बिलासपुर

पुलिस और बाउंसरों के दम पर कराई जन-सुनवाई, दर्जन भर गांवों के विरोध की प्रशासन ने नहीं की परवाह
20-Apr-2022 3:36 PM
पुलिस और बाउंसरों के दम पर कराई जन-सुनवाई, दर्जन भर गांवों के विरोध की प्रशासन ने नहीं की परवाह

   ग्रामीणों ने पूरी प्रक्रिया को बताया अवैध    

शहर से लगे घुटकू ग्राम में कोलवाशरी के विस्तार व पावर प्लांट के लिए क्लीयरेंस का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल।
शहर से लगे ग्राम घुटकू में कोल वाशरी और पावर प्लांट के लिए ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद पर्यावरणीय जन सुनवाई रखी गई। भारी संख्या में तैनात किए गए पुलिस ने न केवल विरोध करने वालों को लाठियां घुमाकर खदेड़ा बल्कि दर्जनों बाउंसर भी ग्रामीणों से निपटने के लिए तैयार खड़े थे।

बिलासपुर शहर से लगे तखतपुर तहसील के ग्राम घुटकू में पहले से ही मेसर्स फिल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड की कोल वाशरी है। इसके विरोध में जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने कई बार ज्ञापन सौंपा। बीते सोमवार को घुटकू सहित दर्जनों गांवों से पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि मंगलवार को कोल वाशरी के विस्तार और स्टील प्लांट लगाने के लिए होने वाली जन सुनवाई को निरस्त की जाए। उनका कहना था कि कोल वाशरी के कारण उनकी सैकड़ों एकड़ खेत बर्बाद हो गए हैं। उनकी लाखों रुपये की फसल हर साल खराब हो रही है। कोल वाशरी के लिए गलत ढंग से जल दोहन की अनुमति ली गई है, जिससे गांव में पानी का संकट खड़ा हो गया है। कोल वाशरी के लिए कुछ जनप्रतिनिधियों को प्रलोभन देकर गलत तरीके से सहमति ली गई, जबकि इसके लिए ग्राम सभा बुलाकर प्रस्ताव पारित कराया जाना था। कोल वाशरी के विस्तार के लिए भी ग्राम सभा नहीं बुलाई गई है। न ही प्रदूषण और जल संकट पर तैयार की गई अधिकारिक रिपोर्ट उन्हें दिखाई जा रही है। प्रदर्शन करने वालों की कलेक्टर से मुलाकात नहीं हुई तो वे वापस लौट गए थे।

इधर ग्रामीणों के विरोध की परवाह न करते हुए जिला प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन को क्लीयरेंस दिलाने के लिए सारी तैयारी कर ली। मंगलवार की जनसुनवाई में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि ग्रामीण भयभीत होकर विरोध के लिए सामने नहीं आए। इसके बावजूद ग्रामीण इकट्ठे थे और यहां के हाईस्कूल परिसर के सामने जन सुनवाई के लिए पहुंचे अधिकारियों को उन्होंने रोका और वापस जाने के लिए कहा। इस दौरान जब कुछ लोग कोल वाशरी और पावर प्लांट के स्थापित होने से घुटकू तथा आसपास के गांवों में पैदा होने वाली समस्याओं के बारे में बोलना शुरू किया तो काले टी शर्ट में पहुंचे 10-12 बाउंसर उनको घेरकर खड़े हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि ये बाउंसर फैक्ट्री संचालक की ओर से बुलाए गए थे। बाउंसरों के दबाव के बीच जब ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा तो पुलिस ने मोर्चा संभाला और उसने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठियों का सहारा लिया। जब पुलिस जवान लाठियां लेकर दौड़े तो ग्रामीण उनसे दूर भागे। हंगामे के बीच अधिकारियों को जन सुनवाई स्थल तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया गया। इस दौरान सुनवाई के स्थल पर विरोध करने वालों को घुसने नहीं दिया गया और जिन जनप्रतिनिधियों ने कोल वाशरी के विस्तार था पावर प्लांट लगाने के पक्ष में बात की, उनका बयान दर्ज कर लिया गया।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर ने फैक्ट्री प्रबंधन को लाभ पहुंचाने के लिए उनके विरोध के बावजूद फर्जी जन सुनवाई करा दी है। उनकी शिकायत पर पर्यावरण, खनिज विभाग या जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। इसमें फैक्ट्री के पक्ष में बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस की मौजूदगी में ही फैक्ट्री प्रबंधक की ओर से बुलाए गए बाउंसर ग्रामीणों को धमकी दे रहे थे।

पुलिस का दावा है कि ग्रामीणों पर लाठी नहीं चलाई गई। जन सुनवाई का विरोध करने वालों से कहा गया कि वे कार्यक्रम में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराएं। उनको रास्ते से हटाने के लिए हवा में लाठियां लहराई गई, पर किसी को चोट नहीं पहुंची।

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