छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसींवा, 15 अपै्रल। अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद के कारण स्थिति गंभीर होते जा रही है। मंगलवार को ब्लॉक बिलाईगढ़ में 64 संक्रमित मरीजों की पहचान किया गया। प्राप्त समाचार के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है विकासखंड बिलाईगढ़ में आज 14 अप्रेल तक कुल 64 पॉजीटिव केस पाया गया।
कोरोना के दूसरे लहर में 9 अप्रैल से लेकर अब तक लगभग कुल 316 पॉजीटिव केस की पहचान हो चुकी है। अधिकांश मरीजों का इलाज होम आइसो लेशन में रहकर किया जा रहा है। वही बिलाईगढ़ स्थित अस्थाई कोवीड हास्पिटल क्षमता 60 बिस्तर का मरीजों से पूरी तरह से भर गया है तथा स्थिति ब्लॉक में खराब होते जा रही है। विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.सुरेश खूंटे ने बताया कि ब्लॉक में स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है तथा कोविड अस्पताल भी पूरी तरह से भर गया है।
कार्यालयीन सूत्रों के मुताबिक मंगलवार 14 अप्रैल को कुल 83 मरीजों की पहचान हुई है तथा 9 तारीख से लेकर अब तक कोरोना के दूसरे लहर के संक्रमण में कुल 402 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। जिनमें से होम आइसोलेशन 241 मरीजों का इलाज चल रहा है वही अस्थाई कोविड-अस्पताल कन्या छात्रावास गोविंदवन 60 बिस्तर में मरीज फुल हैं। जहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बाकी 15 से 17 मरीज बाहर अन्य जिले में रेफर किया गया है और अब तक कुल आंकड़ा है जिनमें से अन्य जिले में दो की मौत हुई है, जो कि बिलाईगढ़ ब्लॉक के है तथा 3 दिन पहले भी दो की मौत हो चुकी है। संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु शासन प्रशासन स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है।
इस समय कोरोना (महामारी) बिलाईगढ़ ब्लॉक के हर गांव में अपना पैर पसार रहा है। अधिकांश गांव में जांच के बाद कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। सरसीवा अंचल की बात करें तो इस समय स्वास्थ्य विभाग के जांच उपरांत सरसींवा, मुड़पार, बिलासपुर, संकरापाली, पेंड्रावन, गाताडीह, रायकोना, सेन्दूरस सहित दर्जनों गांवों में कोरोना मरीज मिल रहे हैं। ब्लॉक में पिछले एक सप्ताह का रिकार्ड देखा जाय तो हर रोज आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। 8 अप्रैल को 10, 9 अप्रैल को 27, 10 अप्रैल को 55,11 अप्रैल को 24,12 अप्रैल को 47, 13 अप्रैल को 64 और 14 अप्रैल को 83 कोरोना संक्रमित मिले। वेक्सिन की बात करें तो ब्लॉक के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना का टीका लगाया जा रहा है।
सरसीवा अंचल में स्वास्थ्य विभाग इस समय सरसीवा, गाताडीह, रायकोना, अमोदी, बालपुर, मधाईभाठा, उडकाकन, गोपालपुर स्वास्थ्य केंद्रों में 45 साल के ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा हैं। 25 जनवरी से लेकर अब तक कुल 29563 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है, जिनमें से 13 अप्रैल को 2701 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है। बिलाईगढ़ स्वास्थ्य अधिकारी एस के खुटे ने क्षेत्र के समस्त लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है यदि बहुत जरूरी काम पडऩे पर निकले तो मास्क का उपयोग करते हुए शोषण डिस्टेंस का विशेष पालन करने की सलाह दी है
चयनित अभ्यर्थियों को 16 तक उपस्थित होने के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा के निर्देशानुसार जिला खनिज संस्थान न्यास के तहत स्टॉफ नर्स (डीएमएफ), लैब टेक्निशीयन (डीएमएफ) एवं फार्मासिस्ट (डीएमएफ) के संविदा पद पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजनांदगांव के अंतर्गत की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर तथा अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को 16 अप्रैल तक कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजनांदगांव में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
स्टाफ नर्स चयनित अभ्यर्थी
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में स्टाफ नर्स के लिए पुष्पा मंडावी, यामिनी, वीणा खोब्रागढ़े, माधुरी राय, सुनिता निर्मलकर, अराधना पम्मी तिर्की, सरोज दिवान, मंजूलता गर्ग, चमेली तथा त्रिवेणी का चयन किया गया है। इसी तरह अन्य सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ नर्स के लिए श्यामा उइके, सरीता निर्मलकर, रक्षन्दा टांडेकर, ज्योति टंडन, पूजा, तोरण कुमारी, कविता वर्मा, गौरी देवांगन, जयश्री सिन्हा, सीमा साहू, दिपांजली साहू, कंचन, विद्या, यामिनी, गीतांजली यादव, मोनिका साहू, दीपिका वर्मा, अंजू मैथ्यू, दीप्ति तिवारी, यामिनि, नीतू, चांदनी, कान्ता यादव, रश्मी वर्मा, तेजस्विनी, तारामती, रूचि कंवर, चुम्मन, लिलेश्वरी मलियार्य, गंगोत्री नायक, जशवन्त कुमार सहारे, रेणु ठाकुर, चमेली चंद्रवंशी, नंदनी, खेमिन चोरिया, चुलेश्वरी, प्रतिमा कलामे, ममता पुरामें, जसमत, शीतेश्वरी जमदार, सुरेखा कंवलिया, लक्ष्मी कोसरे, कल्पना, सुषमा सोनटेके, मृणाली रामटेके, आकांक्षा श्यामकर, एकता, सबिता निर्मलकर, तारिणी वर्मा, चंद्रिका सिन्हा, अंजू देवांगन, गौतम साहू तथा कुसुमलता सिन्हा का चयन किया गया है।
लैब टेक्निशीयन चयनित अभ्यर्थी
खिलेश, आशीष कुमार, मुकेश कुमार देवांगन, नारदराम साहू, राजेन्द्र बंजारे, सीमा, अखिल जंघेल, मुकेश कुमार देवांगन, रितेश कुमार वर्मा, दिलीप कुमार वैष्णव, पूजा, शिप्रा मुटकुरे, डिगेश देवांगन, कैलाश जोशी, मंजू, जीत सिंह, कुलेश्वर, शुभम साहू, खिलेश्वर प्रसाद, विनोद कुमार साहू, ललिता वर्मा, भूषण दास वैष्णव, मनेन्द्र कुमार बोरकर, प्रिन्सी जोशी, तजेश्वरी, भुनेश्वरी, नीतू मंडावी, खिलेन्द्र कुमार, डिलेश्वरी कोमरे, गितेश्वर कुमार, अंकिता एक्का, श्वेता टोप्पो, यशोदा राठिया, सेवा लकड़ा एवं छाया राठिया का चयन लैब टेक्निशीयन (डीएमएफ) के संविदा पद के लिए किया गया है।
फार्मासिस्ट चयनित अभ्यर्थी
उमेश कुमार, अंगेश्वरी कुमार देवांगन, ईशा साव, गोविंद कराडे, गुलशन कुमार, सीमा यादव, बिरेन्द्र कुमार, सोनम मेश्राम, प्रिया साहू, बीरेन्द्र, सोनिया रथी, मोनिका मेश्राम, देवेन्द्र कुमार, लक्ष्मी ध्रुवे, हरिशंकर एवं प्रतिमा का चयन फार्मासिस्ट (डीएमएफ) के संविदा पद के लिए किया गया है।
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्राप्त राशि से कोविड-19 की रोकथाम के लिए शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री को मेडिकल स्टाफ के भोजन के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री सहायता कोष से शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में स्टाफ नर्स की नियुक्ति के लिए मानदेय हेतु 20 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।
चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लिए शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री हेतु 5 लाख रुपए की राशि मानदेय के लिए स्वीकृत की गई है। नगर निगम राजनांदगांव को शव प्रबंधन के लिए 15 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है।
