बलौदा बाजार

सरकारें बदल गई, नहीं बदली सडक़ की सूरत शहर का महत्वपूर्ण मार्ग आज भी है बदहाल
09-Dec-2023 7:21 PM
 सरकारें बदल गई, नहीं बदली सडक़ की सूरत शहर का महत्वपूर्ण मार्ग आज भी है बदहाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 9 दिसंबर। पिछले 10 साल में सरकारें बदल गई, पर नहीं बदली तो नगर पालिका के सामने सडक़ की सूरत। शहर के गली मोहल्लों की सडक़ों पर फिर से सडक़ बनाकर सडक़ों का पहाड़ बनाने वाली नगर पालिका अपने कार्यालय के सामने की सडक़ को पिछले 10 साल में ही नहीं बन पाई।

बताया जाता है कि मुख्य मार्ग के बाद शहर की दूसरी सबसे मुख्य सडक़ पर 10 साल तक मुरूम बजरी डालकर इतने पैसे खर्च हुए जीतने में दो बार यह सडक़ बन जाती। आमजनों द्वारा वर्षों से निर्माण की मांग पश्चात नगरी प्रशासन मंत्री द्वारा इसके निर्माण के लिए राशि प्रदान करने व निविदा स्वीकृत हो जाने के पश्चात ठेकेदार द्वारा समय अवधि समाप्त होने के बाद काम शुरू किया गया, परंतु भुगतान संबंधी गतिरोध के चलते दो माह में ही काम बंद हो गया।

आमजनों के बढ़ते आक्रोश के बाद 612 मीटर लंबी 9 मीटर चौड़ी इस सडक़ के लिए 1 करोड़ 4 लाख रुपये जून 2022 को टेंडर जारी कर 5 माह की अवधि में कार्य पूर्ण करने की शर्तों के साथ शहर के ठेकेदार की कंट्रक्शन कंपनी को निविदा एसओआर दर से 13.67 प्रतिशत अधिक पर काम दिया था।

काम भी शुरू किया गया,पर 14 माह बीत जाने के बाद भी स्थिति यह है कि सडक़ पर केवल बजरी और मुरूम बिछाई जा सकी है। इस मार्ग पर यातायात के अत्यधिक दबाव व वाहनों के आवागमन के दौरान धूल का गुबार उड़ रहा है। वहीं फिसलन होने से लोग चोटिल हो रहे हैं।

काम रोकना गलत -नपा अध्यक्ष

नगर पालिका अध्यक्ष चितावर जायसवाल का कहना है कि भुगतान की राशि से कार्य रोके जाने का तर्क गलत है। सरकारी कामों में भुगतान की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है,मगर इसके लिए इतनी महत्वपूर्ण निर्माण कार्य को रोकना सही नहीं है। काम बंद हुआ है इसलिए भुगतान नहीं हुआ काम चलाते रहता तो भुगतान भी होते रहता।

अस्पताल, कलेक्ट्रेट, महाविद्यालय जाते हैं लोग

नगर पालिका कार्यालय भवन के सामने से गुजरने वाली यह मार्ग डॉक्टर खूबचंद बघेल उद्यान से कलेक्ट्रेट पहुंच मार्ग को जोड़ती है। चूकि यह जिला मुख्यालय का सर्वाधिक व्यस्तम मार्ग है और प्रतिदिन सैकड़ो विद्यार्थियों व आमजनों का आवागमन होता है। वहीं जिला अस्पताल के एंबुलेंस अथवा अन्य बड़े वाहनों के आवागमन के दौरान धूल का गुब्बारा उड़ रहा है। इस वजह से मार्ग के किनारे निवासरत लोगों के अलावा इस मार्ग पर पढऩे वाले कार्यालय व अस्पताल के मरीज अत्यधिक परेशान हैं।

ठेकेदार ने काम रोक दिया

इंजीनियर विनोद यादव का कहना है कि जून में ठेकेदार के 34 लाख रुपए के दिए बिल में एचडी की राशि काटने के बाद 26 लाख रुपए देने थे। मगर शासन से राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण 15 लाख रुपए दिए पूरा भुगतान नहीं किए जाने की बात कहकर ठेकेदार ने आगे काम नहीं किया है।

 

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