रायगढ़
![किसान का एटीएम थमा दिया किसी दूसरे को, खाते से अलग-अलग समय में साढ़े पांच लाख पार किसान का एटीएम थमा दिया किसी दूसरे को, खाते से अलग-अलग समय में साढ़े पांच लाख पार](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1625585523G_LOGO-001.jpg)
बैंक मैनेजर व तरकेला समिति प्रबंधक समेत 3 पर एफआईआर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 जुलाई। तरकेला के एक किसान के खाते से अज्ञात आरोपी ने लगभग साढ़े पांच लाख रुपए निकाल लिए। अपेक्स बैंक में बैलेंस की जानकारी लेने पहुंचे किसान को स्टाफ ने बताया कि अकाउंट में सिर्फ पांच हजार रुपए हैं। स्टेटमेंट लेने पर पता चला कि मई के मध्य से जून के पहले हफ्ते के बीच किसी ने एटीएम के जरिए लगभग साढ़े पांच लाख रुपए निकाल लिए। जूटमिल पुलिस ने अपेक्स बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हीरालाल चौधरी का खाता छग राज्य सहकारी बैंक मर्यादित शाखा (अपेक्स बैंक) में है। ग्रामीण लगभग तीन साल से फसल बेचने के बाद मिले रुपयों को जमा कर रहा था। उसने इस साल तक साढ़े आठ लाख रुपए जमा कर लिए थे। ग्रामीण ने लगभग 3 लाख रुपए खुद निकाले थे। जिसके बाद खाते में साढ़े पांच लाख रुपए बचे थे। शुक्रवार को अपेक्स बैंक में बैलेंस रकम की जानकारी लेने गए हीरालाल को पता चला कि उसके खाते में सिर्फ 5 हजार रुपए हैं। ग्रामीण ने शंका जाहिर की है कि बैंक के अफसरों ने उसके नाम से किसी और को एटीएम कार्ड जारी कर दिया जिससे रकम निकाली गई। अपेक्स बैंक के शाखा प्रबंधक और संबंधित अफसरों, सेवा सहकारी तरकेला के प्रबंधन पर शंका जाहिर की है। पुलिस ने अपेक्स बैंक के शाखा प्रबंधक, सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक और अज्ञात व्यक्ति पर अपराध दर्ज किया है।
खाते से 68 बार में निकाले गए 5.50.लाख
अज्ञात आरोपी ने 68 बार में रुपए निकाले हैं। जिसका मैसेज एक बार भी पीडि़त किसान के पास नहीं पहुंचा। अज्ञात आरोपी ने दो महीने के भीतर ही साढ़े पांच लाख रुपए निकाले। पीडि़त इस बीच यह सोचकर निश्चिंत रहा कि उसके रुपए खाते में सुरक्षित हैं लेकिन बैंक पहुंचने पर खाते में केवल 5 हजार रुपए ही बचे थे। पीडि़त ने आवेदन में बताया कि सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक ने उसे किसी दूसरे किसान का एटीएम कार्ड दिया है। जिस एटीएम कार्ड के जरिए खाते से रुपए निकाले गए हैं वह एटीएम कार्ड पीडि़त के पास है ही नहीं। ठगी का शिकार हुए किसान ने बताया कि उससे न तो किसी ने ओटीपी पूछी है और न आहरण का कभी मैसेज मिला।
जिले में किसानों से ठगी के कई मामले
जिले में किसानों से ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। हर साल ऐसी एक-दो शिकायतें थानों में पहुंची हैं। कई बैंकों में फर्जी दस्तावेज के जरिए कर्मियों की मिलीभगत से किसानों के नाम केसीसी लोन निकालने के कई मामले सामने आए हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में पूर्व बैंक अफसर समेत 8 लोग जेल भी जा चुके हैं। परिचित लोगों द्वारा किसानों से ठगी के मामले भी सामने आए हैं। जागरूकता की कमी और आधुनिक सुविधाओं से लैस नहीं होने के कारण किसानों को उनके नाम पर फर्जी लोन का पता सालों बाद तब चलता है जब बैंक से रिकवरी का नोटिस आता है।