पार्षद पंकज के अपील पर हाईकोर्ट का स्टे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अपै्रल। निकाय चुनाव में वार्ड क्रमांक 23 के कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी राजू मिश्रा ने हार के बाद री-काउंटिंग की मांग को लेकर चुनाव याचिका लगाई थी। जिस पर पिछले दिनों री-काउंटिंग का आदेश जारी किया गया था। जिसके विरूद्ध विजयी प्रत्याशी पंकज कंकरवाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिस पर विद्वान न्यायाधीश ने री-काउंटिंग के आदेश के खिलाफ स्टे आदेश जारी किया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायगढ़ के न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद ने फैसला सुनाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर को 19 अपै्रल को री काउंटिंग करने का आदेश जारी किया है। जिस आदेश के विरूद्ध विजयी प्रत्याशी पंकज कंकरवाल द्वारा अपने अधिवक्ता ईशान वर्मा एवं अशुतोष मिश्रा के माध्यम से रिट याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई। यचिका मे मुख्य रूप से प्रयाप्त साक्ष्य एवं विशिष्ट कथनो के आभाव के आधार पर चुनौती दी गयी। जिस पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति राजेन्द्र चंद्र सिंह सामन्त की एकलपीठ द्वारा मतो के पुर्नगणना आदेश के निष्पादन पर रोक लगाते हुये नोटिस जारी किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई पंडरिया, 15 अप्रैल। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 10 अप्रेल से राजनांदगांव जिले में जिला कलेक्टर के आदेश पर पुरे जिला क्षेत्र में लॉकडाउन लगाया गया जिसके चलते सभी प्रकार के व्यपार सहित आवागमन बन्द है लॉकडाउन के असर को व्यापक बनाने के लिए शासन द्वारा चलाये जा रहे सरकारी शराब दुकान को भी बंद रखा गया है ।परंतु मदिरा प्रेमियों को फिर भी शराब उपलब्ध हो रहा है ।
जानकारी अनुसार आस पास के क्षेत्र सहित गंडई में शराब कोचियों की संख्या बढ़ते क्रम में है और उक्त शराब कोचियों द्वारा 24 घण्टे शराब प्रेमियों को शराब उपलब्ध कराया जा रहा है। लॉक डाउन में शराब कोचियों की कमाई दुगुनी और तिगुनी हो गई है जिस शराब के पव्वा को सरकारी शराब दुकान में 80 रूपये में बेचा जाता है उसे कोचियों द्वारा इन दिनों 200 रूपये के भाव में बेच कर दुगुने से ज्यादा फायदा उठाया जा रहा है । अपुष्ट सूत्र बताते है कि नगर पंचायत गंडई के आस पास 2 से 3 जगहों पर इन दिनों शराब बेचा जा रहा है वही वार्ड 09 में भी अवैध शराब बेचा जा रहा है वार्ड नम्बर 07 में पुराना बस स्टैंड के आस पास शराब की बिक्री किया जा रहा है पंडरिया में कन्या स्कुल के आस पास शराब बेचा जा रहा है सभी शराब कोचियों द्वारा लॉक डाउन से पहले शराब की एक बड़ी खेप को लाकर अपने अपने घरों में रखा गया है जिसे अब महगे दामो में बेच कर मोटी कमाई किया जा रहा है।
वर्जन-गंडई थाना प्रभारी शशिकांत सिन्हा ने बताया कि सबंधित जगहों पर लगातार कार्रवाई किया जा रहा है शराब मिलने पर आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण बना कार्यवाही किया जाएगा।
वर्जन-लवकेश ध्रुव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व
जाँच और कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी को निर्देशित किया जायेगा ।
राजनांदगांव, 15 अप्रैल। श्री शांति विजय सेवा समिति द्वारा उदयाचल भवन में शुरू किए गए नि:शुल्क कोविड केयर सेंटर के निरीक्षण के दौरान सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि जनसहयोग से ही इस कोरोना महामारी पर जीत हासिल की जा सकती है। मानव सेवा ही सर्वोत्तम सेवा है यह बताते सांसद ने कहा कि मरीजों को भोजन, नास्ता, ओक्सीमीटर, थर्मामीटर जैसे उपकरण मुफ्त में उपलब्ध कराकर समिति द्वारा कोरोना मरीजों का उत्साह बढ़ाया जा रहा है। हर बेड पर मेडिकल चार्ट व दवाई की किट, गरम पानी उपलब्ध कराकर कोरोना के मरीजों को प्राइवेट वार्ड जैसी सुविधा दी जा रही है।
सांसद ने शहर के लोहाणा महाजन समाज द्वारा संचालित कोरोना मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे भोजन की व्यवस्था भी देखी। उन्होंने मरीजों के स्वास्थ्य के अनुरूप बनाए जा रहे भोजन वितरण को देखते कहा कि मरीजों को उपलब्ध स्वादिष्ट व सुपोषित भोजन से कोरोना से रिकवरी में सहायता मिलेगी। राजनांदगांव शहर में कोरोना मरीजों के उपचार व उनकी सेवा हेतु तत्पर सभी सामाजिक संस्था द्वारा की जा रही मदद एवं सहयोग की प्रशंसा करते सांसद ने कहा कि राजनांदगांव को संस्कारधानी क्यों कहा जाता है, यह बात यहां के सामाजिक संस्थाओ ने सिद्ध कर दिया। सांसद ने पुन: अपील करते कहा कि कोरोना महामारी में दौरान प्रशासन द्वारा जारी सभी प्रोटोकॉल का पालन करें, मास्क का प्रयोग करें व दो गज की दूरी का ध्यान रखें।
13 दिनों में 2932 पॉजिटिव में 60 साल से ऊपर के सिर्फ 235
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अपै्रल। 45 साल के ऊपर करीब 94 परसेंट वैक्सीनेशन जिले में कर लिया गया है। इसका असर अब वर्तमान में देखने को मिल रहा है, रायगढ़ जिले में पिछले 13 दिनों में 2932 कोरोना वायरस पॉजिटिव आए हैं जिसमें से 60 साल से ऊपर के सिर्फ 235 केस ही मिले हैं।
कलेक्टर भीम सिंह ने जिले के जनपद पंचायत सीईओ को ग्राम सचिव और सरपंच के माध्यम से 45 साल से ऊपर सभी लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए हैं। लक्ष्य के अनुरूप जिले में हर रोज कोविड-19 वैक्सीनेशन हो रहा है। वर्तमान में जिले में 45 वर्ष से ऊपर आयु वाले का करीब 94 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण हो चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने वैक्सीनेशन कारगर साबित हो रहा है। पिछले 1 अप्रैल से 13 अप्रैल तक 2932 नए कोरोना पॉजिटिव जिले में मिले हैं। इसमें से 60 साल से ऊपर के सिर्फ 235 केस सामने आए हैं।
वैक्सीनेशन से पूर्व 60 साल से ऊपर लोगो को ज्यादा संक्रमण हो रहा था, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद उम्रदराज लोगों पर संक्रमण कम होने की बातें सामने आई है। इसमें 1 से 15 वर्ष आयु वालों में 260 पॉजिटिव, 16 से 30 वर्ष आयु वालों में 911 पॉजिटिव, 21 से 50 वर्ष आयु वालों में सबसे ज्यादा 1197 पॉजिटिव, 51 से 60 वर्ष वालों में 329 पॉजिटिव मिले हैं। इसमें देखने वाली बात यह है कि 45 साल के ऊपर वालों को वैक्सीन लग चुका है, जबकि 1 से 30 वर्ष और 30 से 45 वर्ष के नीचे के लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगा है। हर रोज मिल रही जांच रिपोर्ट के आधार पर 31 से 44 वर्ष उम्र और 16 से 31 वर्ष उम्र वालों का ही ज्यादा संख्या में कोरोना पॉजिटिव आने की बातें सामने आ रही है।
वैक्सीनेशन के साथ एहतियात भी जरूरी
