रायगढ़

हाथियों ने पहाड़ी कोरवाओं के घर तोड़े, फसलें रौंदी
08-Jan-2021 5:16 PM
हाथियों ने पहाड़ी कोरवाओं के घर तोड़े, फसलें रौंदी

छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायगढ़, 8 जनवरी।
सरगुजा जिले के मैनपाट रेंज में नौ हाथियों के दस्तक से क्षेत्र में हडक़ंप मच गया हैं। ये जंगली हाथियों का दल फसलों के साथ मकानों को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। 
दिन में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू वन परिक्षेत्र के घने जंगल में रहने वाले हाथी पिछले एक सप्ताह से शाम ढलने के बाद मैनपाट वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। लगातार इनकी घुसपैठ से ग्रामीण दहशत में हैं। वन विभाग की टीम भी जानकारी मिलने के बाद लगातार हाथियों पर नजर रखी हुई हैं। 

वन विभाग के अनुसार रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल सहित रायगढ़ वन मंडल में अलग-अलग दल में दो सौ से अधिक जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं। और इन हाथियों दल में शावक भी शामिल हैं। और भटका हुआ एक दल कापू के जंगलों से होते हुए मैनपाट के जंगलों में प्रवेश कर जाता है। 

9 जंगली हाथियों का यह दल ग्रामीणों की फसलों के साथ-साथ उनके घरों को भी नुकसान पहुंचा रहा हैं, और इसे रोकने के लिए ग्रामीण अपने स्तर पर प्रयास तो कर रहे हैं। लेकिन संसाधनों की कमी से वे जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने में नाकाम हो रहे हैं। वन विभाग का अमला इनके मूवमेंट पर नजर रखते हुए किसी जनहानि को रोकने के लिए सतर्क हं। साथ ही साथ ग्रामीणों को भी अलर्ट रहने के लिए मुनादी करवा रहा है। 

वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की रात हाथियों ने ग्राम पेट में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने एक मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। दो कोरवाओं की झोपड़ी जमींदोज कर दी तथा मंजूरतराई बस्ती में एक ग्रामीण का घर तहस-नहस कर दिया। हाथियों के स्वच्छंद विचरण के कारण प्रभावित क्षेत्र के लोग परेशान हैं। वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी में लगी हुई हैं। लेकिन मकान टूटने और फसलों को नुकसान से बचाने कोई उपाय काम नहीं कर रहा है। 

सरगुजा जिले से लगे धरमजयगढ़ वन मंडल का कापू रेंज हाथियों के सुरक्षित रहवास का स्थाई ठिकाना बनता जा रहा है। घना जंगल और चारा पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण हाथी इस जंगल में रहना पसंद करते हैं। कापू वन परिक्षेत्र से सरगुजा जिले के मैनपाट वन क्षेत्र की सीमाएं लगी हुई हैं। यही वजह है कि हाथियों का दल मैनपाट क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाता है। पिछले एक सप्ताह से हाथी शाम होने के बाद मैनपाट के बरीमा के पास चढ़ाई कर रहे हैं। यह इलाका ऊंचाई में बसा हुआ है। बुधवार की रात भी नौ हाथी सबसे पहले मंजूरतराई बस्ती में घुसने की कोशिश कर रहे थे। वन विभाग द्वारा पहल करने पर हाथी जंगल किनारे ही रहे। यहां एक व्यक्ति का घर हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। एक हाथी मंजूर तराई बस्ती के नजदीक जमा रहा, जबकि नौ हाथी तराई में बसे गांव पेट की ओर बढ़ गए।

यहां जंगल किनारे एक व्यक्ति का प्रधानमंत्री आवास बन रहा है। अभी उस मकान की ढलाई भी नहीं हुई थी। हाथियों ने उस घर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसी के नजदीक दो कोरवा परिवार झोपड़ी बनाकर निवास करते थे। हाथियों द्वारा उनकी झोपडिय़ों को भी तबाह कर दिया गया। हाथियों के आने की भनक लगते ही लोग सुरक्षित स्थान की ओर चले गए थे। सुबह ये हाथी फिर मंजूर तराई होते कापू वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर गए। 

मैनपाट वन परिक्षेत्र अधिकारी फेकू प्रसाद चौबे ने बताया कि मैनपाट की सीमा से लगा धरमजयगढ़ वनमंडल का क्षेत्र हाथियों का पसंदीदा स्थल है। लंबे चौड़े क्षेत्र में घना जंगल हाथियों के सुरक्षित रहवास के अनुकूल है, इसीलिए हाथी यहां कई महीनों तक जमे रहते हैं। उन्होंने बताया कि मैनपाट के वन कर्मचारी सजग हैं। शाम होते ही हाथियों के लोकेशन की जानकारी लेकर उस अनुरूप बचाव के सारे उपाय किए जा रहे हंै। हाथियों द्वारा जिन मकानों को नुकसान पहुंचाया गया है, उसका मुआवजा दिया जाएगा। क्षति का आंकलन कर लिया गया है। प्रभावित परिवारों को शासन के प्रावधान के अनुरूप सहायता राशि दी जाएगी।
 

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