हो रहा उठाव, बारिश हुई तो किसानों को हो सकता है नुकसान
28-Nov-2023 2:28 PM
धान खरीदी केंद्रों में नहीं हो रहा उठाव, बारिश हुई तो किसानों को हो सकता है नुकसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 नवंबर।
अंचल में लगातार बदली के बाद अब बारिश की संभावना बनी हुई है। सोमवार को मौसम का मिजाज कुछ यूं रहा कि लग रहा था कि कभी भी बारिश हो सकती है। इसके चलते खेतों में फसल काटने वाले किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं धान खरीदी केंद्रों में परिवहन के अभाव में 1192738 क्विंटल धान रखा हुआ है। उठाव नहीं होने की स्थिति में अगर बारिश हो जाती है तो भारी नुकसान का अंदेशा है। बहरहाल बारिश व नमी से बचाव के लिए समितियों ने केप कवर की व्यवस्था करने की बात कही है। बता दें कि 24 घंटे से मौसम का तेवर बदला है।

उठाव की कम रफ्तार पड़ सकती है भारी 

जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में अब तक 25389 किसानों से 809501 क्विंटल मोटा धान, 156815 क्विंटल पतला व 266890 क्विंटल पतला धान समेत कुल 1233208 क्विंटल धान खरीदी गई है। जिले में खरीदे गए 1233208 क्विंटल धान में से अब तक केवल 7193 क्विंटल धान का ही उठाव हुआ है। जिले के 46 धान खरीदी केन्द्रों में ही धान का उठाव या परिवहन शुरू हुआ है। शेष 83 धान खरीदी केन्द्रों में उठाव प्रारंभ ही नहीं हुआ है। उठाव नहीं होने के कारण वर्तमान में जिस समिति में धान का स्टॉक है, उन्हें स्टॉक को सुरक्षित रखने की चिंता सताने लगी है। बेमेतरा समिति के विनोद राजपूत ने बताया कि मौसम को देखते हुए सभी स्टॉक को ढक कर रखा गया है।

समितियों में गुरूवार के बाद से धान खरीदी नहीं 

जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में बीते गुरूवार के बाद से अवकाश होने के कारण धान खरीदी बंद है। धान खरीदी बंद रहने की वजह से स्टॉक को सुरक्षित करने के लिए समितियों को समय मिला है। अब मंगलवार से धान खरीदी सुचारू रूप से प्रारंभ होगी। इस बीच बारिश हुई तो रोजाना आने वाले धान को सुरक्षित रखने की समस्या होगी ।

किसानों को चिंता सताने लगी  

खेतों में रखी फ सलों की भी चिंता सताने लगी है। मौसम की वजह ये समस्या उन किसानों के लिए अधिक है, जो फ सल काट कर खेतों में छोड़ आए हैं। कामकाज अधिक होने की वजह से इन दिनों खेतों में काम करने के लिए मजदूर कम मिल रहे हैं। इस स्थिति में मजदूर जुटाने तक खेत मालिक ही फसल काट रहे हैं। अब मौसम की आंख मिचौली शुरू हो गई है। बारिश हुई तो फ सलें पानी में भीग जाएंगी, जिससे बाली गिरने के कारण उत्पादन प्रभावित होगा। किसान प्रकाश वर्मा ने बताया कि इस हालत में अनुमानित उत्पादन कम होगा और फ सल लागत भी बढ़ेगी।

55 धान खरीदी केन्द्रों में अधिक स्टॉक मौजूद 

बंमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक के 55 धान खरीदी केन्द्रों में बफ र स्टॉक है। इन समितियो में धान का परिवहन अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है, जिसकी वजह से समितियों के पास स्टॉक क्षमता सेे अधिक हो चुका है। समितियों के पास पहले अधिक मात्रा में रखे धान को रखने की समस्या रही और अब मौसम ने डबल संकट खड़ा कर दिया है, जिसकी वजह से समितियों को केपकवर व सुरक्षा के अन्य उपायों के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है। सहायक नोडल अधिकारी अरविन्द वर्मा ने बताया कि जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में रखे धान को सुरक्षित कर लिया गया है।

पश्चिमी विक्षोभ को कारण बता रहे हैं जानकार 

बादल की आंख मिचौली के पीछे पश्चिमी विक्षोभ को कारण बताया जा रहा है और उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के कारण ठंड बढ़ रही है। वहीं बारिश होने के आसार बन रहे हैं। आने वाले एक दो दिन में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।

दिन पहले डूबने लगा है, अब काम के लिए समय कम

जारी सर्द सीजन के दौरान सुबह देर से सूरज के परवान चढऩे और शाम को जल्दी डूबने की वजह से दिन की अवधि कम हो चुकी है। वहीं आज दिन भर सूर्यदेव का दर्शन लोगों को नहीं हुआ। विनय शर्मा ने बताया कि कम समय मिलने का असर काम पर पडऩे लगा है। इस सर्द सीजन में पहली बार लोग गर्म कपड़ों को पहनने लगे हैं।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news