जिला पंचायत सीईओ डॉ.रवि मित्तल खुद भी एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं। डॉ.रवि मित्तल ने बताया कि जिले में 45 प्लस आयु वर्ग के लोगों का 94 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीनेशन हो चुका है, जिन्हें टीके का पहला डोज लगा है, उन्हें 6 हफ्ते बाद दूसरा डोज भी लगवाना होगा। इससे ही उनके शरीर में 81 प्रतिशत तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि टीका लगाने के बाद भी मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों को सैनिटाइज करने के साथ भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाने से बचने जैसे एहतियात बरतने की जरूरत है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अपै्रल। वैश्विक महामारी कोरोना के दूसरे दौर छत्तीसगढ़ में द्रुतगति से बढ़ रहा है। रायगढ़ जिले में 14 से 22 अप्रैल तक पूर्ण लॉक डाउन कर दिया गया है। रायगढ़ जिले की सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया गया है। ओडिशा राज्य से लगे जिले के रायगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र के तहत 6 सीमावर्ती गांव को सील कर दिया गया है। इनमें शकर बोगा, बेहेरा पाली, सपनाई, जामगांव और महापल्ली हैं।
महापल्ली में अंतर्राज्यीय कोरोना चेक पोस्ट शुरू कर दिया है जिनमें 3 पालियों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। बाहर से आने वाले तथा बेवजह घूमने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। डिप्टी कलेक्टर रायगढ़ सागर सिंह राज ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चेन को तोडऩे के लिए लॉकडाउन का पालन कराने कलेक्टर भीमसिंह के निर्देशन में बेरियर बना कर ड्यूटी लगाई गई है। बेरियर निर्माण में जनपद सदस्य अशोक निषाद, सरपंच अनन्त राम, ब्रजेश गुप्ता पंच, सचिव रमेश गुप्ता ने बैठक व्यवस्था सहित प्रकाश व अन्य बेरियर निर्माण सम्बंधित कार्य निष्पादित किए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 15 अपै्रल। जिला कोविड अस्पताल के डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, वार्डब्वॉय से लेकर यहां कार्यरत सफाई कर्मियों को कैसी-कैसी दिक्कतें आती हैं और वे उस दौरान कैसा महसूस करते हैं। ‘छत्तीसगढ़’ ने इन हेल्थ वर्करों से समझने का प्रयास किया। सिस्टम की लाचारी से लोगों का भरोसा टूट रहा है पर ये हेल्थ वर्कर लगातार इलाज कर अपने पेशे के प्रति लोगों का भरोसा लगातार बना रहे हैं।
मरीजों और मौतों की बढ़ते आंकड़ों कीे बीच कई बार वे लोगों के गुस्से के शिकार भी हो जाते हैं पर फिर भी बुरा नहीं मानते, ताकि लोगों का भरोसा न टूटे। यहां तक कि 8 से 12 घंटे तक काम कर रहे हैं और बगैर कुछ खाए पीए पीपीई किट के अंदर डायपर में ही उन्हें पेशाब भी करना पड़ रहा है। घर जाकर भी आइसोलेशन में रहते है, यानी परिवार से दूर। कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के बीच लोग जहां घरों में सुरक्षित हैं। वहीं जिले में 600 से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पतालों में ड्यूटी पर मोर्चा संभाले हैं। वह भी तब जब उन्हें भी कोरोना संक्रमण का उतना ही खतरा है, जितना कि किसी और को।
760 बुधवार को मरीज मिले, 05 मौत16625 कुल संक्रमित, 5742 एक्टिव केस 400 हेल्थ वर्कर भी संक्रमित हो चुके हैं
बलौदाबाजार जिला भयावह कोरोना संकट का सामना कर रहा है। प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा हजार के आसपास पहुंच रहा है। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या 5 हजार से उपर चली गई है। इन कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए कसडोल स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर ने अपनी जान भी गंवा दी।
कोरोना मरीजों को बचाने का प्रयास करने वाले 400 से अधिक डॉक्टर, स्टॉफ, स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। सिर्फ अप्रैल में ही स्वास्थ्य विभाग के 110 लोग संक्रमित हुए हैं। अपनी जान पर खेलकर संक्रमितों का इलाज करने वाले जिले के ऐसे ही कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ जिले के अलग-अलग अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हैं। ये हेल्थ वर्कर बिल्कुल फौजी की भांति घर-परिवार को नजरअंदाज कर ड्यूटी कर रहे हैं।
साफ हवा-पानी तक नसीब नहीं-डॉ. साहू
कोविड अस्पताल में कार्यरत डॉ. शैलेन्द्र साहू ने बताया कि पानी तक नहीं पी पाते, एक बार आईसीयू में जाने के बाद कई घंटों तक कुछ और नहीं कर पाते। प्रेशर का आलम ये है कि साफ हवा और पानी तक नसीब नहीं। काम और कॉस्ट्यूम ऐसा है जिसे बार-बार उतारना और पहनना मुश्किल है, ऐसे में हमें एडल्ट डायपर में ही पेशाब करनी पड़ती है।
मास्क से घुटन होती है
टॉयलेट तक नहीं जा पाते
दिक्कतों के बारे में डॉ. नवदीप बांधे ने बताया सबसे अहम चीज है कि जब आप एक बार पीपीई किट पहन लेते हैं, तब काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है। अंदर बहुत ही घुटन महसूस होती है। मास्क भी बेहद कसा होता है। लगातार 8 घंटे की शिफ्ट के बाद हम बुरी तरह थक चुके होते हैं। हम टॉयलेट नहीं जा पाते। पानी तक नहीं पी पाते।
8 माह से पर्व नहीं मनाया, जन्मदिन का तो पता ही नहीं चला
ड्यूटी पर तैनात जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर राकेश प्रेमी ने बताया कि पिछले 8 महीने से हमने एक भी त्योहार नहीं मनाया है। होम आइसोलेशन प्रभारी डॉ. अविनाश केशरवानी ने कहा कि बर्थ-डे पर भी बधाई के लिए आए फोन कॉल से ही पता चलता है कि आज हमारा जन्मदिन है। यहां तक कि घर में किसी की तबीयत भी खराब है, तो हम ड्यूटी छोडक़र घर नहीं जा पा रहे हैं। जिलेभर में पॉजिटिव आए मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री, कांटेक्ट हिस्ट्री के संकलन प्रभारी एपेडेमियोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा ने बताया कि लोगों को बचाने के मिशन में उन्हें अपनों का भी ख्याल रखने का वक्त नहीं मिल रहा है।
फोनकॉल से इलाज में बाधा पहुंच रही- सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. खेमराज सोनवानी ने कहा कि कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के बीच लोग जहां घरों में सुरक्षित हैं, वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पतालों में ड्यूटी पर मोर्चा संभाले हैं। वे दिन-रात एक कर मरीजों की देखभाल और सेवा में जुटे हैं। वह भी तब, जब उन्हें भी कोरोना संक्रमण का उतना खतरा है, जितना कि किसी और को। उन परिवारों से मेरा विनम्र निवेदन है कि जिनके सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी तबीयत के लिए आने वाले फोन काल से सतत इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की कड़ी टूट रही है, उन्हें इलाज छोडक़र फोन अटेंड करना पड़ रहा है। हमारा अधिकतर समय लोगों के फोन कॉल अटेंड करने में चला जाएगा तो हम इलाज कब करेंगे। जेल में बंद कैदियों जैसा कष्ट उठाकर भी हम अपना 100 प्रतिशत दे रहे हैं, कृपया परिजन हम पर भरोसा करें। किट उतार नहीं सकते इसलिए लगाते हैं डायपर, कई घंटों तक कुछ खा-पी भी नहीं सकते। 8 माह से यही क्रम घर जाकर भी आइसोलेशन में।
