रायगढ़

बेटे की दोनों किडनी खराब, मां-बाप लगा रहे मदद की गुहार
26-May-2021 5:28 PM
बेटे की दोनों किडनी खराब, मां-बाप लगा रहे मदद की गुहार

सहयोग टीम ने मदद के लिए बढ़ाए हाथ  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 26 मई।
रायगढ़ के करमन दास महंत के 17 साल के बेटे की दोनों किडनी फेल हो चुकी है। रायगढ़ के अस्पताल में सप्ताह में दो दिन डायलिसिस होने के बाद वह वापस घर आने को मजबूर हो जाता है चूंकि आगे इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं है।

 17 साल का भीष्मदेव महंत 10वीं की परीक्षा 2013 में देने के बाद आगे की पढ़ाई करने की लालसा भी रखता है लेकिन इस बड़ी बीमारी के चलते वह घर में रहने को मजबूर है।  भीष्मदेव की बीमारी का पता लगने के बाद सहयोग टीम की अध्यक्ष मंजू अग्रवाल व सहयोगी वीरांगना दुबे ने करमन दास महंत के घर पहुंचकर आश्वासन दिया कि उनके बेटे के इलाज के लिए जिले के समाजसेवियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाएंगे और जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री से भी मदद मांगेंगे, जिससे भीष्मदेव की दोनों किडनियों का सफल इलाज हो सके।
संजय मैदान के पास छोटी सी किराना दुकान चलाने वाले करमन दास महंत बीपीएल परिवार से आते हैं और गरीबी रेखा कार्ड के चलते उन्हें समय पर अनाज व अन्य सुविधाएं मिल जाती है। वर्ष 2019 में जांच के दौरान उनके छोटे बेटे भीष्म देव की दोनों किडनियां खराब होने की जानकारी मिलने के बाद पिता की आंखें नम हो जाती है और वह इस बात को लेकर चिंता में है इतना महंगा इलाज वह कैसे करा पाएंगे। 

करमन दास के साथ उनकी पत्नी अपने बेटे को एक-एक किडनी देने को तैयार हैं और आगे की जांच के लिए कोई अगर सहयोग करता है तो अहमादाबाद जाकर आगे की कार्रवाई करने को भी तैयार हैं। 

माता-पिता रोते हुए बताते हैं कि उनका बड़ा लडक़ा ऋ षिकेष 32 साल का है, उसकी भी मानसिक हालत ठीक नहीं है और घर में छोटा बेटा भीष्म देव किडनी खराब होने से जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।

सहयोग टीम की अध्यक्ष मंजू अग्रवाल ने इस परिवार से मिलने के बाद बताया कि भीष्मदेव का इलाज अच्छे से हो सके, इसके लिए वह रेडक्रास के संचालक मुकेश शर्मा से चर्चा करके सरकारी सहायता के लिए भी प्रयास कर रही है। मंजू अग्रवाल ने बताया कि किडनी बदलवाने के लिए इसके माता-पिता तैयार है और वे अपनी एक-एक किडनी बच्चे की जान बचाने के लिए दोनों को तैयार हैं।

लाखों रूपए लगेंगे उपचार में
भीष्म देव महंत के किडनी ट्रांसप्लांट अहमदाबाद या किसी बड़े संस्थान में जाकर पूरी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए भी कम से कम 30 से 40 हजार रूपए पहले खर्च होंगे और इलाज के लिए भी 15 से 20 लाख रूपए खर्च होने का अनुमान है। तब उसकी जान बचाई जा सकती है।

डायलिसिस की बदौलत जिंदा है 
करमन दास ने अपने स्तर पर बच्चे का इलाज एक साल से करवाना जारी रखा है, लेकिन अब धीरे-धीरे परिवार की स्थिति बहुत खराब होते जा रही है। वर्तमान में मेट्रो हास्पिटल में भीष्मदेव आयुष्मान कार्ड के जरिए सप्ताह में दो दिन डायलिसिस कराता है और इसी डायलिसिस के बदलौत जिंदा है। समय रहते भीष्म देव की जान बचाने के लिए उसका किडनी ट्रांसप्लांट कराना आवश्यक है।

सहयोग के लिए की अपील
पीडि़त करमन दास महंत ने लोगों से अपील की है कि उसके 17 साल के बेटे की दोनों किडनियोंं में से एक बदलवाने के लिए सहायता करें, ताकि उसकी जान बच सके। वह कहते हैं कि उसके पास सरकार का केवल गरीबी रेखा के नीच जीवन यापन करने वाला राशन कार्ड है और छोटे से दुकान चलाकर परिवार चला रहा हैं, ऐसे में वह जनता से सहयोग के अपील के बिना इलाज कराने में असमर्थ है। सामाजिक संस्थाएं और कोई बड़ा एनजीओ भीष्मदेव की बीमारी का इलाज कराने के लिए सामने आए, उसकी वे अपील करते हैं।  
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news