महासमुन्द

स्कूल फीस बढ़ोतरी का पालकों ने लगाया आरोप, कलेक्टर को पत्र, आरोप निराधार- प्राचार्य
13-May-2021 5:26 PM
स्कूल फीस बढ़ोतरी का पालकों ने लगाया आरोप, कलेक्टर को पत्र, आरोप निराधार- प्राचार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई।
महासमुंद स्थित एक निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों ने कलेक्टर को एक पत्र भेजकर स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों पर आरोप लगाया है कि स्कूल में 20 प्रतिशत फीस की वृद्धि की गई है और इस भयंकर त्रासदी में भी बच्चों को फीस के लिए मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। पालकों का कहना है कि स्कूल में अध्ययनरत जिन बच्चों ने फीस नहीं पटाई है उन्हें ऑन लाइन क्लासेस जाइन नहीं करने दी दिया जा रहा है और हाल ही में आयोजित पी वन परीक्षा में भी बैठने नहीं दिया गया। 

इस आरोप का स्कूल की प्राचार्य पूजा शर्मा ने खंडन किया है और कहा है कि ऑनलाइन कक्षा में तकनीकी खामियों के कारण बहुत से बच्चे शामिल नहीं हो पाते हैं और रही बात परीक्षा की तो बहुत से बच्चे इसमें भी शामिल नहीं हो पाए थे। जबकि फीस को हमने जिला प्रशासन की गाईड लाईन के तहत ही बढ़ाया है। जो पालक अपने बच्चों की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे पालकों से एक आवेदन मंगाया जा रहा है कि वे अमुक कारणों से फीस पटाने में अक्षम हैं। अपर कलेक्टर जोगिंदर नायक ने जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है। 

 एक निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों ने कलेक्टर महासमुंद को एक पत्र लिखकर नये सत्र में स्कूल में 20 प्रतिशत फीस वृद्धि, फीस नहीं पटा सकने वाले बच्चों को आन लाईन क्लास में एंट्री नहीं देने और परीक्षा में शामिल नहीं करने की शिकायत की है। पालकों का एक वाट्सएप ग्रुप भी है, जिसमें यह चर्चा कुछ दिनों से लगाातार चल रही है। पालकों का कहना है कि जिन बच्चों की फीस नहीं पट पाई है, उन्हें बार-बार फीस पटाने के  लिए दबाव बनाया जा रहा है। फीस नहीं पटा सकने वाले बच्चों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया है। ऐसे बच्चों की आनलाईन पढ़ाई बंद कर दी गई है। ऐसे में मासूम बच्चे मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहे हैं। अत: कलेक्टर से अपील है कि तमाम मामलों की जांच कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करें।

स्कूल की प्राचार्य पूजा शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि जिन पालकों ने स्कूल की फीस नहीं पटाई है, उनसे बार-बार आवेदन मंगाया जा रहा है फिर भी पालक आवेदन नहीं देते और फीस भी नहीं पटाते। आवेदन देने के बाद पता चलता कि उनकी माली हालत क्या है। रही बात बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाई और परीक्षा में बैठने वाली बात की, तो यह सिर्फ तकनीकी कारणों से हो रहा है। स्कूल के एक संचालक अमृत शर्मा ने भी इस मामले में कहा है कि हर निजी स्कूल में ऐसा होता है कि कुछ पालक स्कूूल की नीतियों का विरोध करते हैं। स्कूल में कहीं पर भी कुछ गलत नहीं हो रहा है। बहरहाल इस मामले में अपर कलेक्टर जोगेंदर नायक ने जिला शिक्षा अधिकारी से तत्काल मामले में संज्ञान लेने और जांच करने की बात कही है। 
 

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