मार्निंग वॉक व बेवजह बाइक लेकर बाहर निकले 410 लोगों पर जुर्माना, शहर में फ्लैग मार्च निकालकर लॉकडाउन का पालन की अपील, जिम्मेदार रहे घरों पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अपै्रल। लॉकडाउन के पहले दिन मार्निंग वॉक पर निकले लोगों पर सभी थानाक्षेत्र में 500-500 रूपये का चालान कर जुर्माने की कार्रवाई की गई है, इनमें से कुछ व्यक्ति जुर्माना रकम अदा करने पर बहस करने लगे जिन्हें थाने लाया गया जिसके बाद उदंड व्यक्ति को घरवालों से रूपये मंगवाकर जुर्माना देना पड़ा। पुलिस की चौंक-चौबंध व्यवस्था व भारी जुर्माने की कार्रवाई के बाद केवल आवश्यक सेवाओं के लिए बाहर निकलने वालों की आवाजाही रही।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के दिशा निर्देशन पर मंगलवार व बुधवार को मिलाकर कुल 15 व्यक्तियों पर कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज किए गए हैं, कल थाना प्रभारी सारंगढ़ निरीक्षक जीएस दुबे द्वारा निर्धारित समय के बाद बस स्टैण्ड सारंगढ में राजेश अग्रवाल की किराना दुकान, साप्ताहिक बाजार सारंगढ में संतोष गुप्ता तथा सुशांत केशरवानी की दुकान एवं सम्राट चौक में घनश्याम अग्रवाल की किराना दुकान खुली पाये जाने पर चारों दुकान मालिकों पर धारा 269,270 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।
इसी क्रम में बुधवार की सुबह छाल पुलिस द्वारा ऐडू में वैभवी आटो पाटर्स की दुकान में भीड़ किए जाने तथा लालू चन्द्रा हॉटल के खुले होने पर संचालक पर अपराध कायम किया गया है, इसी प्रकार खरसिया पुलिस ग्राम भैनापारा, पुसौर पुलिस द्वारा ग्राम कोड़पाली, महलोई में किराना दुकान खोलकर सामान बिक्री करते पाए जाने पर धारा 269, 270 के तहत अपराध कायम किया गया है। लॉकडाउन के पहले दिन शाम तक बिना मास्क तथा बेवजह बाहर घूमते पाए गए। 354 व्यक्तियों पर चालान काटा गया तथा 56 व्यक्तियों पर पृथक से मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई की गई है, मोटर व्हीकल एक्ट में 14,500 रूपए समन शुल्क काटा गया है।
वहीं शहरवासिसों को लॉकडाउन का पालन करने का संदेश सुबह करीब 10 बजे एसपी आफिस से एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में पूरे शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च एसपी आफिस से प्रारंभ होकर कोतवाली, कोतरारोड़, जूटमिल के बाद चक्रधरनगर थानाक्षेत्र के वार्डों का भ्रमण कर लोगों को घरों में रहने की अपील की गई। जगरूक शहरवासी भी जिला प्रशासन व जिला पुलिस को लॉकडाउन सफल बनाने में सहयोग किया जा रहा है, ज्यादातर जिम्मेदार व्यक्ति अपने घरों में थे।
मृतक के परिजनों ने अव्यवस्था व लापरवाही का लगाया आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 15 अप्रैल। ब्लॉक मुख्यालय के कोविड केयर सेंटर में सप्ताहभर के अंदर दूसरी मौत हो गई। मंगलवार शाम श्वांस लेने में आ रही समस्या के चलते वार्ड 2 निवासी 42 वर्षीय शिक्षक हीरामन वर्मा की मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार हीरामन को मंगलवार सुबह श्वांस लेने में समस्या हो रही थी। वहीं शाम 4 बजे मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने कोविड केयर सेंटर में अव्यवस्था का आरोप लगाते कहा कि बीएमओ व बीपीएम की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने शासन-प्रशासन से इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। बताया गया कि अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के कोरोना संक्रमितों के लिए वार्ड एक मेरेगांव स्थित कन्या शिक्षा परिसर छात्रावास को कोविड सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर में सप्ताहभर के अंदर दो लोगों की मौत हो गई। 7 अप्रैल को ग्राम खोर्राटोला निवासी 61 वर्षीय सुकलाल खरे तथा 13 अप्रेल को वार्ड 2 निवासी शिक्षक हीरामन वर्मा की मौत हो गई। दोनों ही मामलों में कोविड सेंटर की अव्यवस्था व लापरवाही सामने आई है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि सेंटर के कुप्रबंधन व अव्यवस्था तथा लापरवाही से उनके अपनों की मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि यदि समय पर मरीज को जिला अस्पताल रिफर कर दिया जाता तो उनकी जान बच जाती, लेकिन यहां मरीज को रोककर रखा गया और उनके इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। जिससे उनकी मौत हो गई। दोनों ही मरीज को श्वांस से जुड़ी समस्या थी। परिजनों की शिकायत है कि कोविड सेंटर में डॉक्टर आते ही नहीं है। सेंटर पिछले 10 दिनों से ग्रामीण क्षेत्र के पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के भरोसे चल रहा है। सेंटर में मरीजों को समस्या आने पर वे आरएचओं को बताते हैं, लेकिन उचित स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधा एवं मार्गदर्षन नहीं मिलने से मरीज की मौत हो जाती है।
सप्ताहभर में पांच दर्जन संक्रमित
बीते सप्ताहभर से नगर में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या नगर में पांच दर्जन से अधिक पहुंच गई है। इस बार रिहायसी कालोनी ही नहीं, झुग्गी बस्तियों से भी संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। नगर में संक्रमण के फैलाव तेजी से हो रहा है। नगर के कई वार्ड कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है। जानकारी के अनुसार हर वार्ड से संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। नगर के वार्ड 2, 3, 4, 7 व 8 कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है। इसके बाद भी स्थानीय नागरिक संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाईड लाइन का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं।
बीएमओ डॉ. आरआर धुर्वे का कहना है कि कोविड केयर सेंटर में लापरवाही व अव्यवस्था का आरोप गलत है। मंगलवार को जिस मरीज की मृत्यु हुई, उसे सुबह से आक्सीजन दिया जा रहा था। शाम को तबियत बिगडऩे पर उसकी मौत हो गई।
रायपुर, 15 अप्रैल। लगातर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला काफी बढ़ गया है व इससे दु:खद बात यह है कि अपनी जान जोखिम में डाल कर कुछ सरकारी कर्मचारी दिन रात इन मरीजो की सेवा कर रहे है व संक्रमित भी हो रहे है ।
हुपेंडी ने कहा हमे गर्व है उन सभी भाईयों व बहनों पर जो इस मुश्किल घड़ी पर अपनी जान की परवाह किये बिना सेवा के रूप में अपनी नौकरी कर रहे है । कोमल हुपेंडी ने छत्तीसगढ़ सरकार से ये मांग की है कि जितने भी कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी कर रहे है व इस दौरान जब वे खुद संक्रमित होते है तो उनके इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए व इस दौरान यदि किसी की मृत्यू होती है तो उसे शाहिद का दर्जा देते हुए सरकार 1 करोड़ की राशि व परिवार में एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष तेजेन्द्र तोडक़र ने कहा हम छत्तीसगढ़ के आम नागरिक होने के नाते, कोरोना महामारी की इस लड़ाई में सरकार के साथ खडे है, लेकिन हमारे सरकार से कुछ सवाल हैं, जिसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा साथ ही समस्या से निपटने के लिए क्या तैयारी है ?
