रायगढ़

बरसात से पहले खाद-बीज की तैयारी पूरी, दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर
04-Jun-2021 6:12 PM
बरसात से पहले खाद-बीज की तैयारी पूरी, दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 4 जून। रायगढ़ जिले में बरसात से पहले किसानों को समय पर खाद बीज मिले उसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिले में 81 हजार 2 सौ मैट्रिक खाद की जरूरत है, जिससे दो लाख 98 हजार हेक्टेयर फसल का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में कृषि विभाग के उप संचालक एलएन भगत ने बताया कि किसानों को अपनी बुआई से पहले पर्याप्त मात्रा में खाद उठाव करने की अपील भी की जा रही है ताकि ऐन वक्त में उनकी फसल को खाद मिल सके। साथ ही साथ जरूरत पडऩे पर फिर से उन्हे पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सके। 

एक चर्चा के दौरान उप संचालक कृषि एलएन भगत ने बताया कि इस बार किसानों को दलहन व तिलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उनसे यह अपील की जा रही है कि वे 20 से 25 हेक्टेयर कम धान की फसल कम करने की अपील की है कि चूंकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो उसके लिए दलहन व तिलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। उस संचालक भगत ने बातचीत के दौरान बताया कि रायगढ़ जिले में चौपाल के माध्यम से किसानों को कम खर्च में धान की बजाए दलहन व तिलहन की खेती करने के लिए उनकी बारीकियां समझाई जा रही है। गांव-गांव में किसानों के चौपाल में धान की फसल में उतना अधिक फायदा किसान को नही हो पाता इसलिए राज्य सरकार के दिशा निर्देश में इस बार किसानो को दलहन व तिलहन की खेती से फायदा पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। 

बरसात से पहले किसानों को समय पर खाद व बीज की उपलब्धता हो सके उसके लिए रायगढ़ जिले में 110 वितरण केन्द्र बनाए गए हैं साथ ही साथ प्राईवेट लाइसेंस धारी खाद विक्रेताओं की संख्या भी 3 सौ से अधिक है और इन सभी जगहों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही साथ सभी प्रकार की खाद किसानों को मिल सके इस बात का ध्यान दिया जा रहा है। उप संचालक कृषि का कहना है कि अगस्त व सितंबर के महीने में सर्वाधिक खाद की आवश्यकता होती है और ऐसे में किसानों को बुआई से पहले खाद का उठाव शुरू कर देना चाहिए। 

कृषि विभाग के उप संचालक एलएन भगत बताते हैं कि जो किसान धान की फसल की बजाए दलहन व तिलहन की खेती को बढ़ावा देते हैं उन्हें राजीव गांधी आश्रय किसान योजना के तहत 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की राशि दी जाएगी। जिससे उनकी आमदनी में इजाफा होनें के साथ-साथ आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो।

मास्क व सेनेटाईजर का उपयोग जरूरी

छत्तीसगढ़ सहित देश में कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर किये जा रहे प्रयासों का विशेष ध्यान रखे जाने के लिए किसानों को खरीदी केन्द्र पहुंचने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क तथा सेनेटाईजर का उपयोग आवश्यक रूप से करने के लिए भी कहा जा रहा है ताकि खेती किसानी के समय कोई भी किसान कोरोना संक्रमित न हो। 

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