रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 दिसंबर। राजधानी और बेरला में छापे के तीसरे दिन बीती देर रात 7 ठिकानों पर आयकर अफसरों ने कार्यवाही ख़त्म कर ली है।और 43 ठिकानों पर कार्यवाही जारी है।
आयकर विभाग ने कुल 12 बैंक लॉकर में से 3 लॉकर पर निषेध आदेश (पीओ) चस्पा कर दिया है। बाकी बैंक लॉकर्स में भारी मात्रा में जमीन के कागजात, कैश जेवर मिले हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। जांच दायरे में आए 18 प्रतिष्ठानों के संचालकों में से 3 संचालकों ने कर चोरी स्वीकार कर ली है।आयकर विभाग की अहमदाबाद से आयी साइबर टीमें डिलीट मैसेज रिकवर करने में जुटी हुई है। आज रविवार को भी देर रात तक कार्यवाही जारी रहने की जानकारी दी गई है । इन कारोबारियों के यहां से पहले दो दिन की कार्रवाई में पांच करोड़ रूपए नगद मिले थे। इसमें से 3.45 करोड़ एक ही कारोबारी के यहां सीज किए गए।
भारी मात्रा में मिले कच्चे में लेन-देन के दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक आयकर अफसरों को सूरज पल्सेस के अलावा अन्य कई कारोबारी समूह के ठिकानों से भारी मात्रा में कच्चे में लेन-देन के दस्तावेज हाथ लगे हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के अलावा कागज में लिखे लेन-देन के दस्तावेज है। दस्तावेज के आधार पर आयकर अफसर कारोबारी समूह के सालाना टर्न ओवर की जानकारी जुटा रहे हैं।
यहां हो रही जांच
राजेश्वरी के अलावा बालाजी, मां शारदा, मानवी कोल्ड स्टोरेज, बालकिशन माहावार ब्रोकर सूरज पल्सेस भनपुरी।
डिलीट मैसेज रिकवर करने फोरेंसिक एक्सटपर्ट
कच्चे में लेन-देन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कारोबारी समूह द्वारा लैपटाप तथा कम्प्यूटर से डेटा डिलीट किए जाने की आईटी अफसरों को आशंका है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आईटी अफसर अपने फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ले रहे हैं। इसके लिए अहमदाबाद से एक दर्जन से ज्यादा फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट डिलीट मैसेज रिकवर करने के साथ ही लैपटॉप तथा कम्प्यूटर हार्ड डिस्क में उपलब्ध डेटा कॉपी करने का काम कर रहे हैं।
तीन साल में सौ करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी की आशंका
सूत्रों के मुताबिक आयकर अफसरों को आशंका है कि कारोबारी समूह द्वारा पिछले तीन साल में सौ करोड़ रुपए से लेन-देन में गड़बड़ी कर टैक्स चोरी की घटना को अंजाम दिया है।
सूत्रों के मुताबिक यह आंकड़े और बढ़ भी सकते हैं। कारोबारी समूह ने कितने के लेन-देन में टैक्स चोरी की है, इसका सही आकलन जांच के बाद ही पता चलेगा। करीब 10 साल बाद इन दाल, और कोल्ड स्टोरेज कारोबारियों पर आयकर ने छापेमारी की है। इन सबका पूरा कारोबार कच्चे लेनदेन में होता था।
---------------------