छत्तीसगढ़ में करोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड, वेंटिलेटर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं, राजधानी रायपुर में भी किसी भी अस्पताल में नए मरीज़ों के लिए जगह नहीं है, सरकार की इसपर क्या तैयारी है? कोविड ईलाज में तैनात सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए पीपीई किट की व्यवस्था नहीं है? जल्द से जल्द सरकार पीपीई किट की व्यवस्था करे। अगर अस्पताल में बेड नहीं हैं तो सरकार को हर जिले में 1 नया कोबिड़ सेंटर क्यों नहीं बनाती जिससे इसे माहामारी से निपटा जा सके।
कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण राजधानी रायपुर के सबसे बड़े बाबा साहब भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शव घर में नए शवों को रखने की जगह नहीं बची है। प्रदेश के सभी शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, इस गंभीर संकट से निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी है?
करोना जब तेजी से छत्तीसगढ़ में पांव पसार रहा था तो उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी असम चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, अगर समय रहते प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की जाती, तो ये विकराल समस्या नहीं आती, इसपर प्रदेश सरकार का क्या कहना है? प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है , दैनिक मजदूर जो रोजाना कमाते और खाते हैं उनकी जिंदगी में बड़ा असर पड़ा है, सरकार द्वारा उनको आर्थिक मदद करने का क्या प्लान बनाया गया है?
अमित ने क्रिकेट स्टेडियम को कोविड अस्पताल बनाने का सुझाव दिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। कोरोना संकट पर सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की गैर मौजूदगी पर विपक्ष के नेताओं ने सवाल खड़े किए। भाजपा ने अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का सुझाव दिया। इससे परे जोगी पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, और हॉकी स्टेडियम को अस्पताल बनाने का आग्रह किया।
सर्वदलीय वर्चुअल बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई, और कहा कि यह बैठक सिर्फ औपचारिकता के लिए बुलाई गई थी। भाजपा विधायक दल के सचेतक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार एकजुट है यह संदेश जनता के बीच जाना चाहिए। दुर्भाग्य से इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री को ही नहीं बुलाया गया।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सुविधाओं की कमी का मामला उठाया। उनका सुझाव था कि सरकार को जितनी जल्दी हो सके ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ानी चाहिए। जांच में तेजी लानी चाहिये। भाजपा नेताओं ने पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती करने का भी सुझाव दिया। भाजपा नेताओं ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुविधा बढ़ाने की मांग की।
जोगी पार्टी के प्रमुख अमित जोगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को कोविड सेंटर के रूप में तब्दील करना चाहिए। इससे 15 हजार बेड की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने कहा कि क्रिकेटरों के लिए करोड़ों खर्च कर बायो बबल बनाया जा सकता है, तो कोरोना के इलाज के लिए ऐसा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है, और अमित जोगी ने भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, यह वक्त राजनीति करने का नहीं है बल्कि लोगों की सेवा करने का है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को लोगों की मदद करने को एवं शासन प्रशासन से सहयोग करने को पहले ही कहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर कांग्रेस कार्यालयों को क्वॉरंटीन सेंटर एवं आइसोलेशन सेंटर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जरूरतमंदों की मदद की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। हेल्थ एंड वेलनेस एप्लीकेशन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इस एप्लीकेशन के उपयोग में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा देश में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की शुरूआत के तीन वर्ष पूरे होने पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रदेश को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। छत्तीगसढ़ ने कोरोना महामारी के इस कठिन समय में भी लक्ष्य से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में उन्नयन किया है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के सहयोग से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों ने प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक कोरोना संकट काल में भी स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता को बनाए रखा। सुरक्षित टीकाकरण, बुजुर्गों की देखभाल, गंभीर मरीजों को घर पहुंच दवा की उपलब्धता, माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल और प्रसव संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने में इन सेंटरों ने महती कार्य किया है।
कोरोना के विरुद्ध जंग में भी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। कोरोना जांच, उपचार, टीकाकरण और सर्विलेंस जैसे मोर्चे पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर लगातार अच्छा काम कर रहे हैं। भारत सरकार की टीम ने पिछले दिनों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का गहन तकनीकी निरीक्षण कर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की सराहना की थी।
रायपुर, 15 अप्रैल। राष्ट्रीय सिंध युवा ब्रिगेड ने संत युधिष्ठिर लाल, माता साहिब मीरा देवी एवं संत शिव शिरोमणि साईं लाल दास जी के सानिध्य में मनाया जा रहे पांच दिवसीय झूलेलाल उत्सव का बुधवार को भगवान झूलेलाल की मूर्तियों का घर - घर में विसर्जन के साथ समापन किया गया। इस मौके पर समाज के लोगों ने घर में अस्थाई कुंड बनाकर भगवान झूलेलाल की आरती ओम जय दूल्ह पंजडा हाजिर लाल दरिया ते और अखे का मंत्र पढक़र विधि विधान से भगवान झूलेलाल की मूर्ति का विसर्जन किया गया।
विशाल कुकरेजा ने बताया कि विसर्जन के बाद मिट्टी इकट्टा होगी उसे घर में स्थित तुलसी एवं अन्य गमलों में लगाया जाएगा ,ताकि भगवान झूलेलाल की पवित्र ऊर्जा सालभर हमारे घर में रहे। विशाल कुकरेजा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन ने लॉकडॉउन कर दिया है इस कारण शहर में जुलूस स्थगित कर दिया है।
लक्षण नहीं होने पर होमआइसोलेशन में भेजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। प्रदेश में अन्य राज्यों से टे्रन से आने वाले यात्रियों की गुरूवार को स्टेशन में जांच की गई। बड़ी संख्या में यात्री आए थे, और कई लोगों के पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी, और किसी तरह लक्षण नहीं होने पर उन्हें होम आइसोलेशन में भेजा गया।
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि बाहर से आने वाले यात्रियों को तीन दिन पूर्व की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। जिनके पास यह रिपोर्ट नहीं है उनका स्टेशन में ही स्वास्थ्य परीक्षण स्क्रीनिंग किया जाएगा और लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट किया जाएगा। आज अलग-अलग टे्रनों से लोग पहुंचे, तो स्टेशन में काफी भीड़ जमा हो गई। बाहर से आने वाले लोगों की रिपोर्ट भी देखी गई।
