बस्तर
जगदलपुर, 12 फरवरी। छोटी छोटी बातों में अपने घर परिवार को छोडक़र चाहे वह नाबालिग हो या फिर शादीशुदा चले जाते है, जिसके बाद परिजनों के द्वारा मामले की रिपोर्ट दर्ज कराया जाता है, जिसके बाद परिजन के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा खोजबीन की जाती है, इसी गुमशुदाओं को खोजने के लिए बस्तर पुलिस के द्वारा अभियान मुस्कान की शुरुआत की, जिसके तहत अब तक कइयों गुमशुदाओं को बस्तर पुलिस ने खोज कर परिजनों से मिलवाया, इसी खोजबीन का नतीजा है कि पूरे छत्तीसगढ़ में बस्तर गुमशुदाओ को खोजने में अव्वल आया है।
बताया जा रहा है कि बस्तर पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के साथ ही संवेदनशीलता और जनसेवा की मिसाल पेश कर रही है, बस्तर पुलिस द्वारा ऑपरेशन मुस्कान के तहत सफलता हासिल की, जहाँ 1अप्रैल 2023 से 31दिसम्बर 2023 के बीच लापता हुए 1003 बालक/बालिकाओं/वयस्कों में से 943 की तलाश कर परिजनों से मिलाया है, 94 प्रतिशत गुम इंसानों की तलाश कर बस्तर पुलिस ने छत्तीसगढ़ राज्य में अव्वल स्थान पाया है, जिला पुलिस ने वर्ष 2023 में 351 लापता इंसानों (6 बालक, 64 बालिका,193 महिला एवं 88 पुरुष ) में से 316 (6 बालक, 63 बालिका, 166 महिला एवं 81पुरुष ) इंसानों को खोज निकाला, वहीं 2023 से पूर्व 01जनवरी 2007 से 31दिसम्बर 2022 तक) के 56 गुम बालक/बालिकाओं/वयस्का को तलाश कर कुल 407 परिवारों को मिलाया है। बरामद हुए मामलों में वर्ष 2017 और 2019 के नाबालिग भी शामिल हैं, जिन्हें मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाश कर गुजरात और मध्यप्रदेश से बरामद किया गया, साथ ही वर्ष 2012 में गुम हुए वयस्क को 48 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र से बरामद किया गया।
बस्तर पुलिस की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा के द्वारा किये गए प्रयास के साथ ही बस्तर जिले के अधिकारी कर्मचारियों के अथक प्रयास और परिश्रम का परिणाम रहा है।