रायपुर
खरगे ने पूर्व विधायकों से मिलने दिया समय, सभी शाम तक दिल्ली पहुंचेंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 दिसंबर। कांग्रेस के एक और पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। उनकी चुनाव में टिकट काटी गई थी। केरकेट्टा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज से इस्तीफा मांगा है। इस विधायक ने मीडिया से चर्चा में कहा है कि पहले तो बैज को चुनाव नहीं लडऩा था। उनके चुनाव लडऩे से चुनाव संचालन के लिए सुनने वाला कोई नहीं था और संगठन कमजोर हुआ, इस वजह से पार्टी की हार हुई इसकी जिम्मेदारी लेते हुए स्वेच्छा से इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे पहले बृहस्पति सिंह ने कु.सैलजा को हटाने की मांग कर दी है। वहीं डॉ.विनय जायसवाल ने प्रदेश सचिव चंदन यादव पर टिकट के लिए सात लाख रूपए रिश्वत लेने की बात कहकर सनसनी फैलाई है। हालांकि इन दोनों को कल पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। कल इनके साथ दर्जन भर पूर्व विधायकों ने डॉ.जायसवाल के घर पर बैठक की और फिर पूर्व सीएम भूपेश बघेल से जाकर मुलाकात की । और फिर सभी दिल्ली जाने का फैसला कर चुके हैं। इनमें से अमरजीत भगत, बृहस्पति सिंह, मोतीलाल देवांगन तो रवाना हो गए । एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने मुलाकात का समय दिया है । उनसे मिलकर कांग्रेस को धोखा देने वालों की शिकायत करेंगें। डॉ. जायसवाल ने कहा कि ढाई-ढाई साल के मुद्दे ने पार्टी को चौपट किया, और पूरी सरकार को निगल दिया। इस पर संचार विभाग के नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पार्टी में सभी की सुनवाई होती है। बृहस्पत सिंह को अवसर दिया गया था, उनकी बात सुनी गई, फिर कार्रवाई की गई। हाईकमान के पास अपनी बात रखने का अधिकार सबको है।
कांग्रेस और डूबने वाली है-बृजमोहन
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेसी मुखर होकर शीर्ष नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसके चलते गुरुवार को कांग्रेस ने अपने दो पूर्व विधायकों (बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल) को 6 साल के लिये निष्कासित कर दिया है। अब इस मामले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हार के बाद भयभीत और डरी हुई है। कांग्रेस अभी तक सपनों में जी रही थी। बड़े-बड़े वादे कर रही थी। और अब पूर्व विधायकों को एक साथ पार्टी से निकाल रही है। शीर्ष नेतृत्व को नेताओ की बात सुननी चाहिये। जहा भी हिटलर वाद चलेगा, वहां तो ऐसी स्थिति आएगी ही। आने वाले समय में कांग्रेस और डूबने वाली है।