राजनांदगांव
देर शाम तक चलता रहा विसर्जन का दौर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 अक्टूबर। नौ दिनों तक जिलेभर में भक्तिमय वातावरण के बीच विजयादशमी पर देवी प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर देर शाम तक जसगीतों के बीच चलता रहा। इस दौरान पंडाल समितियों के पदाधिकारी व श्रद्धालुओं ने माता की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की। वहीं श्रद्धालु जसगीतों में भाव-विभोर भी दिखे। विजर्सन के दौर में जसगीत, बाजे-गाजे एवं धार्मिक गीत सुनाई दिए। इस दौरान भक्त माता के जयकारे लगाते नजर आए। विसर्जन का दौर मोहारा स्थित शिवनाथ नदी और स्थानीय तालाबों में दिखाई दिया।
नवरात्र पर्व के अवसर पर जिलेभर सहित ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में पूजा समितियों द्वारा भव्य पूजा पंडाला बनाकर देवी प्रतिमा स्थापित की गई थी। नवरात्र पर्व पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना का दौर रहा। वहीं देवी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। कई पूजा पंडालों ज्योति कलश की स्थापना भी की गई थी। हवन के पश्चात ज्योति कलश का विसर्जन भी किया गया। कोरोना संक्रमण और प्रशासन के निर्देशानुसार इस बार शहर समेत ग्रामीण अंचल में दशहरा पर्व पर होने वाले आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। ऐसे में लोग रावण का पुतला पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना कर दहन किया।
शुक्रवार को शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा, काली एवं माता सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन का क्रम दोपहर बाद से शुरू हो गया। जसगीतों के साथ प्रतिमाओं को पूजा पंडालो से शहर के मुख्य मार्गों में भ्रमण कराते मोहारा नदी स्थित विसर्जन कुंड में विसर्जित किया गया। ऐसे में नवरात्र पर्व के दौरान शहर समेत जिलेभर में भक्तिमय माहौल निर्मित रहा। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए कड़ी पाबंदी के बीच दर्शनार्थ के लिए माता के पट खोले गए थे। वहीं पदयात्रियों की सुविधा के लिए शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले सेवा पंडाल नहीं लगे थे।