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चंपई सोरेन पर पांच महीने से उनकी अपनी ही सरकार रख रही थी नजर: हिमंत शर्मा
28-Aug-2024 7:09 PM
चंपई सोरेन पर पांच महीने से उनकी अपनी ही सरकार रख रही थी नजर: हिमंत शर्मा

गुवाहाटी, 28 अगस्त। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन पर पिछले पांच महीने से उनकी अपनी ही सरकार की पुलिस नजर रख रही थी।

शर्मा ने कहा कि सोरेन के करीबी लोगों ने दिल्ली के एक होटल में झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो उप निरीक्षकों (एसआई) को पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर नजर रखते हुए पकड़ा था।

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि चंपई सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं, वह पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है लेकिन उन्हें अभी इस्तीफा देना है एवं वह फिलहाल मंत्री बने हुए हैं, परंतु उनकी अपनी ही सरकार उन पर नजर रखी हुई है।’’

असम के मुख्यमंत्री ने दावा किया,‘‘जब उन्होंने भाजपा के साथ बातचीत शुरू भी नहीं की थी, तब भी पांच महीनों से उन पर नजर रखी जा रही थी।’’

उन्होंने दावा किया कि दो उपनिरीक्षक सोरेन की दिल्ली यात्राओं के दौरान उनके पीछे-पीछे जाते थे, ये दोनों उसी उड़ान से आते-जाते थे,जिस उड़ान से सोरेन आते-जाते थे और उसी पंचसितारा होटल में ठहरते थे और जहां वह ठहरते थे।

शर्मा ने कहा, ‘‘ चंपई सोरेन के लोगों ने मंगलवार को दिल्ली में इन दोनों को देख लिया और उन्हें पकड़ लिया। प्रारंभ में उन्होंने पत्रकार होने का दावा किया लेकिन बाद में उन्होंने विशेष शाखा के उपनिरीक्षक होने की बात कबूली। उन्हें वहां चाणक्यपुरी थाने के हवाले कर दिया गया एवं सोरेन ने प्राथमिकी भी दर्ज करायी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी या नहीं-- यह हम नहीं जानते क्योंकि उपनिरीक्षकों ने ड्यूटी पर होने का दावा किया।’’

उन्होंने दोनों अधिकारियों के नाम नहीं बताये और न ही उनकी तस्वीर साझा की क्योंकि ‘‘वे शायद नक्सल या अन्य किसी गुप्त अभियान पर हों।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों उपनिरीक्षकों ने दावा किया कि ‘ संवैधानिक पद पर आसीन एक व्यक्ति’ और विशेष शाखा के प्रमुख महानिरीक्षक प्रभात कुमार ने उन्हें चंपई सोरेन पर ‘‘नजर रखने’’ की ड्यूटी पर लगाया था।

इसे ‘जासूसी का गंभीर मामला’ करार देते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘यह भारतीय राजनीति में नजर रखने का दुर्लभतम मामला है। हम इसे सर्वोच्च स्तरों पर उठाएंगे।’’

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ वे संविधान का रक्षक होने का दावा करते हैं लेकिन यहां वे अपने ही एक साथी के निजता एवं जीवन के मूल अधिकार में ताकझांक कर रहे हैं। क्या सोरन एक नक्सली हैं, क्या वह चरमपंथी हैं?’’

असम के मुख्यमंत्री ने सोरेन के फोन टैप कराए जाने की आशंका भी जतायी और कहा कि उन्हें ‘हनी ट्रैप’ करने की भी साजिश हो सकती है क्योंकि एक महिला भी दोनों एसआई से मिल रही थी।

शर्मा ने कहा, ‘‘हम इस मामले की गहन जांच की मांग करते हैं।’’ (भाषा)

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