रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 अप्रैल। रायगढ़ के मातृ शिशु अस्पताल में कल एक पॉजिटिव महिला की मृत्यु हो गई। आरोप है कि सूचना मिलने के बाद जब परिजन वहां पहुंचे थे तो उन्होंने बताया कि उसकी सांसे चल रही थी। बल्कि इस बारे में डॉक्टरों का कहना है मरीज के मृत होने की पूरी जांच की गई थी। मरीज जीवित होने के कोई भी सबूत मौजूद नहीं थे। उनकी ईसीजी रिपोर्ट भी स्ट्रेट लाइन थी। उनके हृदय में कोई गतिविधि नहीं थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक महिला चंद्रलता नायडू (60 वर्ष)के पॉजिटिव होने पर 12 दिन पहले उन्हें एमसीएच में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी। शनिवार उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल द्वारा मृतक के परिजन को सूचना दी गई। जिसके बाद मृतक के परिजन आए।
मृतक के परिजनों में एक बीएससी नर्सिंग की ट्रेनिंग छात्रा थी। जिसने स्क्रीनिंग के पास मृतक महिला की सील बॉडी को खोला। उस नर्सिंग छात्रा ने बताया कि उसकी आंखें झपक रही है और सांसे चल रही है। जिसके बाद वहां मौजूद परिजनों ने हंगामा किया और तोडफ़ोड़ की। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि कुछ लोग हाथ में डंडे लेकर अस्पताल के ऊपर जहां कोविड पेशेंट थे। डॉक्टरों को खोज रहे थे, उनके डर से कई डॉक्टर ने डॉक्टर होते हुए भी डॉक्टर ना होने की बात कही।
इस पूरे उपद्रव के बीच चक्रधर नगर पुलिस वहां पहुंची। जिसे देखकर कुछ लोगों उपर भागे, जहां कोरोना मरीज थे। जिन्हें पकडऩे के लिए जान की परवाह न करते हुए उपद्रव को रोकने पुलिसकर्मी भी ऊपर गए। चक्रधर नगर थाना प्रभारी अभिनव कांत सिंह भी मौके पर थे। उन्होंने परिजनों को समझाया। इसके बाद कलेक्टर भी वहां पहुंचे। जहां उन्होंने डॉक्टरों से बात की और परिजनों को भी समझाया। उसके बाद मृतक महिला की लाश को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
पूरे मामले में चक्रधर नगर थाना प्रभारी अभिनव कांत सिंह ने बताया कि उपद्रव को रोकने के लिए गए सभी पुलिस कर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अभी कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
मृतका के परिजन व्यंकटेश राव ने आरोप लगाया कि मृतक को 12 दिन पहले एमसीएच में भर्ती किया गया था। उस समय वे कोविड पॉजिटिव थी। 12 दिन बाद जांच के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव थी। सब कुछ सामान्य था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें शनिवार को डिस्चार्ज करने के लिए कहा गया था। शनिवार सुबह 10 बजे करीब अस्पताल से फोन आया कि उनकी मृत्यु हो गई है। जिसके बाद परिजन अस्पताल पहुंचे।
वेंकटेश राव ने बताया कि जब परिजनों को उनकी लाश सौंपी गई। तब उनकी सांसे चल रही थी, हार्टबीट भी चल रही थी और पल्स भी बता रहा था। उन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी। उन्होंने वहां उपस्थित एक डॉक्टर से पूछा। तो डॉक्टर ने साफ इंकार कर दिया। डॉक्टर ने कहा मैं यहां डॉक्टर नहीं हूं। नर्सों से पूछने पर नर्सों ने भी साफ इंकार कर दिया। हमें कोई मदद नहीं मिली।