बस्तर
मरीज के साथ डॉक्टर भी हैं परेशान
जगदलपुर, 24 अगस्त। संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में विगत कई महीनों से दवाईयों का टोटा बना हुआ है, जिसके कारण मरीजों को दवाई लेने के लिए जगदलपुर तक दौड़ लगाना पड़ता है, ऐसे में सही समय पर अगर मरीजों के परिजनों को दवाई नहीं मिलती है तो उनका पूरा गुस्सा डॉक्टरों पर निकलता है, जिसके कारण मामला मारपीट तक आ जाता है।
मामले के बारे में कुछ मरीजों के परिजनों ने बताया कि हमेशा देखने को मिलता है कि जितने भी दवाई डॉक्टरों के द्वारा लिखा जाता है, उसमें से एक या दो ही दवाई मरीजों को मिलती है, जितनी भी महंगी दवाई होती है, उसे खरीदने के लिये जगदलपुर तक ही जाना पड़ता है, दिन में तो कैसे भी करके परिजन दवाई की व्यवस्था कर लेते हंै, लेकिन रात के समय गंभीर हालत के मरीजों को जब दवाई नहीं मिलती है तो उनका पूरा गुस्सा डॉक्टरों के ऊपर आता है, जिसके बाद पहले विवाद गाली गलौच से शुरू होता है और मामला मारपीट के बाद थाने तक आ जाता है।
अस्पताल में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे इंजेक्शन, आईवी, ग्लब्स, मास्क, जेनेरिक दवाईयां, सीरीज आदि की कमी रोजाना देखने को मिलता है, इन सबके बाद भी यहां बने फार्मासिस्ट रूम में हमेशा दवाई नहीं रहने की बात सामने आती है, मेकाज के अंदर व बाहर में हमेशा दवाईयों की कमी को देखा गया है।
इस संबंध में मेकाज अधीक्षक डॉ. के एल आजाद का कहना है कि 90 प्रतिशत दवाई सीजीएमएससी से मंगवाया जाता है, जो हमें पूरी तरह से मिल नहीं पा रहा है, रहा 10 प्रतिशत जो लोकल दर से मंगवाया जा रहा है, जिससे कि मरीजों को दवाई की पूर्ति की जा रही है, अगर दवाई आना शुरू हो जाएगा तो ये समस्या भी खत्म हो जाएगी।