रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 फरवरी। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर शहरवासियों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बजट को लेकर जहां कुछ लोगों ने जहां निराशा जताई है वहीं कुछ लोगों ने इसे जनता के सभी वर्गों के लिए हितकारी बताया है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर का मानना है कि केंद्रीय बजट निराशाजनक है। इस बजट में किसानों के हित की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। इस नाते से किसान आंदोलन में तेजी आ सकती है। डॉ. संकेत ठाकुर कहते हैं बजट में नए कृषि कानून के परिप्रेक्ष्य में कुछ नहीं कहा गया है। इसमें कहा गया है कि लागत की तुलना में डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाएगा लेकिन नए कानून के परिप्रेक्ष्य में इसमें विरोधाभास नजर आ रहा है। किसानों के लिए राहत के किसी तरह के पैकेज की घोषणा नहीं की गई है।
रायपुर सराफा संघ सचिव दीपचंद कोटडिय़ा बताया कि बजट में कस्टम ड्यूटी में ढाई प्रतिशत की छूट मिलने से सराफा व्यवसायियों को उम्मीद है कि सोने के भाव में कमी आएगी लेकिन छह माह पहले बुलियन पर टीसीएस की अनिवार्यता ज्यों की त्यों रखी गई है। कारोबारी इसकी बाध्यता से हलाकान है और उन्हें उम्मीद थी कि इसमें फेरबदल की जाएगी जो नहीं की गई।
कविता पॉलीमर्स से जुड़े व्यवसायी अमर धावना का मानना है कि केंद्रीय बजट सभी के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बजट में 75 वर्षीय बुजुर्गो को रिर्टन में दी गई छूट की सराहना करते हुए अमर धावना कहते हैं इस प्रावधान में उम्र की सीमा 75 की जगह 65 की जानी चाहिए थी।