दुर्ग

गंभीर अपराध में कोर्ट के बाहर समझौता करना नहीं होगा आसान
02-Jul-2024 3:38 PM
गंभीर अपराध में कोर्ट के बाहर समझौता करना नहीं होगा आसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 2 जुलाई। पुलिस नियंत्रण कक्ष सेक्टर-6 में नवीन आपराधिक कानूनों को सोमवार से लागू किए जाने के उपलक्ष्य में पुलिस विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजित किया गया था। नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) आज से प्रभावी हो रहे हैं। ये कानून क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त और प्रतिस्थापित करेंगे। आईपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी। धाराओं का क्रम बदला गया है। रात बारह बजे के बाद जो भी आपराधिक घटनाएं हुई है, उनमें नए कानून के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

नए कानून में वैसे तो बहुत बदलाव हुए हैं, खास बात यह भी है कि संगीन अपराधों में सत्र परीक्षण के दौरान आरोपी डरा-धमकाकर व लालच आदि के दम पर समझौते कर लेते हैं और फिर पीडि़त व गवाह मुकर जाते हैं, अब यह आसान नहीं होगा। अब पुलिस के लिए विवेचना में घटनास्थल पर पहुंचने से लेकर हर कदम पर वीडियो रिकार्डिंग व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित करने की बाध्यता है और अदालत में ट्रायल के दौरान मजबूत साक्ष्य होंगे। कार्यशाला में विधायक गजेन्द्र यादव और रिकेश सेन, संभागायुक्त एस.एन. राठौर, आईजी रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी एवं एसपी जितेन्द्र शुक्ला सम्मिलित हुए।

विधायक गजेन्द्र यादव ने नए कानून के लागू होने पर उपस्थित नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने दण्ड से न्याय की ओर वाक्यांश की सराहना करते हुए इसके प्रति नागरिकों की जागरूकता सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि नए कानून से नागरिकों को समय पर न्याय मिल पाएगा यह सबसे अधिक लाभकारी तथ्य है।

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है एवं इसके हर नागरिक को कानून की इतनी समझ होना अति आवश्यक है कि वह अपने साथ या अपने आस-पास हो रहे अपराधिक प्रकरणों को समझ सके और कानूनी मदद ले सके। उन्होंने सभी नागरिकों से नए कानूनों के विषय में पढऩे और समझने की अपील की।

कमिश्नर सत्यनारायण राठौर ने उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए नए कानून के तहत लाए गए प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा इन कानूनों के बनने का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक कि नागरिकों को इनका ज्ञान होगा। उन्होंने सभी नागरिकों को कानून के प्रति स्वयं सजग रहने एवं आस-पास के लागों को भी जागरूक करने की बात कही।

आई जी रामगोपाल गर्ग ने नए कानून के तहत लागू हुए ई-एफआईआर प्रावधान, इसके महत्व और लाभ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस प्रशासन एवं न्यायालय के उत्तरदायित्व को भी बताया और नागरिकों को आश्वासित किया कि नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पुलिस प्रशासन पूरा प्रयास करेगी।

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