दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 मार्च। हेमचंद यादव विवि, दुर्ग द्वारा दिसंबर 2023 में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा तथा फरवरी माह में आयोजित साक्षात्कार में उत्तीर्ण शोधार्थी तथा नेट/सेट की परीक्षा उत्तीर्ण शोधार्थियों का उनके विषय के अनुसार विभिन्न महाविद्यालयों में स्थित शोधकेन्द्रों में प्रवेष प्रक्रिया 21 मार्च से आरंभ होकर 05 अपै्रल तक संपादित करना अनिवार्य होगा। यह जानकारी देते हुए विवि की पीएचडी सेल प्रभारी, डॉ. प्रीता लाल ने बताया कि शोधकेन्द्र में प्रवेश लेने के पूर्व प्रत्येक शोधार्थी के पास विवि द्वारा जारी पात्रता प्रमाण पत्र (पीएचडी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण प्रमाणपत्र) होना अनिवार्य है।
डॉ. प्रीता लाल के अनुसार विवि द्वारा समस्त पात्र शोधार्थियों को 19 एवं 20 मार्च को विवि के पीएचडी सेल से वितरित किये जायेंगे। इसके लिए संबंधित शोधार्थी को अपना पीएचडी परीक्षा प्रवेश पत्र साथ लेकर आना होगा। डॉ. लाल ने बताया कि आज विवि की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने विवि के सभी 17 शोधकेन्द्रों के प्राचार्यों की आवष्यक ऑनलाईन बैठक लेकर यह जानकारी दी कि यूजीसी द्वारा नवंबर 2022 में प्रकाषित राजपत्र में उल्लेखित नियमों के अनुसार अब शोधार्थी को शोधकेन्द्रों से को-गाईड लेने की अनिवार्यता नहीं है। इस नियम से सैंकड़ों शोधार्थियों को शोध करने में आसानी होगी।
डॉ. पल्टा ने कहा कि एैसे गाइड जो शोधकेन्द्रों में पदस्थ नहीं है उनके मार्गदर्शन में शोधकार्य करने वाले शोधार्थी को को-गाइड लेने की आवश्यकता नहीं है। डॉ. पल्टा ने यह भी जानकारी दी कि महाविद्यालय में शोधार्थी द्वारा प्रवेश लेने की तिथि के दिन यदि उसके शोधनिर्देशक की सेवानिवृत्ति की अवधि तीन साल शेष है तो वह शोधनिर्देशक के रूप में मान्य होंगे परन्तु यदि तीन वर्ष से 01 दिन भी अवधि कम होगी तो वें शोधनिर्देशक के रूप में अमान्य कर दिये जायेंगे।
शोधार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छ: माह के कोर्सवर्क की अवधि के दौरान कुछ कक्षाएं शनिवार एवं रविवार को ऑनलाईन रूप से कराने का भी डॉ. पल्टा ने सुझाव दिया। बैठक के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने किया।