रायपुर
![पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण में आम लोगों की भी सहभागिता आवश्यक पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण में आम लोगों की भी सहभागिता आवश्यक](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/171932500601.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जून। सीजी पीएससी परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क कोचिंग संस्था युवा में छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक परिचय विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रभात कुमार सिंह, पुरातत्त्ववेत्ता, संचालनालय पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय छत्तीसगढ़ थे। उन्होंने प्राचीन छत्तीसगढ़ अर्थात दक्षिण कोसल की राजधानी सिरपुर (श्रीपुर), गरियाबंद जिले में त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम, बेमेतरा जिले में शिवनाथ नदी के तट पर स्थित मदकुद्वीप, दुर्ग जिले में खारुन नदी के किनारे बसे जमराव और रायपुर जिले में आरंग के समीप स्थित रीवा के प्राचीन गढ़ के पुरातत्त्वीय उत्खनन में सक्रिय भागीदारी और उत्खनन से प्रकाश में आए पुरावशेषों के अध्ययन एवं प्रकाशन कार्य में निरंतर संलग्न हैं। छत्तीसगढ़ में प्रागैतिहासिक चित्रित शैलाश्रयों के सर्वेक्षण में उल्लेखनीय कार्य किया है। छत्तीसगढ़ में उत्खनन के विविध पक्षों पर केंद्रित लगभग दो दर्जन शोध आलेखों का लेखन और प्रकाशन कर चुके हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रभात कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ के गौरवपूर्ण इतिहास, नामकरण, पुरातत्व विषय की संपूर्ण जानकारी, पुरातात्विक उत्खनन करने के तरीके तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों जैसे सिरपुर, राजिम, तरीघाट, मदकुद्वीप, रीवा, जमराव, पचराही, लीलर एवं वहाँ उत्खनन में प्राप्त की गयी सिक्कों, मृदभांड, मनके, अन्नागार, निवासस्थल, मूर्तियों, शिलालेख, अभिलेख, स्तंभलेख, चीन, रोम एवं अन्य देशों के साथ व्यापार आदि की जानकारी साझा की।
पुरातत्व स्थलों के संरक्षण में शासन के साथ- साथ स्थानीय लोगों की सहभागिता पर बल दिया और कहा कि स्थानीय लोगों को इसके महत्व के बारे मे शिक्षित कर हम अपने पुरातात्विक स्थलों को बेहतर तरीके से संरक्षित कर सकते है.
कार्यक्रम के अंत में युवा की सचिव श्री पल्लवी वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में युवा के सदस्यों के अलावा साथ-साथ संस्कृति विभाग के श्री समीर मौजूद रहे।