बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 अप्रैल। जशपुर जिले में नाबालिग छात्रा से गैंगरेप में ट्रायल कोर्ट से मिली 20-20 साल की सजा बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों की अपील खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि घायल पीडि़ता का बयान अपने आप में पर्याप्त साक्ष्य है।
जशपुर जिले के एक स्कूल में पढऩे गई छात्रा दोपहर अवकाश में पास के जंगल में अपने सहपाठी के साथ घूम रही थी। इसी दौरान आरोपी नंदलाल कुजूर (20 वर्ष), मनीष लकड़ा (18 वर्ष) तथा अनिल एक्का (21 वर्ष) ने पीडि़ता और उसके सहपाठी को जान से मारने की धमकी दी और पीडि़ता से बारी-बारी बलात्कार किया। घटना के दौरान दोनों का मोबाइल फोन भी आरोपी लूटकर ले गए। मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा से गैंगरेप की पुष्टि हुई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 294, 506, 394 376 डी व पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में चालान पेश किया। सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 20-20 साल की सजा सुनाई। सजा के खिलाफ दोषियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने कहा कि रेप पीडि़ता घटना में घायल हुई है। घटना के संबंध में जो साक्ष्य दिए गए हैं, उसकी पुष्टि उसके बयान से होती है। दोषियों को राहत नहीं दी जा सकती।