महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बागबाहरा, 20 जनवरी। अलका चंद्राकर जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ के स्नातक बेरोजगारों को निविदा कार्य देने की योजना बनाई गई है, किंतु यह योजना भी फ्लॉप होते नजर आ रही है। राज्य शासन द्वारा निर्माण कार्य के ठेके के लिए ई-श्रेणी पंजीयन किया गया है, जिसमें हजारों युवा स्नातक बेरोजगारों ने पंजीयन कराया। ब्लॉक स्तर पर स्नातक बेरोजगारों ने कार्य भी किए, किंतु आज युवा बेरोजगार कार्य संपादित करने के बाद भी भुगतान के अभाव में कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों से संपर्क करने पर कहा जाता है कि अभी शासन के पास फंड उपलब्ध नहीं है। जब फंड आएगा, आपको भुगतान किया जाएगा।
आज स्नातक की श्रेणी ठेकेदार अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कार्य होने के 3 माह बाद भुगतान नहीं होने से मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। मजदूर दुकानदार आए दिन धमकी दे रहे हैं। ब्याज के पैसे जुटाकर कार्य करने वाले युवा स्नातक ठेकेदार के सामने भविष्य अंधेरा नजर आ रहा है। यही स्थिति सिर्फ कुछ ही जिले में नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में पंजीयानधारी बेरोजगारों के साथ है। ठगरा सरकार के लोक लुभावने योजना से बेरोजगार अब पल्ला झाडऩे लगे हैं। उन्हें अब समझ आ रहा है कि उन्हें सिर्फ महज बेवकूफ बनाया जा रहा है।
अलका ने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति-नीयत साफ है तो स्नातक बेरोजगारों के साथ न्याय करना चाहती है तो तत्काल भुगतान कराएं। भविष्य में निर्माण कार्यों में स्नातक की श्रेणी बेरोजगारों ठेकेदार से न ही कोई अमानत राशि ली जाए, न ही जो 4 गुना रायल्टी काटी जा रही है, उसे बंद किया जाए। कार्य के पूर्व उन्हें निर्माण कार्य हेतु फंड उपलब्ध कराएं, तभी बेरोजगार भाई समझेंगे कि सरकार की नीति-नीयत साफ है और बेरोजगारी दूर करना चाहती हैं।
आगे कहा कि सरकार गले तक कर्ज में डूबी हुई है, आए दिन कर्ज लेकर विभिन्न योजनाएं चला रही है। वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जो वर्षों से कार्य कर रहे हैं, उन्हें तो नियमित नहीं कर पा रही है, दूसरी ओर लाखों कर्मचारियों के नियमितीकरण का ढोंग कर रही है। छत्तीसगढ़ के युवा व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर, किसान सरकार के दिवालियापन को समझ चुकी है।