महासमुन्द

महिला खिलाडिय़ों से छेड़छाड़ में आईपीएस और पुलिस कर्मियों के खिलाफ सीआईडी जांच शुरू
07-Dec-2021 6:41 PM
महिला खिलाडिय़ों से छेड़छाड़ में आईपीएस और पुलिस कर्मियों के खिलाफ  सीआईडी जांच शुरू

कंट्रोल रूम में प्रार्थी का बयान रिकार्ड, ढाई घंटे तक चली पूछताछ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,7 दिसंबर।
महिला खिलाडिय़ों से छेड़छाड़ के मामले में आईपीएस उदय किरण और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ  दर्ज मामले की सीआईडी की टीम ने जांच शुरू कर दी है। प्रार्थी से बयान लेने के लिए सीआईडी से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रमा पटेल व निरीक्षक राजेंन्द्र गेंदले महासमुंद आए थे। कंट्रोल रूम में प्रार्थी ने अधिकारियों के समक्ष उक्त घटनाक्रम की जानकारी करीब ढाई घंटे तक दी। उसका बयान लिया गया। प्रार्थी के बयान की रिकॉर्डिंग कराई गई है।

कंट्रोल रूम में बयान दर्ज करने और पूछताछ के बाद टीम प्रार्थी को लेकर कोतवाली पहुंची। टीम ने प्रार्थी खिलाड़ी के साथ घटना स्थल का मुआयना किया और पूछा कि उस दिन क्या हुआ था। जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह 10.30 बजे एक महिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एक निरीक्षक महासमुंद पहुंचे। इसके बाद दोपहर 12 बजे प्रार्थी अपने वकील के साथ कंट्रोल रूम पहुंची। यहां दोपहर 12.18 बजे से बंद कमरे में प्रार्थी का बयान लेना शुरू किया गया, जो करीब ढाई घंटे चला।

इस संबंध में प्रार्थी महिला खिलाड़ी और उसके वकील देवीचंद राठी ने बताया कि एक दिन पहले ही हमें अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी नोटिस मिला। नोटिस में धारा 294, 323, 354, 506, 34 के तहत पंजीबद्ध अपराध के तहत कथन और घटना स्थल का निरीक्षण करने के संबंध में 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे कंट्रोल रूम में उपस्थित होने के निर्देश मिले थे। प्रार्थी महिला खिलाड़ी व उनके वकील ने बताया कि टीम ने घटना के संबंध में सिलसिलेवार पूछताछ की। हमने उस दिन हमारे साथ हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी बताई है। साथ ही घटना को अंजाम देने वालों का नाम भी टीम को बता दिया गया है।

गौरतलब है कि 19 जून 2018 को शहर के मिनी स्टेडियम में बॉल बैडमिंटन के खिलाड़ी अपने कोच अंकित लूनिया के साथ प्रैक्टिस कर रहे थे। कुछ लोगों ने खिलाडिय़ों के साथ छेडख़ानी की। कोच अंकित लूनिया ने इसकी शिकायत पुलिस से की। मौके पर पहुंची पुलिस ने उल्टे अंकित लूनिया को पीट दिया। अंकित जब शिकायत करने आया तो उसे थाने से भगा दिया गया। इसके बाद तत्कालीन विधायक डॉ. विमल चोपड़ा खिलाडिय़ों, कोच और अपने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचे और मामले में एफआईआर की मांग की। लेकिन तत्कालीन सीएसपी और आईपीएस के निर्देश पर पुलिस ने विधायक, खिलाडिय़ों के साथ उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसी दौरान महिला खिलाडिय़ों से दुव्र्यवहार और छेड़छाड़ का भी आरोप लगा। इसकी जांच के लिए सीआईडी की टीम प्रार्थी से बयान लेने के लिए 29 नवंबर को महासमुंद पहुंची थी, लेकिन नोटिस नहीं मिलने के कारण प्रार्थी को टीम के आने की जानकारी नहीं थी। वह शहर से बाहर थी। बयान नहीं हो पाया था और टीम बिना बयान लिए ही वापस लौट गई थी।
 

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