बस्तर

अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुनाई दे रही अब लोक-कलाकारों की स्वरलहरियां
06-Feb-2021 8:44 PM
अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुनाई दे रही अब लोक-कलाकारों की स्वरलहरियां

  स्थानीय बोली में नाटक व गीतों  से जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचा रहे हैं लोक कलाकार   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 6 फरवरी। बस्तर संभाग के अतिसंवदेनशील क्षेत्रों में अब स्थानीय लोक बोलियों में स्वर लहरियां सुनाई दे रही हैं। इन स्वर लहरियों के जरिए लोक कलाकार स्थानीय बोली में शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ताकि ये ग्रामीण भी बेहतर जिंदगी जी सकें।

बस्तर संभाग के सुकमा जिले के सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल जगरगुण्डा और चिंतलनार से लेकर बीजापुर जिले के गंगालूर, बासागुड़ा तक और नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ के बीहड़ों में पहुंचकर ये लोक कलाकार नाटक, गीत और संगीत के माध्यम से शासन की अलग-अलग जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। कई वर्षों से नक्सली उत्पात के कारण विकास की दौड़ में पीछे रह जाने वाले दुर्गम क्षेत्र के ग्रामीणों के विकास को प्राथमिकता देते हुए शासन की योजनाओं को पहुंचाने का कार्य कला जत्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है। बस्तर संभाग के ऐसे क्षेत्र जहां नक्सली गतिविधियों और दुर्गम वनमार्ग होने के कारण आधुनिक संचार साधनों से दूर हैं, ऐसे क्षेत्रों में परम्परागत कला जत्थाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।

जनसंपर्क विभाग द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आजीविका सहित कई क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे लोककल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी, भतरी, धुरवा और दोरली जैसी स्थानीय बोलियों के माध्यम से रोचक नाटक और गीत-संगीत के साथ दी जा रही शासन के योजनाओं की जानकारी लोगों को लुभा रही हैं।

कला जत्थाओं द्वारा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित किसानों, युवाओं, महिलाओं की उन्नति के लिए संचालित योजनाओं के साथ-साथ उनके क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए किए जा रहे कार्य, अधोसंरचना विकास, स्थानीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी लोकगीतों के माध्यम से दी जा रही है। वनवासी क्षेत्रों में तेंदूपत्ता पारिश्रमिक के बढ़े हुए दर का लाभ उठाने, नरवा, गरवा घुरवा बाड़ी जैसी योजनाओं से जुडक़र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कला जत्था दल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से संबंधित प्रचार सामग्री भी ग्रामीणों को दी जा रही है।

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