महासमुन्द
पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा को सीआईडी जांच पर संदेह
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद, 30 नवंबर। आईपीएस उदय किरण, एसआई समीर डुंगडुंग, आरक्षक छत्रपाल सहित अन्य के खिलाफ कोतवाली थाने में दर्ज मामले में सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है। सीआईडी की टीम सोमवार को जांच व बयान लेने महासमुंद पहुंची थी। दोपहर तक प्रार्थी, उनके परिजन व अन्य को बयान लेने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन इन्होंने बयान देने के लिए यह कहकर मना कर दिया कि इसके लिए पूर्व में किसी प्रकार का नोटिस जारी नहीं किया गया है। इसके अलावा प्रार्थी जिले से बाहर हंै।
सूत्रों की मानें तो प्रार्थी के बाहर होने की जानकारी सीआईडी के अफसरों को दे दी गई थी। इसके बावजूद टीम बयान लेने पहुंची थी। इस तरह सोमवार को टीम बिना बयान लिए ही वापस लौट गई।
इस जांच के मामले में पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने सीआईडी के जांच पर संदेह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि प्रकरण में संबंधित लोगों को बिना सूचना दिए ही पहुंची और बयान के लिए ऑफिस बुलाया जा रहा था।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद उदयकिरण प्रकरण में की जाने वाली सीआईडी जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने कहा कि प्रकरण से संबंधित लोगों के बयान न्यायालय में होना चाहिए, ताकि पुलिस किसी प्रकार से बयानों में हेराफेरी न कर सके। बिना पूर्व सूचना एवं नोटिस के अचानक महासमुंद सीआईडी की टीम का आना एवं आनन-फानन से बयान दर्ज करने के लिए प्रार्थी एवं गवाहों को एसपी ऑफिस में बुलाना इस बात की ओर इंगित करता है कि प्रार्थी एवं गवाहों को भयग्रस्त कर अपने हिसाब से बयान लिखवाने की कोशिश कर रही है। इन सब बातों को लेकर शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई जाएगी और न्यायालय के समक्ष उदय किरण को निलंबित कर जांच करने का आग्रह किया जाएगा।
घटनाक्रम यह है कि कि बीते 19 जून 2018 को शहर के मिनी स्टेडियम में बॉल बैडमिंटन मेडलिस्ट खिलाडिय़ों के साथ अन्य खिलाड़ी अपने कोच अंकित लूनिया के साथ प्रैक्टिस कर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने खिलाडिय़ों के साथ छेडख़ानी की। कोच अंकित लूनिया ने इसकी शिकायत पुलिस से की। मौके पर पहुंची पुलिस ने उल्टे अंकित लूनिया को पीट दिया। इसके बाद कोच और सभी खिलाड़ी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। आरोप है कि थाना परिसर से उन्हें भगा दिया गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद तत्कालीन विधायक डॉ. विमल चोपड़ा खिलाडिय़ों, कोच और अपने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचे और मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की, लेकिन यहां मामला बिगड़ गया।
तत्कालीन सीएसपी और आईपीएस के निर्देश पर पुलिस ने विधायक, खिलाडिय़ों के साथ उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसी वक्त महिला खिलाडिय़ों से छेड़छाड़ का आरोप उदयकिरण पर लगा है। महिला खिलाडिय़ों ने दिसंबर 2018 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने आईपीएस उदय किरण व सब इंस्पेक्टर समीर डुंगडुंग और आरक्षक छत्रपाल सिन्हा पर एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया तो आईपीएस उदय किरण सुप्रीम कोर्ट चल गए। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले 27 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुए आईपीएस सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए। इसके बाद एक नवंबर को कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया।