रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 फरवरी। सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले प्रदेश में आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण, पदोन्नति, नौकरी में बैकलॉक, पांचवी अनुसूची क्षेत्र में स्थानीय आरक्षण, फर्जी जाति प्रकरण में कार्यवाही एंव 2.50 लाख के आय सीमा को हटाए जाने की मांग को लेकर सोमवार को बुढ़ातालाब स्थित धरना स्थल के पास प्रदेश भर से आए आदिवासी समाज के लोगों ने विधानसभा का घेराव करने राजधानी पहुंचे।
आदिवासी समाज के प्रांताध्यक्ष बीएस रावटे ने कहा कि हसदेव अरण्य में नियम विरुद्ध पेड़ काट कर, कोयला खनन और बस्तर में आदिवासी प्रताडऩा को लेकर आदिवासी सामाज सोमवार को विधानसभा घेराव किया गया। बुढ़ातालाव स्थित धरना स्थल पर हजारों की संख्या में लोग इस आंदोलन रैली में शामिल हुए। सरकार द्वारा बस्तर में फर्जी मुठभेड़, एंव सवैधानिक मांग को लेकर 24 जगह लगातार चल रहे आंदोलन, धरना, प्रदर्शन की कोई सुनवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि सलवा जुडुम में उजाड़े गये 600 गांव को अब तक बसाया नही गया है। और न ही कोई योजना प्रस्तावित किया गया है। धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक में सीतानदी अभ्यारण्य में विस्थापन गंगरेल बाध में विस्थापन के लिये 45 साल बाद भी हाई कोर्ट के आदेश के उपरांत पुर्नस्थापना नही हुआ है।
समाज की सरकार से मांग है कि पेशा कानून में संशोधन कर ग्राम सभाओं को पुर्ण अधिकार दिया जाए। बालोद जिला के ग्राम-तुएगोंदी, जामडी पाठ, ग्रामीणों के पांरपरिक आस्था की जगह बाहरी व्यक्ति का कब्जा हटाकर ग्रामीणों को वन अधिकार मान्यता पत्र सौंपा जाये। लेकिन शासन के द्वारा कोई भी मांग पूर्ण नहीं किया गया है, सरकार को सचेत करने और मांग के पूर्ति के लिये सर्वआदिवासी समाज रैली निकाल कर विधानसभा घेराव किया।