राजनांदगांव
सत्तारूढ़ दल के विधायक और आम लोगों में दिखी पारंपरिक भोजन की रूचि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मजदूर दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजन बोरे बासी का खाने का आह्वान का असर राजनीतिक-प्रशासनिक बिरादरी के साथ आम लोगों में बढ़-चढकऱ रहा। आला नेताओं और जिले के शीर्ष अफसरों ने सुबह के नाश्ते में बोरे बासी के लजीज स्वाद को चखा।
कांग्रेस विधायकों और कलेक्टर-एसपी ने भी सुबह नाश्ते में बोरे बासी खाकर काफी सुखद महसूस किया। भीषण गर्मी में बोरे बासी खाने की राज्य में चलन रही है। गुजरे सालों में बोरे बासी खाने को लेकर लोगों की रूचि कम हो गई। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस के अवसर को खास मौका मानते हुए बोरे बासी खाने के परंपरागत रिवाज को एक तरह से संजोने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री बघेल के अपील का व्यापक स्तर पर असर रहा। राजनीतिक-गैर राजनीतिक स्तर पर बोरे बासी खाने के लिए लोग काफी उत्साहित रहे। मजदूर तबके के लिए गर्मी के दिन में बोरे बासी को सेहत के लिहाज से काफी उपयुक्त माना जाता है। मेडिकल जगत में भी पानी में डुबाए गए चावल को खाने से पेटजनित बीमारियां दूर होने की पुष्टि की है। पिछले कुछ सालों में बोरे बासी थाली से दूर होता चला गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पहल से थाली में परंपरागत नाश्ते के रूप में बोरे बासी खाने का रिवाज के लौटने की उम्मीद जगी है।
इधर डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल, खुज्जी विधायक छन्नी साहू, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, महापौर हेमा देशमुख, छग युवा आयोग अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं एसपी संतोष सिंग समेत अन्य लोगों ने स्वाद लेकर बोरे बासी का लुत्फ उठाया। डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल की थाली में भाजी और आम की चटनी नजर आया।
वहीं खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने अपने घर में प्याज के साथ बोरे बासी का स्वाद चखा। इसी तरह खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा ने ग्रामीणों के संग बोरे बासी और सब्जी का स्वाद चखा। इधर महापौर हेमा देशमुख के नाश्ते के मेज में भाजी और चटनी परोसी गई। युवा आयोग अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार ने अपनी पत्नी संग बोरे बासी खाकर परंपरागत नाश्ते के एक नए दौर की शुरूआत की।
इस बीच राजनांदगांव कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने भी अपने मेज पर स्वादिष्ट बोरे बासी खाकर दिन की शुरूआत की। उनकी थाली में नमक, लाल मिर्च और भाजी के साथ प्याज भी था। राजनंादगांव एसपी संतोष सिंग ने न सिर्फ स्वयं बोरे बासी के जायके का मजा लिया, बल्कि अपने सुपुत्र आयान सिंह को भी छत्तीसगढ़ के इस पारंपरिक खानपान से वाकिफ कराया। आज बोरे बासी खाने की महत्ता से रूबरू होते हुए हर वर्ग के थााली में आम-नीबू के आचार और चटनी के साथ भाजी भी दिखाई दिया। इस बहाने युवा पीढ़ी को परंपरागत खानपान की खासियत को जानने का मौका मिला।
निखिल ने मजदूरों को परोसा बोरे बासी
मजदूर दिवस पर शहर के श्रमिकों को परंपरागत नाश्ता के रूप में पर्यटन मंडल के सदस्य निखिल द्विवेदी ने बोरे बासी परोसा। स्थानीय जयस्तंभ चौक में एक विशेष पंडाल में मजदूरों को बोरे बासी और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन दिए गए। जिसमें चटनी, प्याज और अन्य खानपान की वस्तुएं परोसी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बोरे बासी खाने के पीछे के उद्देश्य से मजदूरों को अवगत कराते द्विवेदी ने बताया कि स्वास्थ्य के लिहाज से बोरे बासी खाना फायदेमंद है। वहीं युवा पीढ़ी के बर्गर और पिज्जा जैसे घातक फुड के पीछे भागने को खतरनाक ठहराते द्विवेदी ने कहा कि सदियों से छत्तीसगढ़ का दिहाड़ी मजदूर, किसान सुबह बोरे बासी खाकर दिन की शुरूआत करता है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गहराई को समझते हुए बोरे बासी खाने की लोगों से अपील की है।