बस्तर
जगदलपुर, 7 जनवरी। बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित ओरछा ब्लाक के आमदई लौह पहाड़ को फर्जी ग्रामसभा के आधार पर राज्य सरकार द्वारा लौह उत्खनन हेतु निक्को कम्पनी को लीज पर दिए जाने व उत्खनन कार्य प्रारंभ करने हेतु पहाड़ में केम्प लगाये जाने के विरोध में विगत 15 दिनों से जिले के कई ग्राम पंचायत से पहुंचे , 40 हजार से अधिक ग्रामीणों द्वारा राज्य सरकार से न्याय की गुहार हेतु बस्तर का सबसे बड़ा आंदोलन स्थानीय संघर्ष समिति द्वारा किया जा रहा है।
समिति के आंमत्रण पर आंदोलन के जायज मांगों को बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के संभागीय संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व में आंदोलनकारियों के बीच पहुंच समर्थन देते हुए कहा कि जल जंगल, जमीन बस्तरवासियों का अधिकार है। इसके साथ अन्याय करना राज्य व केंद्र सरकार बंद करें।
मुक्तिमोर्चा बस्तर जिला संयोजक भरत कश्यप ने कहा कि ठिठुरती भरी ठंड में 12 दिनों से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी तकलीफों को झेल रहे हजारों ग्रामवासियों के बीच स्थानीय विधानसभा व बस्तर के बड़े जनप्रतिनिधियों का अब तक ना पहुंचना व उत्पन्न समस्या व मांगों पर कोई पहल ना करना राज्य सरकार व केंद्र सरकार की असली चेहरे को उजागर करता है। जिसका बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा कड़ी निन्दा करते हुए राज्य सरकार से ये अपील करता है कि संघर्ष समिति की जायज मांगों पर संभागीय कमेटी बना उपयुक्त चर्चा कर उनकी आपत्तियों पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई कर उत्पन्न समस्याओं का निराकरण करें।
समर्थन के कार्यक्रम में कांकेर जिला अध्यक्ष रोशन सचदेव, नारायणपुर जिला संयोजक बलीराम कछलाम व अन्य स्थानीय पदअधिकारी संघर्ष समिति सदस्य भी उपस्थित थे।