कई लोग, जिनके पास रिपोर्ट नहीं थी और किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे, उन्हें 7 दिनों के क्वॉरंटीन में भेजा गया है। कोरोना जांच के बाद पाजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को आवश्यकतानुसार डेडिकेटेड अस्पताल,कोविड केयर सेंटर, होम आइसोलेशन में उपचार हेतु परिवहन की व्यवस्था की गई थी। ऐसे यात्री जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है और जिनकी जांच नहीं की जा रही है उन्हे 7 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा यात्रियों को क्वॉरंटीन किए जाने के लिए पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का पालन किया जाए। क्वारंटाइन सेंटरों में स्वास्थ्य परीक्षण-जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत वर्ष के निर्देश का पालन किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य शासन ने आम जनता को राहत देने की दृष्टि से निजी पैथोलॉजी लैबों और अस्पतालों में कोविड-19 की जांच के लिए आरटीपीसीआर, एंटीजन तथा ट्रू नाट रैपिड टेस्ट की दरों में काफी कमी की है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार निजी पैथोलॉजी लैबों और अस्पतालों में आरटीपीसीआर टेस्ट हेतु यदि कोविड-19 टेस्ट का सेम्पल कलेक्शन पैथोलॉजी सेन्टर में किया जाता है तो जांच शुल्क 550 रुपये प्रति टेस्ट लिया जायेगा। यदि सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथवा प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो अतिरिक्त राशि शुल्क 200 रुपये प्रति टेस्ट लिया जायेगा। उक्त शुल्क में सेम्पल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, जांच शुल्क एवं कज्युमेबल. पीपीई कीट इत्यादि का शुल्क सम्मिलित है।
ट्रू नाट टेस्ट हेतु यदि कोविड-19 टेस्ट का सेम्पल कलेक्शन पैथालॉजी सेन्टर में किया जाता है तो जाच शुल्क राशि 1300 रुपये प्रति टेस्ट लिया जायेगा। यदि सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथया प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो अतिरिक्त शुल्क रू 200 रुपये प्रति टेस्ट लिया जायेगा। उक्त शुल्क मे सेम्पल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, जांच शुल्क एवं कंज्युमेबल, पीपीई कीट इत्यादि का शुल्क सम्मिलित है।
रेपिड एंटीजन टेस्ट हेतु यदि कोविड-19 टेस्ट का सेम्पल कलेक्शन पैथोलॉजी सेन्टर में लिया जाता है तो जांच शुल्क 150 रुपये प्रति टेस्ट लिया जावेगा। यदि सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथवा प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो अतिरिक्त शुल्क 200 रुपये प्रति टेस्ट लिया जाएगा। शुल्क में सेम्पल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क एवं कंज्युमेबल, पीपीई कीट इत्यादि शुल्क सम्मिलित है।
उपरोक्त दर निर्धारण तत्काल प्रभाव से लागू होगा। समस्त निजि चिकित्सालयों एवं पैथालाजी केन्द्रों द्वारा कोविड-19 जाच की दरों को मरीज प्रतीक्षालय-बिलिंग काउंटर के प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा। समस्त निजी चिकित्सालयों एव पैथालाजी केन्द्रों द्वारा कोविड-19 जांच हेतु आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ द्वारा समय-समय पर जारी किये गये दिशा-निर्देशो का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
1870 में सीटी स्कैन
रायपुर, 15 अप्रैल। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशानिर्देश पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के निजी चिकित्सालयों में उपचार के दौरान हाई रिजॉल्यूशन सीटी स्कैन की आवश्यकता होने पर समस्त निजी चिकित्सालयों एवं डायग्नोस्टिक केन्द्रों के लिए दरें निर्धारित की गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार चेस्ट (फेफड़े) के सीटी स्कैन (एचआरसीटी) बिना कंट्रास्ट हेतु 1870 रुपये शुल्क, चेस्ट (फेफड़े) का सीटी स्कैन (एचआरसीटी) कंट्रास्ट सहित हेतु 2354 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
आदेश में उल्लेखित है कि प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 मरीजों के ईलाज हेतु छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जावे तथा आईसीएमआर एवं राज्य शासन द्वारा निर्धारित उपचार सम्बंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केवल आवश्यक जांच ही कराई जाए।
कोविड-19 मरीजों का आर टी पी सी आर, एंटीजेन और ट्रू नाट टेस्ट केवल आईसीएमआर एवं राज्य शासन के द्वारा अधिकृत पैथोलॉजी केन्द्रों एवं अस्पतालों से ही कराई जाएं। उपरोक्त आदेश का उल्लंघन, एपिडेमिक डिसीज एक्ट, 1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट, 1949 तथा छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन एक्ट, 2020 के अंतर्गत दंडनीय होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 15 अप्रैल। कोरोना के प्रकरणों मे लगातार इजाफा हो रहा है कोरोना का नया स्टेकृन कई तरह की परेशानियां दे रहा है वर्तमान मे जो नई जानकारी आ रहीं है उसमे कोरोना टेस्ट किट भी नये वायरस को पहचान नहीं पा रहा है कई लोगों के कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आये है लेकिन उसके लक्षण पूरी तरह से कोरोना के ही है और तो और जिला के कलेक्टर की पहली जांच रिपोर्ट एन्टीजन मे निगेटिव प्राप्त हुआ था टूकृ नॉट पद्धति से जांच मे पॉजिटिव पाया गया जिसकों लेकर भी लोग भ्रमित है।
कोरोना संक्रमण के लगातार बदलाव से लोग भ्रमित और परेशान है कोरोना वायरस के अपने नित नये स्वरूप के चलते अब एंन्टीजन जांच रिपोर्ट भी प्रमाणित नहीं माना जा रहा है क्योंकि शहर मे कई ऐसे मरीज है जिनके लक्षण पूरी तरह से कोरोना वायरस संक्रमण का है लेकिन एन्टीजन जांच रिपोर्ट मे उसे निगेटिव पाया गया है उसके बावजूद भी उक्त मरीजों का बुखार सात दिनों से नहीं उतर रहा है सांस लेने मे तकलीफ, व हाथ पैर दर्द सहित सभी लक्षण कोरोना के है इससे दो परेशानियां मरीजों को आ रहीं है पहला जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से उन्हे कोविड हास्पिटल मे भर्ती नहीं लिया जा रहा है ना हीं उन्हे जो उचित आक्सीजन सहित अन्य सुविधायें है मिल पा रहीं है ऐसे मे जो निजी हास्पिटल है वह लक्षण देखकर भर्ती नहीं कर रहे है इससे सामान्य ओपीडी मे भी वह भर्ती नहीं हो पा रहा है और कोविड हास्पिटल मे भी भर्ती नहीं हो पा रहा है कई मरीजों के लक्षण के अनुसार आक्सीजन लेवल कम हो जा रहा है दूसरी परेशानी चंूकि जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से उन्हे कोविड की दवाई नहीं मिल पा रहीं है और न खाने की सलाह चिकित्सक दे रहे है सामान्य दवाईयों से उन मरीजों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं हो रहा है जिसको लेकर कई मरीज काफी परेशान है जांच कराने वालों की संख्या इतनी है की जांच के लिये दुबारा जाने पर जांच व रिपोर्ट आने तक कम से कम सात दिन का समय लग रहा है और मरीज तब तक गंभीर हालात मे पहुंच जाता है इस परेशानी को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूर करने की आवश्यकता है.
