रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 दिसंबर। एम्स अस्पताल में ब्रेन डेड हो चुके रोगी की किडनी प्रत्यारोपित की गई। 20 वर्षीय युवक गंभीर स्थिति था। परिजनों की किडनी भी मैच न हो पाने की वजह से किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो पा रहा था। किडनी को एम्स तक पहुंचाने के लिए रायपुर में ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया।
प्रत्यारोपण के समय नई किडनी पेट के निचले हिस्से में लगाई जाती है। नई किडनी की रक्तवाहिकाएं पेट के निचले भाग में पाई जाने वाली रक्त वाहिकाओं से जोड़ दी जाती हैं। नई किडनी की मूत्रवाहिका को मूत्राशय से जोड़ दिया जाता है। एक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी सामान्य रूप से तीन से चार घंटे में हो जाती है।
लाइव किडनी प्रत्यारोपण में अमेरिका के बाद अब भारत दुनिया में दूसरा स्थान पर है। कैडेवरिक डोनर किसी दुर्घटना में मृत किसी स्वस्थ व्यक्ति की किडनी रोगी में प्रत्यारोपित की जाती है। भारत में, बहुत से लोग आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में अंग दाताओं के रूप में पंजीकरण कराना नहीं चुनते हैं।