राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 29 अपै्रल। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का न्यू रखने वाले राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह, रानी पद्मावती देवी सिंह व राजकुमारी इंदिरा जिसके नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है, की तस्वीर आमंत्रण पत्र तथा अन्य प्रचार प्रसार सामग्री में ना होने तथा राज परिवार की अनदेखी से नाराज समाज के सदस्यों के साथ कुलपति एवं कुलसचिव ने चर्चा की।
पुलिस प्रशासन की पहल पर समाज के प्रतिनिधि मंडल में शामिल ठाकुर कमल सिंह लाल, अशोक सिंह, हेमंत सिंह, चिंताहरण सिंह, गोलू डाकलिया तथा अन्य नगर वासियों के साथ कुलपति मोक्षदा चंद्राकर और कुलसचिव प्रोफ़ेसर आईडी तिवारी के साथ कैंपस टू में लगभग 1 घंटे तक चर्चा हुई, जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वीकार किया की समय की कमी के चलते इस प्रकार की चूक हुई है।
आमंत्रण पत्र में राजा रानी राजकुमारी इंदिरा की फोटो नहीं लगा पाए, लेकिन भविष्य में इसका विशेष ध्यान रखा जावेगा। चर्चा के दौरान शहर में जनप्रतिनिधियों, व्यापारी संघ सदस्यों, गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित नहीं किए जाने की बात भी सामने आई, जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया गया कि आज के आज कार्ड वितरण किया जावेगा। महोत्सव में संस्थापक परिवार की अनदेखी और उपेक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हड़बड़ी में आमंत्रण पत्र छपाई और समय की कमी को कारण बताकर भविष्य में उसकी भरपाई करने का आश्वासन दिया गया है, इस स्थिति में प्रश्न यह उठता है कि महोत्सव आयोजन के सफल संचालन के लिए विभिन्न प्रकार की समितियों का गठन किया गया है तो क्या आमंत्रण पत्र मुद्रण का कार्य देखने वालों टीम को इतनी बड़ी त्रुटि कैसे नजर नहीं आई।
गौरतलब है कि खैरागढ़ महोत्सव के पहले दिन संस्थापक परिवार के राजा रानी एवं राजकुमारी इंदिरा की तस्वीर आमंत्रण पत्र व बैनर पोस्टर में ना होने से नाराज विभिन्न समाज के सदस्यों, राज परिवार व नगर वासियों के द्वारा कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए कुलसचिव एवं कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई थी और उनकी छवि धूमिल हुई थी। इस दौरान लाल शौर्यादित्य सिंह, आशीष सिंह, राजेंद्र सिंह, नित्य शरण सिंह ,अभिषेक सिंह ,अंकुर सिंह, जितेंद्र सिंह और सुदेश सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग संगीत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने डटे रहे।