बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 6 अप्रैल। रायपुर के बहुचर्चित रामअवतार जग्गी हत्याकांड में सजा के खिलाफ दायर की गई अपील के फैसले की आधिकारिक कॉफी जारी होने के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि ट्रायल कोर्ट की सजा बरकरार रखी गई है। पूर्व में दी गई किसी की भी सजा को बढ़ाया नहीं गया है।
इस मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में चिमन सिंह, याहया ढेबर, अभय गोयल, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, राकेश कुमार, अशोक सिंह भदौरिया, रविंद्र सिंह, नरसी सिंह, सत्येंद्र सिंह, विवेक सिंह, लाला भदौरिया, सुनील गुप्ता, अनिल चौधरी, व हरिश्चंद्र शामिल हैं।
इन्हें धारा 302 के तहत सजा सुनाई गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। इनमें से एक विक्रम शर्मा की मौत हो चुकी है। इसी तरह पुलिस अधिकारी राकेश चंद्र त्रिवेदी, सी के पांडे और अमरीक सिंह गिल को धारा 120 बी और 193 आईपीसी के तहत 5 साल की सजा दी गई थी। यह सजा भी हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है।
सूर्यकांत तिवारी, जामवंत, श्याम सुंदर, विनोद सिंह, विश्वनाथ राजभर और अविनाश को भी पांच-पांच साल की सजा के साथ एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। ट्रायल कोर्ट में दी गई यह सजा भी हाईकोर्ट ने बरकरार रखी।
आरोपियों ने अपनी सजा रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इसी अपील पर विचार किया। कोर्ट में किसी भी आरोपी की सजा बढ़ाने के लिए कोई अपील नहीं की गई थी।