रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 29 मई। चक्रधर बाल सदन में अधीक्षिका ने पद का दुरूपयोग करते हुए कार्यालय के दस्तावेज में हेरफेर करने और सरकारी संपत्ति पर अमानत में खयानत करने के मामले में करीब ढाई साल से फरार चल रही सविता साव के न्यायालय में समर्पण की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने न्यायालय से रिमांड लेकर आरोपी पूर्व अधीक्षिका को जेल दाखिल करा दिया है।
कोतवाली पुलिस लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए उसके घर व मिलने के ठिकानों पर दबिश दे रही थी। अन्तत: पुलिस का बढ़ता दबाव देख आरोपी सविता साव शुकव्रार की शाम न्यायालय समर्पण करने जाने की सूचना कोतवाली पुलिस को मिली थी। कोतवाली पुलिस द्वारा न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर साविता साव का विधिवत गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमाण्ड प्राप्त किया गया जिसे स्वीकार कर न्यायालय द्वारा आरोपी को जेल वारंट जारी किया गया है, आरोपी को जिला जेल दाखिल कराया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के विरूद्ध 01 नवंबर 2018 को रिपोर्टकर्ता दीपक डनसेना बाल संरक्षण विकास स्टेडियम के पास रायगढ़ थाना चक्रधरनगर जिला रायगढ़ द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया कि चक्रधर बाल सदन रायगढ़ की पूर्व अधीक्षिका साविता साव का पद 02 जून 2018 को समाप्त कर चक्रधर बाल सदन पद का संपूर्ण प्रभार मनोरमा साहू को सौंपने तीन बार पत्र जारी किया गया जिसके बावजूद सविता साव प्रभार नहीं दी। तब संस्था को सुव्यस्थित संचालन के लिए कार्यालयीन अभिलेखों को सुपुर्द लेने हेतु समिति गठित कर 4 जुलाई 2018 को पंचनामा तैयार कर अभिलेखों को सुपुर्द में लिया गया।
इस दौरान स्टोर रूम को खोलकर पड़ताल करने पर पूर्व के ट्रस्ट के समय बंद पड़े अलमारी का ताला टूटा था, जिसमें रखे नगदी एवं सोने-चांदी के जेवर गायब थे, पूछताछ पश्चात संस्था के अन्य सदस्यों द्वारा साविता साव द्वारा ताला तोड़वाने एवं सामानों को गायब करवाने की बात कहने पर आरोपियों साविता साव केलो बिहार चन्द्रनगर फेस-2 थाना चक्रधरनगर के विरूध अपराध धारा 409 भादवि के तहत अपराध पाए जाने पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
विवेचना दौरान आरोपी अधीक्षिका की हर संभव पता तलाशकी गई। कई बार उसके घर में दबिश दी गई पर उसके परिजनों द्वारा साविता साव के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं होना बताए। न्यायालय रायगढ़ के समक्ष समर्पण करने पश्चात विवेचक द्वारा न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर उसे गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमाण्ड प्राप्त किया गया है।