बलौदा बाजार
गेहूं की बोनी कर रहे किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा. 11 दिसंबर। करना होगा जल जमाव से बचने का प्रबंधन। यह सलाह ऐसे गेहूं उत्पादक किसानों के लिए जारी हुई है, जिन्होंने हाल ही में गेहूं की बोनी की है। जहां, नहीं की जा सकी है बोनी, वहां के किसानों को मौसम खुलने के बाद ‘ओल’ आने की प्रतीक्षा करने की सलाह साथ में जारी करते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि समय और स्थिति का विशेष ध्यान रखें।
खरीफ फसलों की कटाई और रबी की तैयारी कर रहे किसानों पर ‘मिचौंग’ कहर बनकर आया है। मुश्किल की इस घड़ी में कृषि वैज्ञानिकों ने रबी फसल लेने वाले किसानों के लिए जो एडवाइजरी जारी की है, उसका पालन निश्चित ही नुकसान से बचाव करने में मदद करेगा। खासकर गेहूं उत्पादक किसानों के लिए जारी यह एडवाइजरी बेहद लाभदायक होगी। इसमें तैयार हो रही गेहूं की फसल और बोनी की तैयारी कर रहे किसानों को विशेष ध्यान रखना होगा।
करें प्रतीक्षा ओल आने की
ऐसे किसान जिन्होंने गेहूं की बोनी नहीं की है, उनको बारिश के बाद मौसम खुलने तक प्रतीक्षा करनी होगी। मानक नमी रहने पर ही बोनी कर सकेंगे। यानी ओल आने तक प्रतीक्षा करने की सलाह वैज्ञानिकों ने दी है। इसके पहले यदि बीज डाले जाते हैं, तो वह खराब हो सकते हैं।
जल जमाव नहीं होने दें
ऐसे किसान जिन्होंने हाल ही में बोनी की है, उनके लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि जिस खेत में बोनी की जा चुकी है, वहां पर जल निकास का प्रबंध फौरन करें क्योंकि जल जमाव जैसी स्थितियों में बीज शीघ्रता से खराब होते हैं, लिहाजा जमाव की स्थिति मिलने पर जल निकास की व्यवस्था फौरन करें।
यहां करें यूरिया का छिडक़ाव
समय पर की गई बोनी के बाद ऐसी फसल, जिनकी उम्र 20 से 25 दिन की हो गई है, वहां के किसान मानक मात्रा में यूरिया का छिडक़ाव अवश्य करें क्योंकि ठीक समय पर बारिश हो रही है। यह उपाय, बढ़वार के साथ उत्पादन के लिए भी बेहतर होगा।
सतर्कता बेहद जरूरी
डॉ. एपी अग्रवाल, प्रिंसिपल साइंटिस्ट (गेहूं), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर का कहना है कि असमय हो रही बारिश को ध्यान में रखते हुए गेहूं उत्पादक किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी की जा रही है। पालन करने से अनावश्यक हानि से किसान बच सकेंगे।