राजनांदगांव

महतारी वंदन योजना में पात्रता आयु 18 वर्ष कर महिलाओं को सुविधा दें सरकार - हेमा
07-Feb-2024 4:21 PM
महतारी वंदन योजना में पात्रता आयु 18 वर्ष कर महिलाओं को सुविधा दें सरकार - हेमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 फरवरी।
छग  सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना आनन-फानन में लागू कर राज्य की महिलाओं के साथ छल करने जो नियम में शर्तें बनाई गई है, उसे समाप्त करने छग प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष एवं राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख के नेतृत्व में महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव कुसुम दुबे, शहर अध्यक्ष माया शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष रीना पटेल, प्रतिमा बंजारे, वरिष्ठ पार्षद दुलारी साहू, पूर्णिमा नागदेवे, प्रवक्ता निकहत परवीन, विद्या तिरपुड़े, ललिता ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बेतुके शर्तें हटाने व सुविधा के लिए मांग की है।

महापौर हेमा देशमुख ने मोर्चा खोलते महतारी वंदन योजना के अव्यवहारिक नियम शर्तों को हटाने के मजबूत सकारात्मक पहल की है। महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि महतारी वंदन योजना का लाभ हर विवाहित महिला को मिलने की बातें भाजपा ने मोदी की गारंटी के रूप में कर समाचार पत्रों में प्रचार के साथ विधानसभा चुनाव के दरमियान पाम्प्लेट वितरित किए थे, जो ज्ञापन  के साथ संलग्न है । वैसे भी सरकार इस योजना को लागू करने में विलंब करने के साथ-साथ इस योजना से राज्य की अधिकांश महिलाओं को बाहर करने सरकार ने सुनियोजित नियम शर्ते बनाए हैं। जिससे हर विवाहित महिला को इसका लाभ नहीं मिलेगा, जो नारी शक्ति के साथ अन्यकारक है। इसके लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि इस योजना में पात्रता की आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। जबकि विवाह की आयु 18 वर्ष होती है और 18 से 21 वर्ष की नवविवाहित महिलाएं बड़ी संख्या में योजना के लाभ से वंचित हो रही है। वहीं आयकर दाताओं के संबंध में राज्य सरकार ने कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं किया है कि आयकरदाता ही इस योजना के अपात्र है या  ऐसे पैन कार्डधारी जिन्होंने आयकर विवरणी नील (शून्य) जमा की है और वे आयकरदाता के श्रेणी में नहीड्ड आते, वे पात्र हैं या अपात्र है। इस संबंध में राज्य सरकार  द्वारा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। इसी प्रकार विधवा/परित्यागता/निराश्रित महिलाएं हैं, जिन्हें पेंशन प्राप्त होता है उन्हें भी इस योजना की संपूर्ण राशि नहीं प्रदान किया जाना सहानुभूति प्राप्त  महिलाओं के हितों पर कुठाराघात है।

महापौर ने कहा कि  राज्य सरकार ने अब तक हितग्राहियों के लिए मोबाइल एप भी लॉन्च नहीं कर सकी है। जिससे घर से ही महिलाएं योजना का लाभ प्राप्त कर सके। हितग्राही महिलाओं को आंगनबाड़ी कोड और सेक्टर की भी जानकारी हो यह संभव नहीं है, क्योंकि महतारी वंदन योजना में आंगनबाड़ी कोड संख्या की भी जानकारी देनी है। 

आंगनबाड़ी कोड की संख्या सार्वजनिक किया जाना अति आवश्यक है। कुल मिलाकर राज्य सरकार की मंशा महतारियों के वंदन की नहीं है सिर्फ योजना के नाम पर महतारियों को गुमराह करने और लाभ से वंचित करने का ताना-बाना ही है।

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