रायगढ़
![ढोढी से प्यास बुझाने मजबूर पंडो जनजाति समुदाय ढोढी से प्यास बुझाने मजबूर पंडो जनजाति समुदाय](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719651140301.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 29 जून। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना ही व्यर्थ है। मगर धरमजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत आने वाला एक ऐसा ग्राम जहाँ के लोग आज भी पेयजल के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं,विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समुदाय के यहाँ करीब 25 से 35 परिवार निवासरत है, जो पेयजल को लेकर परेशान है गांव में जरूर हैंड पम्प है, लेकिन लोगों का कहना है पानी नाम मात्र के लिए आता है।
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि बोरिंग सूखा पड़ा हुआ है वहीं क्रेड़ा विभाग से पेयजल के लिए सोलर टैंक का निर्माण किया गया है लेकिन वह भी मौजूदा समय मे केवल सफेद हाथी साबित हो रहा है। पानी का कोई अता पता नहीं है मजबूरन यहां के लोग विकल्प बतौर ढोढ़ी कुंए से प्यास बुझा रहे हैं।
ग्रामवासियों के मुताबिक शासन प्रशासन इनकी ओर ध्यान नहीं दे रही हैं तभी तो आज के इस अत्याधुनिक युग में यहाँ के लोग पाषाण युग जैसे जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे में पूर्व हो या फिर मौजूदा सरकार सवाल उठना लाजमी हो जाता है। केंकरानारा ग्राम की जमीनी हालात सरकार की तमाम दमदार दावे की हवा निकाल रही है। केंकरानारा ग्रामवासियों का कहना है, जब से हेडपंप को बोर में परिवर्तन कर टंकी से पानी दिया जा रहा है, तब से लेकर आज पानी का समस्या खड़ी हो गई है। और आगे पता नहीं कब तक जायेगी। कुल मिलाकर यूं कहें, तो जल जीवन मिशन यहाँ सब कुछ नमूना मात्र है, ऐसी बात नही की इस भीषण समस्या से क्षेत्र के लोग जनप्रतिनिधि सरपंच,सचिव व स्थानीय प्रशासन को अवगत नहीं कराए है, उनके मुताबिक कइयों बार शिकायत दोहराया गया है।
ग्रामीणों ने बताया उन्होंने इस संबंध में सचिव रामकुमार राठिया से कहा, पानी बर भारी तकलीफ होवथे सचिव सहाब,पीए बर पानी नई मिलथे! सचिव ने कहा दृ अभी देखेंगे, सुधार करेंगे। बड़ी विडंबना ग्रामीणों के इस विकट समस्या की ओर ध्यान क्यों नही दिया जा रहा। लोग अभी भी पेयजल के लिए इधर से उधर भटकते नजर आ रहे हैं। इस संबंध में हमने पंचायत सचिव से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मेरा केंकरानारा अंतर्गत सोहनपुर पंचायत में नवपदस्थ हूं,मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, अब जब जानकारी मिल रही है, तो समस्या का निवारण करने का प्रयास किया जायेगा।