रायगढ़
![कुंजेमुरा में हो रहा गजब का खेला! मान्यता सीजी बोर्ड की, किताब बेच रहे सीबीएसई की! कुंजेमुरा में हो रहा गजब का खेला! मान्यता सीजी बोर्ड की, किताब बेच रहे सीबीएसई की!](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17193256444.jpg)
अफसर खेलते रह गए नोटिस-नोटिस! उधर हो गया लाखों का खेल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 जून। जिले के तमनार ब्लाक के अंतर्गत ओपी जिंदल स्कूल, कुंजेमुरा से बेहद चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। पालकों की जेब पर डाका और बुक स्टोर के साथ कमीशन का खेल, यहां इतना गजब का है कि आप सर पकड़ लेंगे।
दरअसल ओपी जिंदल स्कूल कुंजेमुरा की मान्यता नर्सरी से कक्षा आठवीं तक छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल से है मगर यहाँ किताबें सीबीएसई बोर्ड की बेची जा रही है। वह भी स्कूल के अंदर बाकायदा दुकान लगाकर! छत्तीसगढ़ बोर्ड की किताबें या तो फ्री में मिलती है या बहुत ही कम कीमत पर.. मगर सीबीएसई की किताब प्राइवेट पब्लिकेशंस की होने के कारण, ऊंची कीमत में बेची जाती है और इसमें तगड़ा कमीशन भी मिलता होता है। और इस स्कूल में यही खेला हो रहा है। मामले की जानकारी मिलने पर मीडिया ओपी जिंदल स्कूल कुंजेमुरा में पहुंची। जिसके बाद पुस्तक दुकान के संचालक ने पुस्तक बेचना बंद कर दिया।
नर्सरी से कक्षा 8 वीं तक की जिसकी कीमत करीबन 3500 रूपए से 6500 तक की है। नर्सरी से 8वीं तक करीबन 800 बच्चे है, लगभग औसतन दर 4000 रुपए भी निकली जाय तो करीबन 32 लाख रुपये हो रहे हैं। जो बच्चों के पलकों के जेब में सीधा डाका। ऐसा इस लिए कहा जा रहा है। क्योंकि छत्तीसगढ़ की सरकार स्कूल को मुफ्त में पुस्तक बच्चों को बांटने के लिए दी जाति है, उसे बच्चों को नहीं दी जाती बल्कि कबाड़ी को बेच दी जाती है। यहाँ सिर्फ 9 वीं से 12 वीं के बच्चों की सीजीबीएसई की पुस्तकें पढाई जा रही है।
जिंदल स्कूल कुंजेमुरा में यह धंधा पहली बार का नहीं है, बल्कि ये जब से स्कूल को मान्यता मिली है, तब से ये प्रथा चलती आ रही हैं। स्कूल के प्रिंसिपल के हौसले भी देखिए उन्होंने अपने स्कूल में ही पुस्तक की दुकान लगवा ली जबकि सरकार का आदेश की आप पालकों को एक ही संचालक से पुस्तक खरीदने पर बाध्य नहीं कर सकते, लेकिन यहाँ खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।