बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 फरवरी। बस्तर परब लोककला मंच बड़ेकनेरा के कलाकारों द्वारा सामाजिक कुरीतियों, बालविवाह, बालिका शिक्षा, महिला उत्पीडऩ, नशामुक्ति, सडक़ सुरक्षा, यातायात के नियम, वृक्ष कटाई, पशु-पक्षियों का शिकार आदि सभी विषयों पर स्थानीय बोली में लघु फिल्म बनाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास विगत तीन वर्षों से किया जा रहा है।
बस्तर परब लोककला मंच के निर्माण प्रमुख जीवन दास बघेल, विमल तिवारी व निर्देशक श्रवण मानिकपुरी ने सामूहिक रूप से बताया कि बस्तर स्थानीय कलाकारों चाहे वो जिस भी विधा में हो, उनकी प्रतिभाओं को मंच देने के लिये बस्तर परब लोककला मंच का गठन किया गया है। हमारे लोककला मंच में लगभग 70 कलाकार हैं, हम मंचीय प्रस्तुति के अलावा यूट्यूब पर लोगों को जागरूक करने लघुफिल्म बनाकर भी डालते हैं, जिसमें बाल विवाह जागरूकता हेतु हल्बी लघुफिल्म सुंदरी तारा, महिला उत्पीडऩ हेतु , अबगो लेकी चो मांय,नशामुक्ति हेतु ,मंद निसा चो भोर, सडक़ सुरक्षा व यातायात के नियम हेतु , हेलमेट से सिर की रक्षा, वृक्ष कटाई रोकने, दासानी दादा चो दादागिरी, जैसी लघुफि़ल्में बस्तरिया शो यूट्यूब में अपलोड कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते रहे हैं। टीम के कलाकार कई बड़े प्लेटफार्म आकाशवाणी, दूरदर्शन आदि में भी अपनी कला का जौहर दिखा चुके हैं।
टीम में वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम नाग, साहित्यकार विश्वनाथ देवांगन, लोकगायिका देशवती पटेल,हल्बी साहित्यकार पुरुषोत्तम पोयाम, लोकसाहित्यकार नरेंद्र बघेल, कवि हेमदेव सोम,स्वपन बोस गायक हर्ष पटेल,गायक जागेश्वर नागेश,प्रेम निषाद, वीरेंद्र साहू, हस्तु लाल बैध, साहित्यकार व चरित्र अभिनेता दिनेश विश्वकर्मा, शिवेंद्र कोमरे, मनीष पांडे, ओम सेन,गोलू सेन, देवराज कश्यप, सौरभ यदु,थमन लाल नाग,पारंपरिक मंचीय कॉमेडियन गणेश मानिकपुरी, कृष्णा दिनकर, देवेंद्र बेसरा, जगनाथ नेताम,मंचीय कलाकार फरस भारद्वाज,बाल्या सागर, कलाकार है जो बस्तर की कला संस्कृति की संरक्षण व संवर्धन के लिये संसाधनों के अभाव में भी निरंतर लगे हुए हैं।