रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 मई। मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीज के इलाज के नाम पर मेडिकल स्टाफ से अभद्रता करने के आरोप में पुलिस ने एक युवती को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है, जबकि इसी मामले में दो अन्य आरोपी फरार बताए जाते हैं। करीब माह भर पहले कोविड पेसेंट जीवित महिला को मृत बताने का मामला अखबारों की सुर्खियां बन चुका है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 24 अपै्रल को 100 बिस्तरीय डेडीकेट कोविड अस्पताल एमसीएच रायगढ़ कोविड-19 धनात्मक मरीज चंद्र लता नायडू निवासी केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड के परिजनों द्वारा अस्पताल के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के साथ गाली गलौज, धक्का मुक्की कर मारपीट पर उतारू होकर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया था।
घटना को लेकर थाना चक्रधरनगर में 25 अपै्रल को सहायक अस्पताल अधीक्षक डॉ. हरिश उरांव द्वारा आवेदन दिया गया था। आवेदन पर मरीज चंद्र लता नायडू के परिजन प्रवीण भयानी, वैंकेटेश राव तथा नीलम भयानी पर कई धाराओं के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मौके पर मौजूद अन्य व्यक्तियों का नाम पता नहीं चला, नीलम भयानी स्वयं को नर्सिंग की छात्रा बता रही थी, जिसे गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है।
जानकारी के मुताबिक 13 अपै्रल को केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड निवासी चंद्र लता नायडू की जांच पर कोविड-19 धनात्मक पाए जाने से 100 विस्तरीय अस्पताल में भर्ती कर उपचार चल रहा था। 24 अपै्रल को प्रात: 7:45 बजे उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई, उसकी मृत्यु कोविड-19 से हुई थी। मृतिका की मृत्यु के संबंध में एवं शव को नियमानुसार सुपुर्द के लिये परिजनों को सूचना दिया गया था। सुबह करीब 9:30 बजे मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे जिसमें एक युवती नर्सिंग की छात्रा होना बता रही थी। चंद्रकला नायडू की मृत्यु को लेकर उसके परिजन आक्रोशित होकर डॉक्टर्स एवं मेडिकल स्टाफ को गाली गलौज देते हुये जबरन मृतिका के शव बाडी बैग को खोल कर देखने लगे, जानते हुए कि कोरोना से उसकी मौत हुई है और उनके ऐसा करने से संक्रमण का फैलाना संभाव्य है। विवेचना दरम्यान आरोपिया नीलम भयानी 23 वर्ष निवासी केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड के पीछे शिवानगर थाना कोतवाली को चक्रधरनगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है। शेष दो आरोपी गिरफ्तारी के भय से फरार हैं, जिनकी पतासाजी के लिए चक्रधरनगर पुलिस द्वारा मुखबीर लगाए गए हैं।