बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 26 फरवरी। दहेज प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति की सम्पत्ति पुलिस ने जब्त कर ली। आरोप से बरी होने के बाद उसने थाने से अपनी जब्त सम्पत्ति वापस मांगी तो पता चला वह गायब है। हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश दिया है कि आवेदक को जब्त सम्पत्ति ब्याज सहित लौटाई जाये।
जगदलपुर के युवक इंद्रकुमार की शादी मार्च 1992 में हुई थी। 19 अप्रैल को उसकी पत्नी ने थाने में उसके खिलाफ दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में चालान पेश किया। साथ ही उसकी 5 लाख रुपये की सम्पत्ति जब्त कर ली। इंद्रकुमार को 12 अगस्त 2013 को 10 साल की सजा सुनाई गई। सजा के खिलाफ आवेदक ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। सन् 2017 में वह बरी कर दिया गया। इसके बाद उसने अपनी जब्त सम्पत्ति वापस पाने के लिये उच्चाधिकारियों को आवेदन दिया। कार्रवाई नहीं होने पर उसने सेशन कोर्ट में आवेदन लगाया। यहां पुलिस ने बताया कि उसकी सम्पत्ति गायब हो चुकी है। एक हवलदार पर भी पुलिस ने आरोप लगाया कि उसने सम्पत्ति का गबन कर लिया। कोर्ट के आदेश के बाद भी उसे सम्पत्ति वापस नहीं मिली।
इस पर आवेदक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आवेदक के अधिवक्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बताया गया कि जब्त सम्पत्ति की सुरक्षा का दायित्व पुलिस का है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आवेदक की सम्पत्ति को ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है।