सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़़, 7 अप्रैल। जिला मुख्यालय के 84 धान खरीदी केंद्रों में अभी भी लाखों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं, जो कड़ी धूप में सूखने और गोरे भी फटने की नौबत आ चुकी है।
जिलों में धान खरीदी कार्य 4 फरवरी को समाप्त हो चुका है, लेकिन उठाव की सुस्त रफ्तार से 84 उपार्जन केंद्रों में लाखों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे जमा है। खरीदी समाप्त हुए लगभग 2 माह हो चुका है, बावजूद अभी भी जिलों को मिलाकर लगभग 3 लाख क्विंटल धान विभिन्न उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे जाम है। मार्च से गर्मी का प्रकोप प्रारम्भ हुआ जो अप्रैल आते-आते भीषण गर्मी का असर समूचे सारंगढ़- बिलाईगढ़ अंचल में देखा जा रहा है। धूप और गर्मी के इतर पिछले दो दिन शाम के समय मौसम में बदलाव देखा रहा है। इधर मौसम विज्ञान केन्द्र ने आगामी 6 अप्रैल को बारिश होने का अंदेशा जताया है। खुले आसमान के नीचे हजारो थप्पियों में रखा धान पर सूखत की मार पडऩे से उपार्जन केंद्र प्रभारियों की चिंता बढ़ गई है।
कहां कितना धान जाम
जिला में भेडवन लगभग 22सौ क्विंटल उलखर 4 हजार क्विंटल छिन्द 87 लिमगांव 88 क्विंटल कोसीर छोटे दानसरा,सालर मल्दा सरसींवा बरमकेला,कोसीर नवरंगपुर खैरहा आदि 84 खरीदी केंद्रों में तीन लाख धान सभी जिलों विभिन्न उपार्जन केंद्रों में जाम है।
धान खरीदी समाप्त हुए दो माह समाप्त हो चुका है फिर भी खरीदी केंद्रों में कहीं अधिक मात्रा में धान जमा है तो कहीं नाम मात्र धान जमा है जो अभी इस भीषण गर्मी में धान को सुरक्षित रख पाना मुश्किल साबित हो रहा है, और प्रभारियों को धान खरीदी अथवा उठाव के बारे में जानकारी मांगने पर कुछ भी कहने से बच रहे है।
इससे पहले उच्च अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि 15 मार्च तक धान खरीदी केंद्रों से उठाओ का टारगेट रखा गया है। हमारे द्वारा प्रतिदिन सभी खरीदी केंद्रों में धान उठाओ लगातार जारी है। लेकिन अब मार्च के बाद अप्रैल की तेज धूप में भी खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान अभी भी पड़े हुए हैं जो समिति प्रबंधकों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
डीएमओ मनोज यादव ने कहा, जिले में तीन लाख क्विंटल धान समितियां में जमा है जिसका डीओ कट गया है आने वाले से 10 दिन के भीतर जिन समितियां में उठाव कर लिया जाएगा।