रायपुर
रायपुर, 17 जून। छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन संचालित विप्र कला ,वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में रजत जयंती वर्ष के अवसर पर वेबिनार सप्ताह के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा तीन दिवसीय नेशनल वेबीनार का उद्घाटन समारोह मुख्य अतिथि डॉ .अरुणा पल्टा( कुलपति हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग) ,विशिष्ट अतिथि ज्ञानेश शर्मा (अध्यक्ष विप्र शिक्षण समिति )एवं कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर सी.डी. अगाशे (संचालक शिक्षा विभाग पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर) के सारगर्भित आशीष वचनों से संपन्न हुआ ।
मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शिक्षाविद,हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुणा पलटा ने कहा च्कोरोना महामारी का प्रारंभ इतना अचानक और भयानक था कि किसी की तैयारी नहीं थी। शिक्षा जगत भी इससे प्रभावित हुआ। ऑनलाइन परीक्षा और ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से अध्ययन अध्यापन को प्रारंभ किया गया । परंतु इससे शिक्षक और छात्र दोनों संतुष्ट नहीं हो सकते। ऑनलाइन कक्षा में उपस्थिति कम रहती हैं ।एकाग्रता का अभाव रहता है । अध्यापकों का निरीक्षण या अवलोकन नहीं हो पाता। सिर्फ अध्ययन करने के लिए विद्यार्थी महाविद्यालय में प्रवेश नहीं लेते ,ऑन लाईन कक्षाओं से अन्य शैक्षणिक गतिविधियां निरंक रहा।
उन्होंने कहा इसके बाद भी ऑनलाइन कक्षा की कुछ विशेषताएं हैं ,इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति में अध्ययन अध्यापन जारी रखने का एकमात्र बेहतर उपाय ऑन लाईन कक्षा ही है । साथ ही विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध विषय विशेषज्ञों का व्याख्यान आयोजित किया गया ,जो सामान्य स्थिति में विश्वविद्यालय में बुलाकर संभव नहीं था। इस प्रकार ऑनलाइन के माध्यम से एक छात्र दुनिया के किसी भी कोने का बेहतरीन शिक्षा प्राप्त कर सकता है ।समय की आवश्यकता के अनुसार इसे और अधिक बेहतर बनाने की आवश्यकता है।ज्इस अवसर पर ज्ञानेश शर्मा ने कहा ऑनलाइन क्लास आज की आवश्यकता है । विप्र महाविद्यालय भी इसमें पीछे नहीं रहा ।जैसे ही करोना महामारी के बाद विद्यार्थियों का संपर्क महाविद्यालय से खत्म हुआ।
प्राध्यापकों ने ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से बेहतरीन शिक्षा विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास प्रारंभ कर दिया।इससे विद्यार्थियों का रुझान महाविद्यालय की ओर बढ़ा ,और विगत वर्ष प्रवेश संख्या में वृद्धि हुई।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर सी .डी . अगाशे ने बताया कि ऑनलाइन कक्षा वर्तमान समय की मजबूरी है ।ऑनलाइन कक्षा में प्रत्यक्ष निरीक्षण नहीं हो पाता। विद्यार्थियों और अध्यापकों में भावनात्मक जुड़ाव भी खत्म हो गया है । विद्यार्थी क्लासरूम में ज्यादा सक्रिय रहते हैं ,फिर भी ऑनलाइन कक्षा आज की आवश्यकता है ।इन कमियों को दूर करने का प्रयास वेबीनार में चर्चा के माध्यम से किया जाना चाहिए। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ . मेघेश तिवारी ने कहां पिछले कुछ दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी रूप से काफी तेजी से परिवर्तन हुआ है। तथा वर्तमान स्थापित परिस्थितियों ने इसे और अधिक तीव्रता प्रदान की है। इसी कड़ी में ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता एवं इससे संबंधित चुनौतियों को समझना आवश्यक प्रतीत होता है।उपरोक्त विषय पर संभावित विभिन्न पहलुओं का विस्तृत अवलोकन करने के लिए महाविद्यालय के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर 6 वें वेबिनार का आयोजन किया गया है। इसके बाद वेबीनार की रूपरेखा संयोजक डॉ. दिव्या शर्मा (विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग) ने प्रस्तुत किया। उद्घाटन समारोह के बाद विषय विशेषज्ञ मुख्य प्रवक्ता डॉ .मुकेश चंद्राकर (सहायक प्रोफेसर, केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर)ने ऑनलाइन एजुकेशन के लाभ पर चर्चा की, साथ ही ऑनलाइन लर्निंग के प्रकारों की व्याख्या की और इन्हें बेहतर बनाने के उपाय पर चर्चा की। इसके बाद भर्ती विषय विशेषज्ञ ,डॉ. सुभाष सरकार(प्रमुख आई./सी. शिक्षा विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, त्रिपुरा) ने ऑनलाइन कक्षा को रुचि पूर्ण और बच्चों के लिए मजेदार बनाने के उपायों पर चर्चा किए। साथ ही ऑनलाइन कक्षा के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के उपाय बताएंं । इसके बाद विषय विशेषज्ञ सुशांत कुमार नायक( सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, राजीव गांधीविश्वविद्यालय, एपी) ऑनलाइन कक्षा में तकनीकी का सही ढंग से उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास में जोड़ कर रखना, उन्हें ऑनलाइन क्लास में सीखने के लिए प्रोत्साहित करना एवं ऑनलाइन क्लास के बेसिक नॉलेज पर व्यख्यान प्रस्तुत किया।कल दूसरे दिन विषय विशेषज्ञ डॉ. वी.पी . जोशी (सहायक प्रोफेसर केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल) एवं श्री प्रभाकर पुसाद कर( सहायक प्राध्यापक सामाजिक कार्य विभाग एन ए सी एस कॉलेज वर्धा महाराष्ट्र )के व्याख्यान होंगे।