इस संबंध में नगर के वरिष्ठ चिकित्सक व सर्जन डॉ.विकास आडिल ने बताया कि कोरोना लक्षण वाले मरीज जिनका एन्टीजन रिपोर्ट निगेटिव आया है अपने आप को निगेटिव ना माने रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद हीं अगर लक्षण कोरोना का है तो यह मानकर चले की कोरोना पाजीटिव है घर मे ऐसे मरीज अपने आप को आईसोलेट करते हुये डॉक्टर की सलाह पर दवाईयां लेते रहे क्याकि कोरोना वायरस के लिये एन्टीजन की जांच स्क्रीनिंग की जांच होती है जिसमे ज्यादा वायरल लोड वाले मरीज की हीं पहचान हो पाती है इसलिये लक्षण होने पर आईसोलेट होते हुये डाक्टर से परामर्श लेकर दवाई लेना सहीं है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग,15 अप्रैल। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए लगाए नोडल अधिकारियों की मीटिंग ली। मीटिंग में उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी परिजनों की दिक्कतों को दूर करने की भरसक कोशिश करें, उनके फोन से जिस तरह से फीडबैक आते हैं उससे निजी अस्पतालों को अवगत कराएं ताकि व्यवस्था में निरंतर सुधार होता रहे।
इसके साथ ही बिलिंग पर भी नोडल ऑफिसर की नजर रहे, शासन ने जो दरें निर्धारित की है निजी अस्पताल उसी तरह की दर से मरीजों से शुल्क वसूल करें यह सुनिश्चित करें। इसके लिए वह नियमित रूप से अपने अकाउंटेंट्स के साथ बिलिंग पर नजर रखें। नियमित रूप से इन हॉस्पिटल का निरीक्षण करें और व्यवस्था के संदर्भ में निर्देश दें। अस्पतालों के प्रबंधकों से सीधी बातचीत करें। मरीज के परिजन अपने मरीज के स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को लेकर चिंतित रहते हैं अस्पतालों में परिजनों की कॉउंसिलिंग की नियमित व्यवस्था होती रहे।
साथ ही यदि नोडल अधिकारी से परिजन मरीज की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानना चाहते हो तो उन्हें अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों के परिजनों की नियमित काउंसलिंग करें, उनके द्वारा किए जा रहे इलाज की जानकारी दें, साथ ही किसी तरह का एडवांस इलाज किया जाना है तो इसकी जानकारी भी प्रदान करें। कलेक्टर ने कहा कि अभी दुर्ग जिला कोविड के गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। इस दौर में यह आवश्यक है कि नोडल अधिकारी 24 घंटे अपने कार्य की मॉनिटरिंग करें। उन्हें रात में दिन में हर समय मरीजों के फोन आ सकते हैं उनके फीडबैक मिल सकते हैं, उनके फीडबैक के अनुसार हॉस्पिटल प्रबंधन से समन्वय करना आवश्यक है। यदि निजी अस्पताल प्रबंधकों द्वारा समन्वय में किसी तरह से दिक्कत आ रही है तो इस संबंध में भी अवगत कराया जाए ताकि आवश्यक कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा सके। उन्होंने कहा कि रिफर की स्थिति में अथवा अस्पताल में जगह न होने की स्थिति में नोडल अधिकारी अन्य नोडल अधिकारियों से संपर्क में रहें ताकि यदि किसी अन्य अस्पताल में बेड की उपलब्धता हो तो परिजन को इससे अवगत कराया जा सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 15 अप्रैल। नगर में आज लॉकडाउन के तीसरे दिवस भी पूरी तरह से पुलिस प्रशासन व नगर प्रशासन के द्वारा चारों दिशाओं में गई चौक चौबंद व्यवस्था के तहत सन्नाटा पसरा रहा तथा नगर के सीमाओं को प्रशासन के द्वारा पूरी तरह से सील कर दिया है जिसके कारण बाहर से आने जाने वाले लोगों पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं तथा उनसे पूछताछ के उपरांत ही समझाईश के बाद आने-जाने दिया जा रहा है।
विदित हो कि इस कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे के लिये जिला प्रशासन के द्वारा 10 दिनो का लॉक डाउन किया गया है जिसमें मात्र मेडिकल, दूधवालो के अलावा आवश्यक सेवा के तहत आने वाले को ही कुछ घंटों के लिए ही छूट दिया गया।
वर्तमान में कोरोना संक्रमण इतनी तेजी सेअपना पैर पसार रहा है जिसे रोकने हेतु प्रशासन हर तरह के कवायद शुरू कर दी है तथा जनता से सहयोग की अपील भी लगातार की जा रही है कि जरूरत हो तो ही अपने घरो से मास्क पहनकर, सैनिटाईजर होकर ही निकले क्योंकि पिछले दिन एक दिन मे 260 संक्रमित मरीज पाए गए थे।
दूसरे दिन 103 मरीज पाए गए. इस संबंध मे एसडीएम इंदिरा देवहारी ने बताया कि टेंहका मे स्थित पोस्ट मैट्रिक छात्रावास को मरीजों की संख्या देखते हुए तैयार कराया जा रहा है जिसमें लगभग 70 मरीजों को रखने की व्यवस्था बनाया जा रहा है जिसकी तैयारी की जा रहीं है। इसके पूर्व सुरखी मे कोविड हास्पिटल प्रारंभ किया गया है जिसमे संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है प्रशासन की ओर से जो भी तैयारी है वह की जा रहीं है।
आरोपी जेल दाखिल, दोनों के बीच पारिवारिक विवाद था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 अप्रैल। जिले के सराईपाली क्षेत्र स्थित सिघोड़ा थाने के ग्राम मुरमुरी में बड़े भाई ने अपने ही छोटे भाई की धारदार हथियार से हत्या कर दी। बताया जा रहा है दोनों के बीच कुछ घरेलू विवाद था। हत्या के बाद आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कल 14 अप्रैल को सुबह 8 बजे ग्राम मुरमुरी निवासी सुभाष पिता चित्रसेन बरिहा 22 साल की उसके बड़े भाई बिरेश बरिहा 24 साल ने घरेलू विवाद के चलते बसूला (बढ़ाई औजार) से पीठ पर वार कर दिया। गंभीर रूप से घायल सुभाष को 112 की सहायता से सरायपाली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई। बहरहाल सिंघोड़ा पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस चित्रसेन बरिहा के घर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दी।
पुलिस का कहना है कि गांव के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों भाईयों के बीच कुछ पारिवारिक विवाद था। जिसके चलते चित्रसेन का बड़ा लडक़ा बिरेश बरिहा अपने ही छोटे भाई सुभाष बरिहा को बसूला से वार कर चोट पहुंचाया था। उसके परिजनों ने घायल सुभाष को 112 वाहन की मदद से इलाज केलिए सरायपाली शासकीय अस्पताल लाया जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में धारा 302 भादवि तैयार कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। जिला अस्पताल में 10 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था आज ही की जाएगी। साथ ही बढ़ते मरीजों को देखते हुए जितनी अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मानव संसाधन की जरूरत है।
जिला अस्पताल को सभी मुहैया कराए जाएंगे। यह बात कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण में कही । कोरोना के रोकथाम व संक्रमण को रोकने जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे कोरोना संक्रमण के रोकथाम की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं । जिले में कोरोना के उपचार के लिए तय किये गये शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहें है। संचालकों से वस्तुस्थिति की जानकारी व फीडबैक लेकर स्थिति पर नजर रख रहे है।
कलेक्टर स्वयं अस्पताल पहुंचकर व्यवस्था देख रहे हैं। आज उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने यहाँ भर्ती मरीजों के उपचार के साथ-साथ यहां उपलब्ध इंफ्रास्ट्रक्चर एवं व्यवस्था की भी समीक्षा की। लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए आज ही 10 आक्सीजन बेड बढ़ाने के निर्देश भी दिए। साथ ही 10 आक्सीजन कंसेंट्रेटर की व्यवस्था भी करने कहा है। उन्होंने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एवं निगरानी हेतु नियुक्त प्रभारी अधिकारी से कहा है कि लगातार मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखकर फीडबैक लेते रहें जिससे अन्य सुविधा और संसाधनों की व्यवस्था समय पर किया जाकर हालात को नियंत्रित किया जा सके। कलेक्टर ने यहाँ साफ सफाई की स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए।
