महासमुन्द

निजी अस्पताल में बच्ची की मौत, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप, शिकायत दर्ज
01-Sep-2024 2:39 PM
निजी अस्पताल में बच्ची की मौत, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप, शिकायत दर्ज

पुलिस ने दफन शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 सितंबर।
महासमुंद जिले के नवजीवन अस्पताल में इलाज के दौरान एक बच्ची की मौत के बाद मामला तूल पकडऩे लगा है। मृत बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी लोगों पर कार्रवाई के लिए तुमगांव थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई न होते देख बच्ची के शव को दफना दिया, लेकिन पुलिस ने दफन शव को कब्र से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई हो सकेगी।

परिजनों ने आरोप लगाते बताया कि महासमुंद मुख्यालय से 12 किमी की दूरी पर स्थित नव जीवन अस्पताल तुमगांव में वहीं के निवासी नेतराम धीवर 29 अगस्त को अपनी बच्ची अंकिता धीवर उम्र 6 वर्ष को दस्त व बुखार होने पर इलाज के लिए ले गये । अस्पताल में उस समय कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। अस्पताल में मौजूद नर्स व कंपाउडर ने बच्ची को भर्ती कर बिना चिकित्सक के ही इलाज शुरु कर दिया । 

इसके बाद नर्स व कंपाउडर ने बच्ची को ड्रिप व कुछ एंटीबायोटिक चढ़ाया । इसके कुछ ही देर बाद बच्ची बेहोश हो गयी। बच्ची की स्थिति में कोई सुधार होता न देखबच्ची के परिजनों को अस्पताल स्टाफ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तुमगांव ले जाने को कहा।

बच्ची का पिता सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले गये और वहां के चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद परिजनों ने नगर पंचायत तुमगांव के उपाध्यक्ष को फोन कर सूचना दी ।
नवजीवन अस्पताल प्रबंधन ने उसके बाद बिना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना दिये अस्पताल बंद कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तुमगांव थाना में लिखित शिकायत की है।
मृत बच्ची के पिता नेतराम धीवर ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

नगर पंचायत तुमगांव के उपाध्यक्ष पप्पू पटेल का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही के कारण बच्ची की मौत हुई है। जब हम अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई जिम्मेदार चिकित्सक नहीं थे । ऐसे अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई होना चाहिए।
नवजीवन अस्पताल के प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस पूरे मामले में नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. छत्रपाल चन्द्राकर का कहना है कि चार डॉक्टरों की टीम गठित कर मामले की जांच की जा रही है। लापरवाही साबित होने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि नवजीवन अस्पताल में न ही किसी चिकित्सक का बोर्ड लगा है और न ही कोई समुचित व्यवस्था है। थाने में भी कार्रवाई न होते देख मृतक के परिजनों ने मृत बच्ची को दफना दिया था, लेकिन पुलिस के संज्ञान में आने के बाद दफन शव को कब्र से बाहर निकालवाकर पीएम के लिए भेज दिया है।

मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने चार चिकित्सकों की एक टीम बनाकर जांच के आदेश दे दिया है।

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