रायगढ़
![टीआरएन को एसईसीएल के हिस्से की विद्युत हो रही सप्लाई टीआरएन को एसईसीएल के हिस्से की विद्युत हो रही सप्लाई](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1625489663_M8_e_0_july_2021_manisha_nishad_04_july_2021_MORNING_raigarh_04.jpg)
जामपाली, बरौद, बिजारी खदान में आ रही विद्युत की समस्या
पेयजल और निस्तारी की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रवासी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायगढ़, 5 जुलाई। एसईसीएल क्षेत्र के अंतर्गत संचालित कोयला खदान जामपाली, बरौद, बिजारी को घरघोड़ा सब स्टेशन चुहकीमार से विद्युत की आपूर्ति स्वतंत्र फीडर लाइन से की जाती है इसके लिए एक दशक पूर्व विद्युत मंडल को एसईसीएल की कंपनी द्वारा करोड़ों रुपये अदा की गई है। किंतु बीते कुछ वर्षो के दौरान इस सुविधा में कटौती करके इसी फीडर से ग्राम भेंगारी में संचालित टीआरएन कंपनी को विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। जिससे क्षेत्र के एसईसीएल के खदानों में विद्युत की समस्या विकराल रूप धरने लगी है और श्रम संगठनों ने इस समस्या के खिलाफ लामबंद होकर आवाज उठाने का मन बना लिया है।
बताया जाता है पॉच-छ: वर्षों तक चुहकीमार से बरौद को की जा रही है विद्युत की आपूर्ति निर्बाध गति से जारी रही थी। किंतु भेण्ड्रा ग्राम से जब से विद्युत की आपूर्ति एक निजी कंपनी टीआरएन को टेपिंग लगाकर स्वतंत्र फीडर लाइन से दी गई है जब कभी भी इस फीडर लाइन में तकनीकी खराबियॉ आते ही रहती है एसईसीएल बरौद कॉलरी केंद्रीय सरकार की कंपनी की बिजली को काट कर निजी संयंत्र टीआरएन को विद्युत मंडल द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता वर्षों से दी जा रही है जिसके कारण रात रात भर बरौद उपक्षेत्र के स्वतंत्र फीडर लाइट में बिजली नहीं रहती जबकि टीआरएन संयंत्र में रातभर उत्पादन निर्बाध गति से जारी रहती है परिणाम स्वरुप एसईसीएल की जामपाली, बरौद,बिजारी उपक्षेत्रों में कोयला उत्पादन संप्रेषण सब कार्य ठप पड़ जाते हैं विभागीय आवासीय कॉलोनी में जल प्रदाय की व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न हो जाती है लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए तरसना पड़ता है। यहां तक कि क्षेत्र के लोगों को निस्तारी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।
साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस इंटक रायगढ़ क्षेत्र के महासचिव गनपत चौहान ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि स्थानीय अन्य श्रम संगठनों में बीएमएस, एटक, सीटू और एचएमएस के जिम्मेदार प्रतिनिधियों के माध्यम से घरघोड़ा विद्युत मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से आवेदन देकर विद्युत के इस विकराल समस्या को सुधरवाने गुहार लगा चुके हैं। अनेको दफे प्रदर्शन भी कर चुके हैं फिर भी वर्षों की इस समस्या का निदान नहीं हुआ बीते रात और आज दिनभर बरौद उपक्षेत्र के फीडर लाइन में विद्युत की तरंगे अदृश्य है। विभागीय कॉलोनी के अधिसंख्य भवनों में इनवर्टर भी लगा रखे है वह भी समय तक चल कर बंद हो चुके हैं। उमस व गर्मी व जल की आपूर्ति नहीं होने से बच्चे बूढ़े युवा महिलाएं हलाकान, परेशान हो रहे हैं। वे बताते हैं कि अब आंदोलन ही एक रास्ता शेष रह गया है शीघ्र ही पांचो यूनियनो की बैठक कर हड़ताल करने के लिए रूपरेखा बनाने की तैयारी की जा रही है।
विद्युत वितरण कम्पनी के खिलाफ नुकसान का मांगेंगे हिसाब
एसईसीएल बरौद कॉलरी के खान अधीक्षक बी सिंह से इस प्रतिनिधि से एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि घरघोड़ा विद्युत वितरण कंपनी से बीते कुछ माह के प्रोडक्शन और कोयला डिस्पैच में विद्युत के नदारद रहने से कंपनी में हुए करोड़ों के नुकसान का आकलन कर जिसकी भरपाई का हिसाब मांगेंगे।