रायगढ़

रायगढ़ के 173 गांव ऐसे जहां एक भी कोरोना केस नहीं, जिले में अभी 676 गांव कोरोनामुक्त
30-May-2021 7:25 PM
रायगढ़ के 173 गांव ऐसे जहां एक भी कोरोना केस नहीं, जिले में अभी 676 गांव कोरोनामुक्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 मई।
कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुए एक साल से अधिक हो चुके हैं। इस बीच जिले में भी संक्रमण का काफी असर देखने को मिला। पहले के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा संक्रामक साबित हुई। जिले के शहरों के साथ गांवों में भी संक्रमण के मामले देखने को मिले। लेकिन इनके बीच 173 गांव ऐसे रहे, जिन्होंने अपनी सामूहिक उत्तरदायित्व और अनुशासन के बदौलत कोरोना को अपने गांव में घुसने का मौका ही नहीं दिया। इन गांवों में कोरोना की पहली और दूसरी लहर को मिलाकर आज तक एक भी केस नहीं आये। वहीं जिले में आज 676 गांव ऐसे हैं, जो संक्रमण से मुक्त हैं और जहां एक भी एक्टिव केसेस नहीं है।

कोरोना की संक्रामकता इतनी अधिक है कि इसको रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ा है। लोग अपने घरों में बंद रहे। प्रशासन को विभिन्न ऐहतियाती कदम उठाने पड़े और प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया ताकि संक्रमण को आगे बढने से रोका जा सके। ऐसे में इन 173 गांवों की प्रतिबद्धता ने सिद्ध किया कि अगर हम ठान ले कि कोरोना को हराना है तो यह बिल्कुल मुमकिन है।

ये गांव आज हम सबके लिये न सिर्फ  एक मिसाल हैं बल्कि वो अहम सीख है जो आने वाले दिनों में जिले को कोरोना से सुरक्षित रखने की बुनियाद बन सकती है। इन गांवों ने कोरोना प्रोटोकॉल पालन करने के लिए सेल्फ कन्टेनमेंट का मॉडल हमारे सामने रखा है। जिससे वे कोरोना के पहली और उससे ज्यादा भीषण दूसरी लहर में अभी तक अपने आप को बचा ले गए।

सामाजिक कार्यक्रमों की जनप्रतिनिधियों ने की खुद निगरानी
बरमकेला विकासखंड में गांव है कुधरगड़ी, यहां की सरपंच श्रीमती गायत्री पटेल ने बताया कि कोरोना के संक्रमण से गांव को बचाने तमाम जरूरी उपाय किए गए। लोगों को घरों से निकलते समय मास्क लगाने और लगातार हाथ धोने की समझाइश भी दी गयी। पंचायत की ओर से भी मास्क और सेनिटाइजर बांटे गए। बाहर से आने वालों को क्वारेन्टीन किया गया। इसके साथ ही सामाजिक दूरी बनाए रखने सामाजिक कार्यक्रमों को शासन द्वारा निर्धारित संख्या में ही लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न कराने का बीड़ा गांव के सरपंच, पंच और कोटवार ने उठाया। ऐसे कार्यक्रमों की खुद निगरानी की। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित किया गया। नतीजा ये रहा कि आज तक गांव में कोई कोरोना का केस नही आया है।

गांव में लगातार मुनादी कर लोगों को किया जागरूक
इसी प्रकार घरघोड़ा विकासखंड का ही एक गांव है पत्तरापाली, यहां भी कोरोना के एक भी मामला दर्ज नही किया गया है। गांव के सरपंच आमालाल राठिया ने बताया कि गांव के लोगों को समय-समय पर मुनादी करा कर कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया गया की हमेशा मास्क पहने, हाथों की नियमित सफाई करें। बाहर से आने वालों की निगरानी की गयी। 03 लोग बाहर से आये थे उन्हें भी क्वारेन्टीन कर उनकी जांच की गई। जिसमें वे नेगेटिव मिले। क्वारेन्टीन अवधि पूरा करने के बाद ही उन्हें जाने दिया गया।
 इसके साथ गांव के लोगों को समझाइश दी गयी कि लॉकडाउन का पालन करें, अनावश्यक बाहर न निकलें। जिसका परिणाम रहा कि गांव दोनों लहरों में कोरोना संक्रमण से अभी तक पूरी तरह से मुक्त रहा।

लॉकडाउन का किया पालन, गांव में ही रहे लोग
धरमजयगढ़ विकासखंड के लक्ष्मीपुर पंचायत का गांव है सेमीपाली खुर्द, यहाँ भी आज तक कोरोना का एक भी केस नही आया है। इसके पीछे यहां लॉकडाउन का पालन रहा साथ ही यहां लोग गांव में ही रहे। बाहरी संपर्क से दूरी बनाए रखी। नतीजन दोनों लहरों के दौरान भी यह गांव कोरोना संक्रमण से बचा   रहा है।

676 गाँव अभी हैं कोरोना मुक्त
रायगढ़ जिला अंतर्गत 01 अप्रैल से आज तक 238 गांव कोविड मुक्त रहे हैं। यहां इस दौरान कोरोना संक्रमण का कोई भी केस नही आया है। अभी वर्तमान की स्थिति में 676 गांव ऐसे हैं जो कोविड मुक्त हो चुके हैं और जहां कोविड का कोई भी एक्टिव केस नहीं है। इसके लिए कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व में प्रशासन ने यहां लगातार मॉनिटरिंग की। गांव में केसेस मिलने पर तत्काल कांटेक्ट ट्रेसिंग करते हुए अन्य संक्रमितों को जल्दी ट्रैक कर उन्हें आइसोलेट या अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जिससे संक्रमण की चेन टूटे। इसके साथ ही गांव में जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मितानिनों, सचिवों के माध्यम से कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया गया, पॉजिटिव लोगों की निगरानी और दवाई वितरण किया गया। जिससे ये गांव आज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

ये गांव और यहाँ के लोगों ने हमें नियमों के अनुसरण और आत्मानुशासन की वो राह दिखायी है जिसके बूते हम कोरोना को हराने में सक्षम होंगे। इन्होंने दिखाया है कि अगर हमने ठान लिया कि हम कोरोना अनुकूल व्यवहार की अनदेखी नही करेंगे। सभी नियमों का पालन स्वप्रेरणा से करेंगे। लक्षण दिखने पर जांच व इलाज और बचाव के लिए टीके का उपाय अपनाएंगे तो कोरोना संक्रमण की रोकथाम बहुत जल्द संभव है। जब हमारे गांव और शहर कोरोना से यह जंग जीतेंगे तभी तो जिले को भी इस महामारी पर जीत हासिल होगी।
 

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