रायपुर

एयरपोर्ट में नेता-अफसरों के लिए तीन लेन पर अतिक्रमण
22-Jun-2024 4:44 PM
एयरपोर्ट में नेता-अफसरों के लिए तीन लेन पर अतिक्रमण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 22 जून। माना के स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन  के बाहर पिक-अप और ड्रॉप के लिए बनाई गई पांच लेन में से तीन पर घुसपैठ करके वीआईपी संस्कृति शुरूआत कर दी गई है। इससे आम यात्रियों के लिए रेलमपेल की स्थिति बन गई है।

 एयरपोर्ट पर आने वाले सभी वाहनों के लिए पाँच लेन हैं। लेकिन शेड के नीचे टर्मिनल के करीब तीन लेन पर अक्सर कब्जा रहता है या जानबूझकर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों या वीआईपी के साथ आने वाले काफिले के सुरक्षित कर दिया गया है।

विडम्बना यह है कि यह प्रथा वर्षों से चली आ रही है। पुलिस कर्मी, जिन्हें अक्सर प्रवेश द्वार पर तैनात देखा जाता है, यह सुनिश्चित करते हैं कि आम यात्रियों के वाहन तीन वीआईपी लेन में प्रवेश न करें। छत्तीसगढ़ आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह ठाकुर ने कहना है कि यह वीआईपी श्रेणी के व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों के लिए तीन पिक-अप और ड्रॉप लेन पर अनधिकृत अतिक्रमण  है। वीआईपी के लिए आरक्षित लेन जैसी व्यवस्था भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है जो किसी भी आधार पर बिना किसी भेदभाव के कानून के समक्ष सभी के साथ समान व्यवहार की बात करता है। वीआईपी के लिए ऐसी अनुचित कवायद कहीं नहीं देखी जाती।

कई वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, शारीरिक रूप से विकलांगों और बच्चों को बहुत परेशानी होती है, खासकर गर्मियों के महीनों के दौरान, जब वे हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं तो अपने पार्क किए गए वाहनों तक पहुंचने के लिए लगभग 300 मीटर पैदल चलना पड़ता है। रायपुर हवाईअड्डे में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हवाईअड्डे पर कहीं भी वीआईपी या वीवीआईपी लेन जैसा कोई पार्किंग स्पेस रिजर्व  नहीं है।

एयरपोर्ट के अधिकारियों ने भी कहा कि

च्च्रायपुर हवाई अड्डे पर अपनाई जाने वाली ऐसी अनधिकृत सुविधा भीड़ और असुविधा पैदा करती है। यह स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा लागू किया जाता है, एयरपोर्ट प्रबंधन नहीं करता। पांचों लेन सभी के लिए हैं। एएआई कभी भी हवाई अड्डों पर वीआईपी संस्कृति को बढ़ावा नहीं देता। कई बार वीआईपी दौरे के दौरान काफिला डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट की लेन पर खड़ा रहता है. मैंने प्रशासन से कहा  है कि किसी भी वीआईपी के आगमन से ठीक पांच मिनट पहले एक काफिले को टर्मिनल लेन में प्रवेश करने दिया जाए। उन्होने आगे बताया  कि प्रशासन को वीआईपी संस्कृति को प्रोत्साहित करना बंद कर सभी यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करनी चाहिए।

लोगों को बहुत परेशानी होती रहती है, खासकर गर्मियों के महीनों के दौरान, जब वे हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं तो अपने पार्क किए गए वाहनों तक पहुंचने के लिए लगभग 300 मीटर पैदल चलना पड़ता है। हवाई अड्डे के टर्मिनल पर छाया के नीचे तीन लेन वीआईपी वाहनों के लिए निर्धारित की गई हैं। दो लेन (बिना शेड के) आम फ़्लायर्स के लिए हैं। हवाई अड्डे के टर्मिनल पर छाया के नीचे तीन लेन वीआईपी वाहनों के लिए निर्धारित की गई हैं। दो लेन (बिना शेड के) आम फ़्लायर्स के लिए हैं।

एयरपोर्ट कमेटी को कोई लेना-देना नहीं

वैसे यह भी बता दें कि एयरपोर्ट पर ऐसी सुविधा असुविधा के निपटारे के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है । इसमें सांसद, विधायक और जनसामान्य में से कुछ नागरिक सदस्य होते हैं । माना की कमेटी में सामान्य नागरिकों के नाम पर भाजपा के ही नेताओं को शामिल किया गया है। इस कमेटी की बैठक में भी इस पर चर्चा नहीं होती । क्योंकि इनकी गाडय़िां इसी वीआईपी लेन में फर्राटे से आती जाती है। इन्हें सामान्य यात्रियों की सुविधा से कोई लेना देना नहीं होता ।

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