रायगढ़

लोगों की सुरक्षा व अमन-कानून बनाने में कई चुनौतियों से जूझती रही पुलिस
05-Jan-2021 6:57 PM
 लोगों की सुरक्षा व अमन-कानून बनाने में कई चुनौतियों से जूझती रही पुलिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ, 6 जनवरी। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा वर्ष 2020 का वार्षिक लेखा-जोखा पत्रकारवार्ता में पत्रकारों के साथ साझा किया गया। पुलिस अधीक्षक बताए कि वर्ष 2020 के दौरान जिला पुलिस रायगढ़ लॉकडाउन में लोगों की सुरक्षा व अमन-कानून बनाने में कई चुनौतियों से जूझती रही। पूरे वर्ष के बीते घटनाक्रम के अनुसार बेशक वर्ष 2020 में एटीएम लूटकांड जैसी वारदातें हुई है, लेकिन संतोष की बात यह रही कि लगभग अधिकांश गंभीर अपराध का खुलासा हो गया। वर्ष 2020 में जिला पुलिस की नशे की रोकथाम के लिए की गई कार्यवाही से आरोपियों में भगदड़ मचा रहा।

जिला रायगढ़ में वर्ष 2019 में आईपीसी के 3,272 की तुलना में वर्ष 2020 में आईपीसी के 3,211 अपराध एवं अन्य 9,528 लघु अधिनियम के अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा सभी थाना/ चौकी प्रभारियों को अनावश्यक शिकायत पेंडिंग ना रखे जाने के निर्देशों पर अपराध से संबंधित शिकायतों तथा और उनके रिपोर्ट पर निष्पक्ष रुप से त्वरित अपराध पंजीबद्ध किया गया। इसलिए लंबे लॉकडाउन के बावजूद पंजीबद्ध अपराधों में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में नगण्य कमी है।

रायगढ़ जिले की लम्बी सीमा ओडि़सा प्रांत से लगती है। सीमाओं से होकर मादक पदार्थ गांजा की तस्करी की सूचना पर वर्ष 2020 में भी जिला पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही की रही है। वर्ष 2020 में एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत 46 प्रकरणों की कार्यवाही की गई है। जबकि वर्ष 2019 में 44 प्रकरण एनडीपीएस एक्ट के दर्ज किए गए थे। एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत दर्ज प्रकरणों में मादक पदार्थ गांजा के अतिरिक्त बड़ी मात्रा में नशीली सिरप व टेबलेट की जप्ती की गई है। एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत वर्ष 2020 में 458 किलो गांजा कीमती लगभग 17,27,400 रुपए तथा 100एमएल वाली 2,019 नग प्रतिबंधित सिरप, 2,802 नग नशीली टेबलेट कीमती 4,55,999 रुपए एवं 17 नग गांजा पौधों को जप्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इन मादक पदार्थों की शीघ्र नष्टीकरण के लिए कमेटी गठित किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में एनडीपीएस एक्ट के मामलों में 27 नग दुपहिया एवं 09 चार पहिया वाहनों की जप्ती की गई है, इन वाहनों को राजसात करने के लिए प्रतिवेदन जिला दंडाधिकारी रायगढ़ की ओर भेजी गई है। अन्य कार्यवाही की समीक्षा पर वर्ष 2020 में 25 व्यक्तियों पर आर्म्स एक्ट की कार्यवाही की गई है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वर्ष 2019 में 9,221 वाहनों पर की गई चालानी कार्यवाही की तुलना में वर्ष 2020 में वाहनों पर चालानी कार्यवाही लॉकडाउन के कारण काफी कम की गई। वर्ष के अंत तक 6,435 वाहनों पर चालानी कार्यवाही किया गया है।

लूट, चोरी के अधिकांश मामलों में पुलिस को मिली सफलता

संपत्ति संबंधी अपराधों के तहत अपराध शीर्ष चोरी, नकबजनी, लूट, डकैती के मामलों में वर्ष 2019 की अपेक्षा वर्ष 2020 में भारी कमी आई है। वर्ष 2019 में इन अपराधों के कुल 618 मामले दर्ज किए गए जिसकी अपेक्षा वर्ष 2020 में 469 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। लूट, चोरी के अधिकांश मामलों में पुलिस को सफलता मिली है। शहर के दो बड़ी उठाईगिरी कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत सुभाष चौक के पास महिला की डिक्की से नगदी की उठाईगिरी एवं थाना चक्रधनगर अन्तर्गत हेमा ज्वेर्ल्स के संचालक के ज्वेलरी भरे बैग की उठाईगिरी में पुलिस टीम आरोपियों के विरुद्ध महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, दबिश दी जा रही है। पुलिस पार्टी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।

हर चौक चौराहें होंगे सीसीटीव्ही कैमरों की नजर में

विदित है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिले की निगरानी सीसीटीव्ही कैमरों से कराए जाने का एक सीमित प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। इसकी स्वीकृति और बढ़ते ही प्रमुख चौंक-चौराहों में सीसीटीव्ही कैमरों से निगरानी बढ़ाए जाने पर चोरी/लूट के मामलों में रोक लगेगी तथा आरोपियों को शीघ्र ट्रेस करने में पुलिस को सहायता मिलेगी। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह द्वारा चोरी/लूट के अपराधों की रोकथाम के लिए थाना/चौकी प्रभारियों को पेट्रोलिंग एवं रात्रि गस्त बढ़ाने तथा अन्य आवश्यक उपायों को अमल में लाने का निर्देश दिया गया है।

पूंजीपथरा थाना में सबसे कम अपराध पेंडेंसी

जिला पुलिस के अधिकारी, कर्मचारीगण वर्ष 2020 में लॉकडाउन में व्यस्त होने के बावजूद इस वर्ष दर्ज 3211 अपराधों में वर्षांत में 579 अपराध जांच में लंबित है। 31 दिसम्बर 2019 की स्थिति में 480 अपराध लंबित था। न्यायालय लंबे समय बंद होने के कारण जिले में 1,306 अपराधों के चालान बनकर तैयार हैं जो पेश होना है। जबकि वर्ष 2019 के अंत तक 56 चालान न्यायालय पेश करना शेष था। पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों के लगातार मॉनिटरिंग के कारण जिले के लगभग सभी थानों में अपराध निकाल की स्थिति सबसे अच्छी रही है। साल के अंत में प्रमुख थानों में पूंजीपथरा में सबसे कम 1.5प्रतिशत अपराध पेंडेंसी रहा है व जिले के सबसे व्यस्ततम कोतवाली थाना की पेंडेंसी 16प्रतिशत है।

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