रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 2 फरवरी। घरघोड़ा से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत भेंड्रा में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के निवासी पुनाराम उईके जिसके नाम पर आदिवासी जमीन 19 एकड़ को खरीद कर स्कैनिया कंपनी के नाम पर लीज लेकर सैकड़ों पेड़ों को काटकर वन तथा राजस्व शासकीय भूमि को कब्जा करने का बड़ा खेल करने का मामला सामने आया है।
वन विभाग द्वारा बनाये सीपीटी गड्ढा को भी कंपनी द्वारा अपने जमीन में मिलाकर अहाता से घेर कर कब्जा कर लिया गया है। वहीं पटवारी द्वारा दिये बिक्री छाँट में रजिस्ट्रीकृत जमीन के चारों ओर शासकीय जमीन का उल्लेख है जिसमें से लगभग 3 एकड़ को कब्जा कर अहाता निर्माण कराया जा रहा है। बेजा कब्जा की खबर लगने पर सरपंच ग्राम पंचायत भेंड्रा द्वारा तहसीलदार घरघोड़ा के समक्ष कंपनी द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर स्थगन हेतु आवेदन किया, जिस पर तहसीलदार घरघोड़ा ने कार्य को तत्काल रोकने का आदेश दिया।
एक बड़े क्षेत्रफल को जिसमें फॉरेस्ट और राजस्व भूमि को कंपनी द्वारा रातों रात कब्जा करने तथा पटवारी द्वारा दिये बिक्री छाँट में खरीदी किये भूमि पर 4538 काजू तथा अन्य वृक्ष होना बताया है, जिसमें कंपनी द्वारा रातों रात हजारों वृक्ष को काटकर हटा दिया गया। सरपंच तथा ग्रामीणों ने पूना राम द्वारा लिए जमीन का नाप कर कब्जा किये भूमि को तत्काल मुक्त करने का मांग किया है।
पंचायत की आपत्ति के बाद भी हो गया डायवर्सन
सरपंच धरमवती राठिया ने कहा की भूमि स्वामी द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु डायवर्सन के लिए लगाए आवेदन में एसडीएम घरघोड़ा द्वारा ग्राम पंचायत भेंद्रा से कथन मांगा गया, जिस पर ग्रामीणों ने ग्राम सभा तथा पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रस्तुत किया गया। पंचायत के आपत्ति के उपरांत भी 19 एकड़ भूमि का डायवर्सन तहसील कार्यालय द्वारा कर दिया गया।