सारंगढ़-बिलाईगढ़

केडार जलाशय क्षतिग्रस्त, रबी फसल से वंचित हो रहे केडार क्षेत्रवासी
04-Apr-2024 2:43 PM
केडार जलाशय क्षतिग्रस्त, रबी फसल  से वंचित हो रहे केडार क्षेत्रवासी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 4 अप्रैल।
नजर जहां पड़े वहा सिर्फ हरियाली ही हरियाली नजर आने वाली सैकड़ों एकड़ जमीन आज बंजर की भांति दिखाई पड़ रही है। सारंगढ़ क्षेत्र की सबसे अधिक खेतिहर क्षेत्र माने जाने वाला क्षेत्र आज घास फूस और पाराली से भर चुका है, हरियाली खोकर वीरान जमीन में बदल चुका है। अंचल को हरा भरा करने वाला केडार जलाशय लापरवाही, अनदेखी और देखरेख के अभाव के कारण क्षतिग्रस्त होने लगा है, जिससे अंचल के किसानों को रबी फसल से वंचित होने का भय सता रहा है।

विगत कई वर्षों से सैकड़ों एकड़ की डबल फसली खेती आज रुक गया है, जिससे किसानों की आय में भारी नुकसान हुआ होगा कुछ वर्षों से धान की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई तो किसानों का रुझान भी खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस वर्ष रबी फसल में खेती नहीं किया गया। 

ज्ञात हो कि सारंगढ़ क्षेत्र की सबसे अत्यधिक रबी फसल खेती करने वाली केडार क्षेत्र जहां लगभग 8 से 10 गांव के सैकड़ों हजारों किसान रबी फसल खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस वर्ष खेती पर प्रतिबंध लग गया, जिससे ग्रामीण खूब परेशान हो रहे है। केडार, लिमगाव, खोखसीपाली,अम्लीपाली, नवागांव, छिंद, 3.. जैसे दर्जन भर गांव है, जिनका आय का मुख्य साधन खेती है, जहां लगभग हजारों एकड़ जमीन पर रबी फसल लगाया जाता है। 

उसी से अपनी आय दुगनी कर रहे लेकिन इस वर्ष इन किसानों की आय घट रहा हजारों एकड़ जमीन खेती से हो गया वंचित जिसका मुख्य कारण केडार जलाशय बांध है। इस क्षेत्र की किसानों की खेती का मुख्य श्रोत केडार जलाशय बांध है, लेकिन इस बार जलाशय की कोख में इतना पानी नहीं की क्षेत्र की किसानों को पाल पोस सके, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि बांध डेमेज होना बताया गया।

केडार जलाशय बांध लीकेज लेकिन मरम्मत कब ?
केडार जलाशय बांध वर्षों से क्षेत्र की किसानों के लिए जीवनदायनी बांध बना हुआ है, जिसे क्षेत्र की सैकड़ों किसान हजारों एकड़ जमीन पर खेती करते आ रहे है, लेकिन पिछले वर्ष सभी किसानों को खेती करने के लिए जल संसाधन विभाग ने मना कर दिया गया जिसका मुख्य कारण है कि केडार बांध डैमेज हो चुका है जिससे पानी रुक नहीं रहा जिसको लेकर क्षेत्र की किसानों ने जल संसाधन विभाग को पिछले वर्ष अवगत कराया गया जिस पर विभाग ने आश्वासन देते हुए मरम्मत करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकला हालांकि विभाग कह रही है कि ऊपर पत्र भेजा गया है। स्वीकृति आते ही पूरा हो जाएगा, लेकिन कब तक आयेगा इस बात की कोई जानकारी नहीं।

इस संबंध में क्षेत्र की ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष ही विभाग को इसकी जानकारी दे चुके है, लेकिन अब तक नहीं हुआ है। बांध इतना क्षतिग्रस्त हो चुका है कि इस वर्ष इसे नहीं बनाया गया तो आने वाले बरसात के दिनों में बांध का टिकना संभव नहीं है, क्योंकि पहाड़ों से होते हुए लाखों लीटर पानी बांध में आता है, और जलाशय इतना क्षतिग्रस्त है कि टिक नहीं पायेगा। यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बरसात में बांध टूट गया तो कितना नुकसान क्षेत्रवासियों को उठाना पड़ेगा, इस बात की भी चिंता ग्रामीणों को सता रहा वहीं मीडिया टीम को बताते हुए ग्रामीण ने यह गुहार लगाया है कि जल्द से जल्द बांध की मरम्मत किया जाए।

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