सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर, 26 जून। भू-माफियाओं के द्वारा आठ साल पूर्व फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बिश्रामपुर- सूरजपुर हाईवे मार्ग में स्व. सुमित्रा देवी माता अजय विश्वकर्मा की ग्राम- गिरवरगंज सूरजपुर स्थित 60 डिसमिल भूमि को वर्ष 2015 में दोबारा विक्रय किये गए मामले में न्यायलय से फैसला आने के बाद पुलिस अधीक्षक सूरजपुर तथा थाना सूरजपुर को लिखित शिकायत प्रेषित करते हुए सभी दोषियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की मांग की गई है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए स्व. सुमित्रा देवी के पुत्र श्रमिक नेता अजय विश्वकर्मा ने बताया कि 33 वर्ष पूर्व मेरी माता ने बिश्रामपुर- सूरजपुर मार्ग में ग्राम- गिरवारगंज झुन्नू पिता ननकू, चैनु पिता ननकू, लल्लू पिता कुबेर तथा दीपक पिता कुबेर के संयुक्त खाते से 60 डिसमिल भूमि क्रय किया था जिसका खसरा नंबर 1689/2 दर्ज किया गया था।नविन बंदोबस्त के दौरान त्रुटिवस् क्रेता सुमित्रा देवी का नाम अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सका जिसका लाभ उठाते हुए ग्राम- महंगावा निवासी मुख़्तार अहमद पिता स्वर्गीय नसीरुद्दीन, भू-विक्रेताओं के साथ सांठगांठ कर सुमित्रा देवी के स्वमित्व की भूमि का पवार आफ एटर्नी अपने नाम से बनवाकर ग्राम- गिरवरगंज पटवारी हल्का क्र. 19 खसरा नंबर 1436 में से रकबा 0.280 हेक्टेयर भूमि 10 अक्टूबर 2014 को षडय़ंत्र में शामिल व्यक्ति राजेश कुमार यादव पिता स्वर्गीय अंबे लाल यादव निवासी ग्राम चोपन थाना सूरजपुर को बिक्री कर दिया था तथा राजेश यादव द्वारा भी इस योजना में शामिल मेवाती देवी पत्नी शंकर सिंह को 10 डिसमिल भूमि देकर लाभ पहुँचाया गया।राजस्व विभाग के पटवारी आरआई आदि का षड्यंत्रकारियो के साथ संलिप्तता के कारण अंतत: न्यायलय की शरण में जाना पड़ा।करीब आठ साल की लम्बी लड़ाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायलय से न्याय मिला।
अजय विश्वकर्मा ने पुलिस अधीक्षक सूरजपुर तथा थाना प्रभारी थाना सूरजपुर को द्वितीय लिखित शिकायत पत्र देते हुए अपील की है कि आठ साल पहले स्व. सुमित्रा देवी की शिकायत कार्यवाही न करना प्रमाणित करता है कि जिले में भू-माफिया काफी बलशाली तथा प्रभावी है. जिन पर ठोस कार्यवाही होना आवश्यक है।
वर्षों बाद न्यायलय से मिले न्याय का अक्षरस: पालन को भू-माफिया प्रभावित कर सकते हंै,अत: राजस्व अधिकारी स्वयं के देखरेख तथा दिशानिर्देश में न्यायलय के निर्णय का पालन कराये ताकि किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति निर्मित न हो।