भाटापारा, 15 अप्रैल। नगर में कोरोना मरीजों के लिए विधायक शिवरतन शर्मा एवं नगर के सभी डॉक्टरों के सहयोग से 30 बिस्तर के शुरू हुये अस्पताल की सराहना करते हुए महिला मोर्चा की अध्यक्ष नीरा देवी साहू, महामंत्री चंद्रकला साय, शालिनी चौरसिया, उपाध्यक्ष आयशा खान, राजकुमारी जांगड़े, मंत्री मधु सोनी, ज्योति वर्मा एवं योगेश्वरी साहू ने कहा कि आज पूरा देश कोविड महामारी की चपेट में आ गया है जिस पर हमारा नगर भी अछूता नहीं रह गया है. मरीजों की बढ़ती तादाद को लेकर विधायक शिवरतन शर्मा की पहल पर नगर के डॉक्टरों के सहयोग से शुरू हुए 30 बिस्तरों के अस्पताल से कोराना मरीजों को बहुत ही राहत मिलेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 अप्रैल। महासमुंद में भी कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल कोरोना के शुरुआती 5 महीनों में 4697 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई थी और 47 मौतें हुई थी। वहीं इस साल अप्रैल महीने के 13 दिनों में ही कोरोना के 5043 मरीजों की पहचान हो चुकी है और 31 मौतें भी इन्हीं 14 दिनों के भीतर हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार महासमुंद जिले में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज 29 मई को सामने आया था। मई माह के इन तीन दिनों में 20 संक्रमित की पहचान हुई थी। इसके बाद जून में 68, जुलाई में 48, अगस्त में 457 और सितंबर माह में 2052 पॉजिटिव प्रकरण सामने आए थे। इस प्रकार पिछले साल शुरुआती 5 महीनों में कुल 4697 मरीजों की पहचान जिले में हुई थी। लेकिन इसा बार तो अप्रैल माह के शुरुआती 14 दिनों में ही जिले में कुल 5043 मरीजों की पहचान हो चुकी है।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर विशेषज्ञों का कहना है कि आज स्थिति इसलिए भयावह हुई है, क्योंकि हमने काफी लापरवाही बरती है। कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करना आज हम सभी पर भारी पड़ रहा है। जिला अस्पताल में मुस्तैद डॉ अनिरूद्ध कसार और डॉ छत्रपाल चंद्राकर कोरोना संक्रमण बढऩे के कारण बताते हैं कि कोरोना के शुरुआती दौर में एक अलग सा डर सभी में देखने को मिला। लोगों ने प्रिकॉशन भी खूब किया। मास्क पहनना, दूरी बनाए रखना, खान-पान में ध्यान देने जैसी चीजें आदतों में शुमार हो गई थी। लेकिन साल 2021 की शुरुआती दौर से हम थोड़े बेपरवाह हुए हैं।
डॉ. कसार और डॉ. चंद्राकर बताते हैं कि कोरोना के सामान्य लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार है। आज भी लोग सर्दी को सामान्य तरीके से लेते हैं। ऐसे लक्षण पर लोग बहाने बनाते हैं कि मैंने ये खा लिया था इसलिए सर्दी हुईए या फिर इसके चलते थोड़ा टेम्प्रेचर बढ़ गया। इस तरह कोरोना की जांच कराने से लोग आज भी बच रहे हैं। कोरोना की यह लहर खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर रहा है। पहले एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति से दो या तीन लोग ही पॉजिटिव आ रहे थे। इसी मेडिकल की भाषा में कंटेजियस कहा जाता है।
गौरतलब है कि कि जिले में कल बुधवार को 300 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। वहीं बुधवार को ही तीन पॉजिटिव मरीजों ने दम तोड़ा है। बुधवार को कुल 801 सैंपल लिए गए जिसमें से 300 पॉजिटिव मिले। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार महासमुंद ब्लॉक से 136, बागबाहरा से 20, पिथौरा 55, बसना से 28 और सरायपाली विकासखंड से 61 मरीजों की पहचान हुई है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कर्मचारियों की कमी के चलते टेस्टिंग प्रभावित हो रही है। बुधवार को भी रैपिड एंटीजेन से 712, ट्रूू नॉट से 62 और आरटीपीसीआर के केवल 27 सैंपल लिए गए। कल बुधवार को मिले 300 मरीजों के साथ ही जिले में कुल मरीजों की संख्या 15 हजार 487 पहुंच चुकी है। बुधवार को ही 158 मरीज स्वस्थ हुए हैं और इसके साथ ही अब तक कुल 10 हजार 620 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 4676 एक्टिव केस हैं। कल बुधवार को जिले में कोरोना के चलते कुल 3 मौतें हुई है। सभी मृतक महासमुंद के निवासी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड अस्पताल में बुधवार को तीन महिलाओं ने दम तोड़ा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। कोविड की गंभीर आपदा से जूझते हुए दुर्ग जिले में इससे निपटने के लिए प्रशासन द्वारा असाधारण प्रयास किए गए हैं। केवल 15 दिनों के भीतर ही ऑक्सीजन बेड का बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। अभी 725 ऑक्सीजन बेड जिले में शासकीय संस्थाओं में है इसके साथ ही 36 वेंटिलेटर की सुविधा भी शासकीय अस्पतालों में है।
चंदूलाल कोविड हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू तैयार किया जा रहा है। इसमें वेंटिलेटर बेड की सुविधा भी होगी। कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए भी 236 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं। इस तरह कोविड की बड़ी आपदा को देखते हुए प्रशासन ने इसके लिए बड़ा रिस्पांस भी किया है। ऑक्सीजन की स्थिति को देखते हुए 100 कंसंट्रेटर भी खरीदे गए हैं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की विशेषता होती है कि यह इनमें रिफिलिंग की जरूरत नहीं होती तथा सीधे यह वातावरण से ऑक्सीजन ले लेते है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे हर दिन ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं और हर दिन लगभग 50 से 100 अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग लेकर उनके कोविड केयर संस्थान भी चल रहे हैं जिनमें विभिन्न समाजों की भागीदारी है। अग्रसेन समाज और जैन समाज द्वारा 18 बेड वाले और 15 बेड ऑक्सीजन सुविधा वाले केंद्र आरंभ किए हैं। इस तरह से अन्य सामाजिक संस्थाएं भी आगे आई हैं। कलेक्टर ने बीते दिनों सामाजिक संस्थाओं की बैठक भी बुलाई थी और उनसे आग्रह किया था कि कोविड की गंभीर स्थिति को देखते हुए नागरिकों की मदद के लिए आगे आकर बड़े कार्य में सहभागिता निभाएं। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में अभी 160 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं इनमें 100 बेड कोविड केयर के लिए तथा 60 बेड सस्पेक्टेड कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं। चंदूलाल हॉस्पिटल में 237 ऑक्सीजन बेड है शंकराचार्य अस्पताल में 76 ऑक्सीजन बेड है। सीएचसी झीठ में 20 ऑक्सीजन बेड है इसके अलावा आइसोलेशन बेड की सुविधा भी दी गई है इनमें प्रत्येक विकासखंड में 20 ऑक्सीजन बेड सस्पेक्टेड मरीजों के लिए सुविधा दी गई है। यह सुविधा कुम्हारी में भी आरंभ की गई है।
चंदूलाल हॉस्पिटल में तैयार हो रहा 25 बेड का आईसीयू-क्रिटिकल केयर वाले मरीजों की विशेष देखभाल के लिए चंदूलाल चंद्राकार हॉस्पिटल में बेड का आईसीयू तैयार हो रहा है। इसमें वेंटिलेटर की सुविधा भी होगी इससे गंभीर मरीजों को काफी राहत मिलेगी
100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी क्रय किए गए- कोविड मरीजों के लिए सबसे जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर होते हैं। इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर खरीदे गए हैं। इनमें रेफिलिंग की समस्या नहीं होती।
इसके साथ ही डेडिकेटेड कोविड सेंटर के लिए नियुक्त किये गए चिकित्सक, स्टाफ नर्स एवं वार्ड ब्वाय- कोविड हॉस्पिटल के लिए पांच डाक्टरों की नई नियुक्ति के साथ ही डीएमएफ और एनएचएम के माध्यम से 70 स्टाफ नर्स, डीएमएफ के माध्यम से 46 स्टाफ नर्स तथा डीएमएफ के माध्यम से 60 वार्ड ब्वाय नियुक्त किये गए हैं। अभी विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित सात पदों के लिए साक्षात्कार भी लिये जा रहे हैं। साक्षात्कार में चयनित होते ही इन्हें डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में नियुक्त कर दिया जाएगा।